देश भर में ‘पद्मावती’ पर हुए तमाम विरोधों के बाद फिल्म के निर्माता और निर्देशक राजपूत संगठन के सामने इसकी स्क्रीनिंग करने के लिए तैयार हो गए है. मिड डे की खबर के अनुसार अखंड राजपुताना सेवासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर पी सिंह ने बताया है कि फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली फिल्म रिलीज़ से पहले राजपूत समाज के संगठनों के प्रतिनिधियों को फिल्म दिखाने के लिए सहमत हो गए हैं. आर पी सिंह ने कहा कि फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा कि फिल्म में राजपूत समाज और रानी पद्मावती मर्यादा का कितना ख्याल रखा गया है.
राजस्थान में नहीं मिल रहा कोई डिस्ट्रीब्यूटर
फिल्म को लेकर हो रहे इतने बवाल के बाद राजस्थान में इस फिल्म को कोई डिस्ट्रीब्यूटर भी नहीं मिल रहा है. सभी ने फिल्म के राइट्स खरीदने से मना कर दिया है. वहीं, जयपुर के पूर्व राजपरिवार की प्रिंसेस और विधायक दीया कुमारी ने पद्मावती को लेकर कहा है कि फिल्म के बहाने राजस्थान के इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी की है आलोचना- हिंदू देवताओं और योद्धाओं पर फिल्में अब बर्दाश्त नहीं
अब बीजेपी के वरिष्ठ मंत्री गिरिराज सिंह ने ‘पद्मावती’ के निर्माताओं और डायरेक्टर को आड़े हाथ लेते हुए कहा था, ‘वो सब हिंदू गुरुओं, देवताओं और योद्धाओं पर फिल्में बनाते हैं. इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते.’ आगे बात करते हुए गिरिराज ने ‘पद्मावती’ के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली पर भी निशाना साधा, कहा- ‘क्या संजय भंसाली या किसी भी दूसरे निर्माताओं में हिम्मत है कि वे किसी और धर्म को लेकर फिल्में बनाएं या उन पर कोई टिप्पणी करें.’
संजय लीला भंसाली पर आरोप
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वकील सोमेश चंद्रा झा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर फिल्म निर्माताओं के खिलाफ आरोप लगाया कि रानी पद्मावती के चरित्र को फिल्म में गलत ढंग से फिल्माया गया है. याचिका में ये भी कहा गया है राजघराने की रानियां घमूर और ठुमके नहीं लगाती थीं. इसके साथ ही दीपिका के कपड़ों को लेकर भी सवाल उठाया गया है. संजय लीला भंसाली पर आरोप है कि उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है. फिल्म चलाने के लिए संजय ने अश्लीलता का सहारा लिया है.
संजय लीला की सफाई
हाल ही में भंसाली ने इस विषय पर अपनी सफाई देते हुए कहा था, ‘मैंने यह फिल्म बहुत ईमानदारी और मेहनत से बनाई है. रानी पद्मावती की कहानी से मैं हमेशा प्रभावित रहा हूं और यह फिल्म उनकी वीरता और उनके आत्मबलिदान को नमन करती है. भंसाली ने कई बार स्पष्टीकरण दिया है कि फिल्म में ऐसा कोई दृश्य नहीं है, जो किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाता हो. उन्होंने उन अफवाहों का खंडन किया है, जिनके मुताबिक रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच प्रेम संबंधी दृश्य हैं. एक नजर देखिए संजयलीला भंसाली का लोगों के नाम संदेश
सर्वोच्च न्यायालय का हस्ताक्षेप से इनकार
सर्वोच्च न्यायालय ने भी फिल्म ‘पद्मावती’ को सिनेमाघरों में दिखाए जाने से रोकने की मांग वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी और इस फिल्म के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, क्योंकि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) अभी तक इसके प्रमाणन पर फैसला नहीं कर पाया है.