काफी समय से चल रही गहमागहमी के बाद आखिरकार टीम इंडिया के हेड कोच के नाम पर मुहर लग गई। कोच के उम्मीदवारों में फेवरेट माने जा रहे और कप्तान विराट कोहली की पहली च्वाइस रवि शास्त्री को टीम इंडिया की कमान सौंप दी गई है। लेकिन रवि शास्त्री के नाम के साथ ही बीसीसीआई ने दो नाम टीम के साथ और जोड़ दिए हैं। रवि शास्त्री के साथ राहुल द्रविड़ को विदेशी दौरों के लिए बल्लेबाज़ी सलाहकार नियुक्त किया गया है और वहीं जहीर खान गेंदबाज़ो को गुर सिखाते नज़र आएंगे। हालांकि बीसीसीआई ने ज़हीर को दो साल के लिए गेंदबाज़ी कोच के लिए चुना है। वहीं राहुल विदेशी दौरे पर टीम को गाइड करते दिखाई देंगे।
रवि शास्त्री इससे पहले भी बतौर टीम डायरेक्टर टीम के लिए काम कर चुकें हैं। उनके बाद अनिल कुंबले को टीम इंडिया का कोच बनाया गया था जिन्होंने एक साल का अपना कार्यकाल पूरा होने से कुछ समय पहले ही कप्तान कोहली से अनबन के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि इससे पहले भी मीडिया में खबर आई थी कि रवि शास्त्री को टीम इंडिया का कोच नियुक्त कर दिया गया है लेकिन बाद में बीसीसीसीआई ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि फिलहाल नए कोच को लेकर फैसला नहीं किया गया है।
इससे पहले टीम इंडिया के कोच के लिए पांच लोगों का इंटरव्यू किया गया था, जिसमें टॉम मूडी, वीरेंद्र सहवाग, लालचंद राजपूत, रिचर्ड पायबस और रवि शास्त्री के नाम शामिल थे। इंटरव्यू के बाद सोमवार को सीएसी सदस्य सौरव गांगुली ने कहा था कि आखिरी फैसले से पूर्व कोहली की राय भी ली जाएगी। लेकिन एक दिन बाद ही रवि शास्त्री के नाम को लॉक कर दिया।
बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने इस नियुक्ति की पुष्टि करते हुए कहा, ‘क्रिकेट सलाहकर समिति की सिफारिश पर हमने रवि शास्त्री को मुख्य कोच नियुक्त करने का फैसला किया है जबकि जहीर खान को दो साल के लिए गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है।’ शास्त्री तीसरी बार अधिकारी के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम के साथ जुड़े हैं। इससे पहले वह 2007 में बांग्लादेश दौरे के दौरान क्रिकेट मैनेजर थे और इसके बाद अगस्त 2014 से जून 2016 तक उन्हें टीम निदेशक बनाया गया जिस दौरान भारत ने श्रीलंका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर टेस्ट शृंखला जीती और 2015 विश्व कप तथा 2016 विश्व टी-20 के सेमीफाइनल में जगह बनाई।
सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक रवि शास्त्री की सीधी टक्कर वीरेंद्र सहवाग से थी। लेकिन विराट कोहली की पसंद को देखते हुए बीसीसीआई और सलाहकार समिति ने शास्त्री के नाम पर मुहर लगाना बेहतर समझा।