देहरादून: कैम्पा योजना को प्रभावशाली एवं क्रियाशील बनाएं। योजना में जलसंवर्धन एवं जल संरक्षण पर विशेष फोकस किया जाए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान निर्देश दिए कि 19 जुलाई को वृक्षारोपण को पूरे प्रदेश में अभियान के रुप में क्रियान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण हेतु समस्त जनपदों एवं राज्य स्तर पर जन सहभागिता के अतिरिक्त सरकारी एवं गैर सरकारी विभागों को भी शामिल कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने नदियों के किनारों पर वृक्षारोपण करने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने वृक्षारोपण के साथ-साथ वनाग्नि सुरक्षा पर बल देते हुए विशेष प्रयास करने को कहा। हिमालय दिवस पर विशेषज्ञों की टीम से परिचर्चा का कार्यक्रम बना लिया जाए। जिसमें पर्यावरणीय बिंदुओं को प्रमुखता से उठाया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री ने विभिन्न नदियों के पुनर्जीवित करने के प्रयास पर बल दिया
उत्तराखंड के क्षतिपूरक वनीकरण कार्य में तेजी लाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि विभिन्न योजनाओं हेतु भूमि हस्तांतरण के बाद दोगुना वृक्षारोपण किया जाए। योजना के थर्ड पार्टी जांच के रूप में एफ.आर.आई. का उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मीटिंग ना हो सके, तो उपाध्यक्ष के रूप में वन मंत्री की अध्यक्षता में बैठक करा ली जाए, ताकि नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा सकें।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत ने योजना के लेखा-जोखा, मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम पर बल देते हुए कहा कि योजना का नियमित ऑडिट किया जाए। वन मंत्री डाॅ.हरक सिंह रावत ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना में योजना की स्वीकृति के अधिकार राज्य को दिये जाने हेतु केन्द्र से पत्राचार किया जा रहा है, इससे राज्य की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राज्य अपनी सुविधा अनुसार योजना स्वीकृत कर सकेगा।
इस योजना में 1900 करोड़ रूपये की निधि केन्द्र सरकार के पास उत्तराखण्ड राज्य में योजना को लागू करने हेतु रखी गई है। बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, सचिव वित्त श्री अमित सिंह नेगी, प्रमुख वन संरक्षक(एच.ओ.एफ.एफ) श्री राजेंद्र कुमार, प्रमुख वन संरक्षक, वन पंचायत श्री अशोक पै, प्रमुख वन संरक्षक, वन्य जीव/मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक श्री डी.वी.एस.खाती, अपर प्रमुख वन संरक्षक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री समीर सिन्हा आदि उपस्थित थे।