मुंबई: एस. एस. राजामौली इस वर्ष अपनी फिल्म ‘बाहुबली 2: द कनक्लूजन’ के ऑस्कर में शामिल न होने से निराश नहीं हैं फिल्मकार का कहना है कि उनका लक्ष्य कहानियों को दर्शकों तक पहुंचाना और पुरस्कार जीतने के बजाय टीम के लिए पैसा बनाना है राजामौली ने कहा, “बिलकुल भी नहीं (इस वर्ष ऑस्कर की दौड़ में पीछे होने से निराश नहीं), जब मैं फिल्म बनाता हूं तो कभी पुरस्कार के बारे में नहीं सोचता यह मेरा लक्ष्य नहीं है मेरा पहला लक्ष्य खुद कहानी से संतुष्ट होना और फिर दर्शकों की अधिकतम संख्या तक पहुंचना है और उनके लिए पैसा कमाना, जिन्होंने इसमें अपनी जान लगाई है।”
उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए सबसे जरूरी है अगर पुरस्कार मिलता है, तो मैं खुश हूं। अगर नहीं तो भी मुझे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि यह मेरे मानदंडों पर नहीं है।”
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी पृष्ठभूमि पर निर्मित हिंदी फिल्म ‘न्यूटन’ ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में नामांकित की गई है माना जा रहा है कि ‘बाहुबली 2: द कनक्लजन’ भी इस दौड़ में थी।
यह फिल्म 8 अक्टूबर को सोनी मैक्स टीवी पर दिखाई जाएगी. राजामौली ने ‘बाहुबली’ के निर्माता के रूप में वैश्विक ख्याति प्राप्त की है यह फिल्म 900 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई के साथ भारत की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर बन गई है फिल्म में प्रभास, राणा दग्गुबाती, अनुष्का शेट्टी, राम्या कृष्णन, तमन्ना भाटिया और सत्यराज जैसे सितारे प्रमुख भूमिकाओं में थे।
उन्होंने बताया कि उन्हें फिल्म की सफलता पर पूरा यकीन था लेकिन उत्तरी भारत में फिल्म की अपार लोकप्रियता ने उन्हें भी हैरत में डाल दिया था।
उन्होंने कहा, “दोनों फिल्मों (बाहुबली-1 और बाहुबली-2) का कुल बजट 150 करोड़ रुपये था अगर हमें उम्मीद नहीं होती कि फिल्म इतना अच्छा परिणाम हासिल करेगी तो हम इसे बनाते ही नहीं।”
निर्देशक ने चुटीले अंदाज में कहा, “इन दोनों फिल्मों की सफलता के बाद देश के उत्तरी हिस्से में भी मैं अपनी निजता (प्राइवेसी) कुछ हद तक खो चुका हूं।”
वर्ष 2017 में बॉलीवुड के लिए बॉक्स ऑफिस पर निराशाजनक स्थिति के बारे में राजामौली ने कहा, “वर्तमान में हिंदी फिल्मोद्योग थोड़ा सुस्त पड़ा हुआ है लेकिन मुझे नहीं लगता यह ज्यादा समय तक चलेगा और बहुत जल्द हम बहुत सारी सफलता देखेंगे।”