लखनऊ: योगी सरकार ने विलुप्त नदियों को पुनर्जीवित करने हेतु प्रसंशनीय प्रयास कर रही है। इसके अन्र्तगत प्रदेश में विलुप्त हो रही पवित्र नदियों के संरक्षण, संर्वधन एवं अनुरक्षण कार्यक्रम को विशाल जन सहभागिता के आधार पर प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अपनी पहचान खो चुुकी नदियों को जन सहभागिता से पुनर्जीवित किया जायेगा। ये विचार उ0प्र0 के सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने व्यक्त करते हुए कहा कि पुरातन नदियों को सदानीरा बनाने के लिए चरणबद्व कार्य योजना तैयार की गई है।
इसके अन्र्तगत प्रथम चरण में पीलीभीत/लखनऊ की गोमती, अयोध्या की पौराणिक तमसा नदी, प्रतापगढ़ की सई, वाराणसी की वरूणा, बरेली की अरिल तथा बदायूं की सोत नदियों को अविरल और निर्मल बनाने के लिए जन-जन के सहयोग से विशाल जन आन्दोलन मा0 मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में चलाया जायेगा। सिंचाई मंत्री ने बताया कि इस अभियान के जन जागरण कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार कर ली गई है। आदिगंगा के नाम से विख्यात पावन गोमती नदी की उद्गम स्थल जनपद पीलीभीत में 10 मार्च, 2018 शनिवार को एक विशाल जन जागरण कार्यक्रम पीलीभीत के गांधी प्रेक्षाग्रह में आयोजित किया जा रहा है।
इसमें पूज्यनीय साधू संतो के अलावा सांसद, विधायक गण सहित सभी अन्य जन प्रतिनिधियों (अध्यक्ष जिलापंचायत, ब्लाक प्रमुख, उपाध्यक्ष सिंचाई बंधु, सदस्य बी0डी0सी0, ग्रामप्रधान आदि) स्वैच्छिक संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, सुप्रसिद्व उद्यमियों, सहित्यकारों, प्रबुद्व पत्रकारों की सहभागिता आमंत्रित की गई है। इसी समारोह में सुप्रसिद्व सामाजिक संस्था लोक भारती के संगठन सचिव श्री बृजेन्द्र पाल सिंह तथा जल पुरूष की उपाधि से विभूषित श्री राजेन्द्र सिंह जी को भी सादर आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने बताया कि 10 मार्च को ही अरिल नदी के पुनर्जीवीकरण के संबंध में एक बैठक बरेली कालेज आडोटोरियम में आयोजित की गयी हैं। जिसमें जन जन की सहभागिता से अरिल नदी को अपने पूर्व पौराणिक स्वरूप देने की कार्ययोजना पर विचार किया जायेगा तथा नदियों के प्राकृतिक स्रोतो को खुदाई के द्वारा प्रभावी बनाया जायेगा। जिससे की नदी निर्मल और अविरल बन सके।
सिंचाई मंत्री के अनुसार प्रमुख सचिव सिंचाई टी0 वैंकटेश के मार्ग दर्शन में सिंचाई विभाग ने एक विशेष जन जागरण अभियान शुरू किया है जिसके तहत नदियों को पुर्नजीवित करने के लिए जन जन को जोड़ने के लिए होर्डिग्स, हैण्डबिल, एल0ई0डी0 वैन आदि के माध्यम से सघन प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जिससे की आम जन की सहभागिता से नदियों को उद्वार किया जा सके।