चमोली: केन्द्र, राज्य एवं अन्य सरकारी एजेन्सियों के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत वित्त के सुनियोजित ढंग से आंवटन तथा वित्त आवंटन के प्रत्येक स्तर पर पारदर्शिता लाने के उदेश्य से पूरे देश में सार्वजनिक वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली (पीएफएमएस) के तहत योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसके तहत किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी का बैंक खाता आधार से लिंक होना अनिवार्य है। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए केन्द्र व राज्य पोषित विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित हो रहे लाभार्थियों के शत प्रतिशत बैंक खातों को 31 मार्च तक आधार सीडिंग करने के निर्देश दिये है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिन विभागों के माध्यम से केन्द्र व राज्य पोषित योजनाऐं संचालित की जा रही है, उन सभी विभागों का सार्वजनिक वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली (पीएफएमएस) के तहत 31 मार्च तक पंजीकरण होना आवश्यक है। उन्होंने ऐसे सभी विभागों को निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत पंजीकरण करने के साथ साथ संचालित योजनाओं के तहत लाभान्वित हो रहे लाभार्थियों के शतप्रतिशत बैंक खातों को आधार से सीडिंग करने के निर्देश दिये है। समाज कल्याण विभाग में अभी तक केवल 67 प्रतिशत पेंशन लाभार्थियों के खाते आाधार से लिंक होने पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए जिलाधिकारी ने माह के अंत तक शत प्रतिशत लाभार्थियों के खातों को लिंक करने के निर्देश समाज कल्याण अधिकारी को दिये है। जिले में विधवा, विकलांग एवं वृद्वावस्था पेंशन पाने वाले लाभार्थियों के बैंक खातों को आधार से लिंक करने के लिए सीडीओ, एसडीएम, डीडीओ, वीडीओ एवं डीपीआरओ को भी निर्देशित किया है। जिलाधिकारी ने बताया कि जिन लाभार्थियों का बैंक खाता, आधार से लिंक नही होगा, उसे किसी भी योजना का लाभ नही मिल पायेगा।
विदित हो कि कोई भी लाभार्थी केन्द्र व राज्य से संचालित योजनाऐं पीएम जनधन, पीएम सुरक्षा, सीएम स्वास्थ्य, इन्द्रा आवास, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, शिक्षा, सामाज कल्याण से प्राप्त पेंशन, कृषि बीमा, मनरेगा आदि का लाभ तभी ले पायेंगे, जब लाभार्थी का आधार नम्बर सीबीएस खाते से लिंक हो तथा सार्वजनिक वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली के तहत पंजीकृत हो। जिला पूर्ति कार्यालय ने 87 प्रतिशत, मनरेगा ने 99.7 प्रतिशत तथा शिक्षा में शतप्रतिशत लाभार्थियों के बैंक खातों को आधार से लिंक किया जा चुका है। मुख्य कोषाधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार के निर्देशानुसार पूरे देश में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत फंड के प्रवाह के कुशल और प्रभावी ट्रैकिंग के साथ कोर बैंकिग समाधान हेतु सार्वजनिक वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली (पीएफएमएस) का क्रियान्वयन किया जाना है। चार राज्यों मध्य प्रदेश, पंजाब, बिहार व मिजोरम में यह व्यवस्था वर्ष 2008 में शुरू की गयी थी तथा उत्तराखण्ड सहित अन्य सभी राज्यों में सितंबर माह से ही इस योजना के तहत कार्य किया जा रहा है। पीएफएमएस का उदेश्य पूरे देश में एक कुशल वित्त प्रवाह प्रणाली स्थापित करना है, जिससे आंवटित धनराशि का उच्च स्तर से न्यूनतम स्तर तक पारदर्शिता बनी रहे तथा पात्र लाभार्थियों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके। इस अवसर पर एसडीएम अभिषेक रूहेला, एसडीएम सीएस डोभाल, एसडीएम केएन गोस्वामी, एसडीएम योगेन्द्र सिंह, सीटीओ वीरेन्द्र कुमार, टीओ दीपक चन्द्र भट्ट, समाज कल्याण अधिकारी सुरेन्द्र लाल, सीवीओ डा0 लोकेश शर्मा, जीएम डीआईसी एमएस सजवाण सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।