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यूपी चुनाव में हार पर बोले मुलायम, जनता को ये साथ पसंद नहीं आया

यूपी चुनाव में हार पर बोले मुलायम, जनता को ये साथ पसंद नहीं आया
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: अखिलेश यादव और राहुल गांधी का साथ न तो यूपी की जनता को पसंद आया और न ही मुलायम सिंह यादव को। समाजवादी पार्टी के संस्थापक के और चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाए गए ‘नेताजी’ गठबंधन को ही हार का जिम्मेदार बता रहे हैं। 5 विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास में शनिवार को चुनाव नतीजे देखते हुए उन्होंने ईटी से कहा, ‘गठबंधन नहीं होता तो समाजवादी की सरकार बनती। यदि कोई कहता है कि मैंने गठबंधन का समर्थन किया तो यह झूठ है। मैंने सार्वजनिक रूप से इसका विरोध किया था। कांग्रेस को यहां कोई पसंद नहीं करता है। क्या जरूरत थी? 2012 में हम पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आए थे।’

तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव पार्टी की हार के बाजवूद अविचलित दिखते हैं। पहलवान से नेता बने मुलायम के लिए संतोषजनक बात यह है कि उनके समर्थक जीत गए। उन्होंने कहा, ‘मेरे निकट के सारे जीत गए।’ इसमें उनके छोटे भाई शिवपाल यादव भी शामिल हैं।

समाजवादी पार्टी की हार के पीछे कारणों के बारे में पूछने पर मुलायम ने शिवपाल के बयान (अखिलेश का घमंड) की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘गठबंधन का अहंकार जीत के लिए जिम्मेदार है। क्या कहें यदि आप टीवी पर एक ठेले वाले का बयान सुनते हो कि मैंने हमेशा एसपी को वोट दिया, लेकिन इस बार नहीं क्योंकि नेताजी का अपमान हुआ। संदेश दूर तक गया है। मैं क्या कर सकता था?’ वह तुरंत ही मोदी की तरह वह बात याद दिलाते हैं, जैसा कि पीएम ने कन्नौज की रैली में कहा था, ‘जो लड़का अपने बाप का नहीं हो सकता वह आपका क्या होगा।’

बीजेपी की प्रचंड जीत पर अनुभवी नेता ने कहा, ‘यह बड़ी जीत है। बीजेपी के लिए बड़ा दिन है। बीएसपी का वोट शेयर भले ही बढ़ा है लेकिन पार्टी के तौर पर उसकी पकड़ ढीली हो रही है। विचित्र जीत है और हार भी।’ जिन कुछ उम्मीदवारों के लिए उन्होंने प्रचार किया उनमें से छोटी बहू अपर्णा की हार अपवाद है। इस पर उन्होंने कहा, ‘कैंट बेकार सीट है। वहां की जनसांख्यिकी को देखो। हम वहां केवल एक बार जीते हैं। वह चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक थी और कड़ी मेहनत भी की, लेकिन 3 लाख वोटर्स वाले एक सीट जिसमें केवल 6 हजार यादव वोटर्स हों, यह बहुत कठिन था। चलो कोई बात नहीं। वह अभी लड़की है। अनुभव तो हो गया होगा।’

साधना गुप्ता के बयान को लेकर पूछने पर मुलायम ने कहा, ‘बहुत सादगी से उसने ये कहा कि नेताजी का सम्मान होना चाहिए था। नकारात्मक नहीं बोली कि अपमान नहीं करना चाहिए था।’ प्रतीक यादव के राजनीति में आने संबंधी बयान पर उन्होंने कहा, ‘वह महसूस करती है कि उसे अकेला छोड़ दिया गया। इसमें कोई बुराई नहीं है यदि वह चुनाव लड़ना चाहता है।’

चुनाव नतीजों के बाद क्या मुख्यमंत्री ने फोन किया? मुलायम ने कहा, ‘फोन करता रहता है। अब क्या बोलेगा?’ तभी लैंडलाइन की घंटी बजती है। एक विजेता एसपी उम्मीदवार नेता जी से आशीर्वाद लेना चाहता है। नेताजी ने उससे कहा, ‘अब बिना देर किए क्षेत्र में निकल जाना और लोगों को धन्यवाद करना।’ अमर सिंह को लेकर उन्होंने कहा, ‘किसी का अपमान नहीं होना चाहिए था। उसके पास नाराज होने का कारण है।’

भविष्य को लेकर पूछे जाने पर मुलायम ने कहा, ‘काम करना पड़ेगा। मैंने मेहनत करके पार्टी बनाई है। हार का दुख ना मना के चिंतन करो तो समझो सफलता ही सफलता है जीवन में। यह केवल बदलाव का नहीं बल्कि मेकओवर का समय है।’

साभार न्यूज डीएनएनटीवी

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