नई दिल्ली: मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं को एक बड़ा तोहफा देने जा रही है. नई हज नीति के तहत मुस्लिम महिलाएं बिना किसी मेहरम (जिसके साथ खून का रिश्ता हो) के भी हज यात्रा पर जा सकेंगी. नई नीति में मोदी सरकार हज सब्सिडी के खत्म होने के बाद गरीब मुसलमानों को हज यात्रा का सस्ता विकल्प मुहैया कराने पर भी विचार कर रही है.
45 से ऊपर की महिलाएं अकेली यात्रा कर सकेंगी
नई नीति में पहली बार मुस्लिम महिलाओं को स्वतंत्र रूप से हज यात्रा करने की सुविधा दी गई है. इसके पहले कोई भी महिला अपने खून के रिश्ते वाले रिश्तेदार के बिना हज पर नहीं जा सकती थी लेकिन अब यह बंधन खत्म होने जा रहा है. नई नीति के तहत 45 साल की उम्र पार चुकी चार या उससे अधिक मुस्लिम महिलाएं एक साथ हज यात्रा पर जा सकती हैं. इसके लिए उन्हें किसी मेहरम के साथ जरूरत नहीं होगी. सऊदी अरब भी 45 और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को हज के लिए प्रवेश की अनुमति देता है.
समुद्री मार्ग के रुप में नए विकल्प की खोज
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए नई हज नीति में सब्सिडी की व्यवस्था खत्म करने को भी हरी झंडी दे दी गई है. सुप्रीम कोर्ट 2022 तक धीरे-धीरे हज सबसिडी खत्म करने का आदेश दिया था लेकिन हज सबसिडी खत्म होने के बावजूद सरकार हज यात्रा का सस्ता विकल्प मुहैया कराने पर विचार कर रही है. इसके लिए समुद्री जहाज से यात्रा की सुविधा दी जा सकती है.
हज हाउसों की संख्या 21 से घटाकर 9 की जाएगी
नई हज नीति में सऊदी अरब के साथ-साथ देश में बेहतर सुविधाएं देने पर जोर दिया गया है. इसके लिए हजयात्रियों के प्रस्थान के स्थानों की संख्या को 21 से घटाकर नौ किया जाएगा. अब वे दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोच्चि से प्रस्थान कर सकेंगे। इन सभी जगहों पर सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हज हाऊस का निर्माण करेगी. जिन प्रस्थान स्थानों को इससे बाहर रखा गया है, उनमें हज यात्रियों के बनी सुविधाओं का इस्तेमाल शैक्षिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा.
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