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राजस्व पुलिस क्षेत्र के नियंत्रणाधीन क्षेत्रों को नियमित पुलिस क्षेत्र में किये जाने के सम्बन्ध

उत्तराखंड
देहरादून 20 फरवरी, 2015: राजस्व पुलिस क्षेत्र के नियंत्रणाधीन क्षेत्रों को नियमित पुलिस क्षेत्र में किये जाने के सम्बन्ध में माननीय मंत्री मण्डल की दो-सदस्यीय उप-समिति की बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, लघु सिंचाई, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, गृह एवं पिछ़ड़ा क्षेत्र विकास मंत्री उत्तराखण्ड सरकार प्रीतम सिंह एवं राजस्व, सिंचाई, सहकारिता, तकनीकी शिक्षा, ग्रामीण अभियन्त्रण, सड़कें एवं ड्रेनेज, भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएॅ मंत्री उत्तराखण्ड सरकार यशपाल आर्य की अध्यक्षता में पुलिस के उच्चाधिकारियों के साथ विधान सभा स्थित सभागार में बैठक आहुत हुई।

बैठक में मंत्री मण्डल की द्वि-सदस्यीय उप-समिति में प्रदेश के दोनों मंत्रियों ने कहा कि हमारे पहाड़ बहुत संवेदनशील हैं इसलिए नियमित पुलिस थाने खुलने आवश्यक हैं। परन्तु उन्होंने आई.जी. गढ़वाल को यह भी निर्देश दिये कि सर्वप्रथम नियमित थाने खोलने से पुर्व क्षेत्र के जनप्रतिनिधि यथा क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्यों की सहमति भी ले ली जाय। जिससे कोई विरोधाभास उत्पन्न न हो। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों  की राय एवं सहमति लेते हुए जहाॅं आवश्यक है वहाॅं नियमित पुलिस के थाने खोलने की प्रक्रिया की जाय।
बैठक में अपर महानिदेशक प्रशासन अनिल कुमार रतूड़ी ने राजस्व क्षेत्रों को नियमित पुलिस क्षेत्र में किये जाने के सम्बन्ध में मा0 मंत्री मण्डल की द्वि-सदस्यीय उप-समिति को विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने उप-समिति को अवगत कराया कि लगभग 60 प्रतिशत क्षेत्रफल राजस्व पुलिस व्यवस्था के अन्तर्गत संचालित हो रहा है। उन्होंने कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि राजस्व पुलिस क्षेत्र में नियमित पुलिस क्यों आवश्यक है। उन्होंने राजस्व पुलिस के कर्मियों का समय-समय पर हड़ताल पर रहना जिससे राज्य के 60 प्रतिशत क्षेत्र में पुलिस व्यवस्था प्रभावित होती है। तथा राजस्व पुलिस क्षेत्र में पुलिस कार्य हेतु कर्मियों की संख्या नगण्य है। उन्होंने विचार-विमर्श के दौरान अवगत कराया कि महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील अपराधों को राजस्व पुलिस नियमित पुलिस को विवेचना हेतु हस्तानान्तरित  किया जाता है। इसके साथ ही माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड द्वारा प्रदेश में राजस्व पुलिस क्षेत्रान्तर्गत महिलाओं से सम्बन्धित घटित समस्त अपराधों की विवेचना नियमित पुलिस के द्वारा किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
बैठक में उन्होंने मंत्री मण्डल की द्वि-सदस्यीय उप-समिति को यह भी अवगत कराया कि राजस्व पुलिस क्षेत्र में वी.आई.पी.भ्रमण, मेले, त्यौहार, आपदा एवं शान्ति व्यवस्था हेतु निरन्तर नियमित पुलिस बल की व्यवस्था करने की अपेक्षा की जाती है। बैठक में उन्होंने राजस्व पुलिस के सम्बन्ध में मा0 उच्च न्यायालय की टिप्पणी का भी उद्वरण प्रस्तुत किया।
उन्होंने यह भी अवगत किरा कि राजस्व पुलिस क्षेत्र में जो प्रस्तावित थाने स्थापित किये जाने है। उनके औचित्य पर भी प्रकाश डाला। जिससे उत्तरकाशी में प्रस्तावित थाना मोरी, टिहरी गढ़वाल में प्रस्तावित थाना लम्बगांव व थत्यूड़, पौड़ी गढ़वाल में प्रस्तावित थाना थलीसैण, अल्मोड़ा में प्रस्तावित थाना दन्या, बागेश्वर में प्रस्तावित थाना काण्डा, चम्पावत में प्रस्तावित थाना पाटी, देहरादून में प्रस्तावित थाना त्यूणी, उन्होंने अवगत कराते हुए कहा कि जनपद देहरादून मंे स्थान त्यूणी में थाना बनाये जाने सम्बन्धी शासनादेश राज्य गठन से पूर्व निर्गत किया जा चुका है। मात्र थाना क्षेत्र के अन्तर्गत सम्मलित किये जाने वाले गांवों की अधिसूचना निर्गत किये जाने की कार्यवाही शेष है।
बैठक में पुलिस महानिदेशक बी.एस.सिद्दू, सचिव राजस्व परिषद विजय ढौंडियाल, आई.जी. मुख्यालय दीपम सेठ, ए.डी.जी.प्रशासन आर.एस.मीणा, एडीशनल सैक्रेटरी गृह अजय रौंतेला,अपर महानिदेशक प्रशासन अनिल के. रतूड़ी, आई.जी.गढ़वाल संजय गुंज्याल,डी.आई.जी. अर्द्धकुम्भ मेला जी.एस.मार्तोलिया एवं कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

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