ऋषिकेश: भारत की वैदिक और सनातन परंपरा समूचे विश्व को आदिकाल से एकसूत्र में बांधने का काम करती आई है। समूचे विश्व को परिवार यानी वसुधैव कुटुंबकम के रूप में परिभाषित करने वाले भारत से निकली ऋषि परंपरा योग आज विदेशियों के दिलों में स्थान बना चुकी है। इसका एक उदाहरण यहां ऋषिकेष में तब दिखा जब अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सैकड़ों विदेशी साधकों के आगे सीधे स्क्रीन में नजर आए और विदेशी साधक मोदी-मोदी बोल उठे।
प्रधानमंत्री के संदेश ने अमेरिका से यहां आए साधकों को इतना अधिक प्रभावित किया कि वह बोल उठे कि नरेंद्र मोदी ने उनके मन-मस्तष्क को जगाने का काम किया है। बताते चलें कि देश की योग राजधानी के रूप में पहचान रखने वाले ऋषिकेश में बीते 29 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय योग सप्ताह का आयोजन होता आया है। मगर इस वर्ष होने वाले योग महोत्सव में एक खास बात थी प्रधानमंत्री की डिजिटल उपस्थिति। विश्वगुरु कहलाने वाले भारत देश के प्रधान सेवक यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय व विदेशी योग साधकों से वीडियो काॅफेंसिंग के जरिए रूबरू हुए। जब तक मोदी बोलते रहे योग पांडाल में शांति छाई रही। इतना जरूर है कि प्रधानमंत्री के स्क्रीन पर आते ही सभी लोगों ने हाथ उठाकर मोदी-मोदी कहते हुए उनका स्वागत किया। इन साधकों की भीड़ में अमेरिका जैसे विकसित देश से आए योग साधकों की संख्या भी कम नहीं थी।
अमेरिका से आए योग साधक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुक्त कंठ से गुणगान करते नजर आए। यह सभी इतने उत्साहित थे कि उन्होंने स्वीकारा कि भारत के प्रधानमंत्री ने उनके अंतर्मन और मन-मस्तिष्क को जगाने का काम किया है। अमेरिका निवासी मरीसा का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव को लेकर मैं अत्यधिक उत्साहित रही। मगर जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुना तो यह पल मेरे लिए अतुलनीय बन गए हैं। वास्तव में भारत देश और यहां के लोग खुली सोच रखते हैं।
अमेरिका निवासी एरिका काॅफमन का कहना है कि मैं अमेरिका में लीला योगा सिखाती हूं। मैं भारत से पहले से ही काफी प्रभावित रही हूं। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुना खुले दिल और दिमाग से प्रधानमंत्री ने जो कुछ कहा वह और भी प्रभावित करने वाला रहा। अमेरिका निवासी केसी का कहना है कि मैं मोदी को सुनकर बहुत प्रसन्न हूं। मैं अगले वर्ष फिर यहां आऊंगी। पूज्य स्वामी जी ने हमारे हृदय को जगाने का काम किया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे मन-मस्तिष्क को अपने संबोधन के जरिए जगाया है। अमेरिका निवासी पियांकिया का कहना है कि अब तक भारत देश के बारे में जाना था। मगर इस देश के प्रधानमंत्री को सुना तो बहुत अच्छा लगा। स्वच्छता जन स्वास्थ्य के साथ वैज्ञानिकता की सोच का समागम प्रधानमंत्री की बातों में देखने को मिला। मैं यह सब देखकर काफी प्रभावित हूं। अमेरिका निवासी ससान का कहना है कि मैं योग के जरिए भारत की संस्कृति को समझना चाहती हूं। यहां आकर योग, अध्यात्म, संस्कृति सभी को अंगीकृत करने का मौका मिला। प्रधानमंत्री को सुनकर रोमांचित हूं। उनकी बातों में दूरदृष्टि की झलक देखने को मिलती है।