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राज्य सरकार के लिए किसानों का हित सर्वाेपरि: मुख्यमंत्री

कृषि संबंधित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि राज्य सरकार के लिए किसानों का हित सर्वाेपरि है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार हर सम्भव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने में मण्डियों की बड़ी भूमिका है। इसलिए मण्डियों की कार्यप्रणाली सरल, पारदर्शी, भ्रष्टाचारमुक्त, तकनीक आधारित एवं किसान फ्रेण्डली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मण्डी परिषद द्वारा दिये जाने वाले अनुदानों का लाभ किसानों को मिलना चाहिए, न कि बिचैलियों को। मण्डी परिषद द्वारा ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि किसान मण्डी में आने के लिए प्रोत्साहित हो।

मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद, उत्तर प्रदेश के संचालक मण्डल की 154वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि मण्डी परिषद द्वारा स्थायी परिसम्पत्तियों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। मण्डी परिषद आवश्यकता को ध्यान में रखकर नयी मण्डियों का निर्माण कराये। उन्होंने कहा कि परिषद द्वारा कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रावासों के निर्माण की सम्भावनाओं की जांच कर छात्रावास बनाए जाएं, ताकि इन संस्थानों में अध्ययरत विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई पूरी करने में सहूलियत हो। उन्होंने मण्डियों में नियमित साफ-सफाई हेतु भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
इस मौके पर निदेशक मण्डी परिषद ने अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में 01 अप्रैल से 31 दिसम्बर तक प्रदेश की मण्डी समितियों की कुल आय 1106.81 करोड़ रुपये रही है, जो निर्धारित लक्ष्य 1159.10 के सापेक्ष 95.5 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष इसी अवधि में मण्डी समितियों को

885.35 करोड़ रुपये की आय हुई थी। इस प्रकार, चालू वित्तीय वर्ष के 9 महीनों में मण्डी समितियों की आय में विगत वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में
221.47 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।

बैठक में ‘मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजना’ को लागू करने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया। इसके अन्तर्गत मण्डी परिषद द्वारा मण्डी समितियों के माध्यम से संचालित ‘मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना’, ‘मुख्यमंत्री खेत-खलिहान, अग्नि काण्ड दुर्घटना सहायता योजना’, ‘मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना’, ‘मुख्यमंत्री कृषि छात्रवृत्ति योजना’ आदि योजनाओं को अधिक उपयोगी, व्यापक, पारदर्शी और प्रभावी बनाकर नवीन रूप में लागू किया जाएगा। इसके अलावा, प्रदेश की मण्डी समितियों में किसानों की सुविधा के लिए गेहूं, धान आदि की खरीद के समय ‘मुख्यमंत्री कृषक आहार योजना’ संचालित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी।

राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के संचालक मण्डल की बैठक में मण्डी परिषद/मण्डी समिति के कार्मिकों को 01 जनवरी, 2016 से पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स का लाभ अनुमन्य कराने के प्रस्ताव को भी अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, ‘उत्तर प्रदेश आलू निर्यात प्रोत्साहन योजना-2018’ को लागू करने, प्रदेश के नवीन मण्डी स्थलों में पी0पी0पी0 माॅडल पर कृषि उत्पाद प्रसंस्करण इकाइयों को स्थापित किये जाने तथा नयी प्रसंस्करण इकाई, जिसके संयंत्र और मशीनरी की लागत 5 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो, की स्थापना की तिथि, वह तिथि मानने, जिस तिथि को सम्बन्धित कृषि उत्पादन मण्डी समिति द्वारा मिल/कारखाना का लाइसेंस निर्गत किया गया है, के प्रस्ताव को भी अनुमोदन प्रदान किया गया।

इसके अलावा, बैठक में उत्तर प्रदेश चावल निर्यात प्रोत्साहन योजना (2017-2022) लागू किये जाने हेतु शासन द्वारा निर्गत कार्यालय ज्ञाप के अवलोकन/कार्याेत्तर अनुमोदन, प्रसंस्कृत तिल निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए मण्डी शुल्क व विकास शुल्क में आगामी 5 वर्षाें (2017-2022) तक छूट/प्रोत्साहन दिये जाने के प्रस्ताव, मेंथा निर्यात पर दी जा रही मण्डी शुल्क तथा विकास-सेस की छूट की व्यवस्था को परिवर्तित करने सम्बन्धी प्रस्ताव, ‘उत्तर प्रदेश नवाब ब्राण्ड आम निर्यात सहायता विनियमावली-2018 लागू किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव, गुड़/खाण्डसारी इकाइयों हेतु त्रिवर्षीय समाधान योजना (चीनी वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक के लिए) लागू किये जाने के प्रस्ताव, मण्डी अधिनियम, 1964 की धारा 8(1)(क) के तहत सिंघाड़ा को निर्दिष्ट कृषि उत्पाद की सूची से अपवर्जित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गयी।

बैठक में, सुपारी पर मण्डी शुल्क 1 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया। साथ ही, मण्डी स्थल/उप मण्डी स्थल/सुपर मार्केट/कृषि विपणन केन्द्र (ए0एम0एच0)/ग्रामीण अवस्थापना केन्द्र (रिन) में निर्मित दुकानों/गोदामों तथा अन्य परिसम्पत्तियों के ‘आवंटन विनियमावली-2016’ में संशोधन के प्रस्ताव, जनपद पीलीभीत की कृषि उत्पादन मण्डी समिति बीसलपुर के उप मण्डी स्थल बिलसण्डा के निर्माणार्थ किसानों से आपसी सहमति के आधार पर ग्राम चिन्तापुर की 9.084 हेक्टेयर भूमि के क्रय सम्बन्धी प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गई।

इस अवसर पर कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाति सिंह सहित राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के संचालक मण्डल के अन्य सदस्य, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री तथा शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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