लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए काम कर रही है। गांव, गरीब, महिला एवं किसान आदि की आर्थिक स्थिति मजबूत करने एवं उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सरकारी धन के दुरुपयोग को रोककर उनका रचनात्मक सदुपयोग किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनायी जा रही है। प्रदेश में निजी निवेश का वातावरण सृजित करने एवं नौजवानों को पक्षपात रहित रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि वर्तमान सरकार अपराधमुक्त, अन्यायमुक्त एवं भयमुक्त वातावरण सृजित कर कानून का राज स्थापित करने के लिए कृतसंकल्पित है। आपराधिक तत्वों एवं संगठित अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। सरकार ‘दोषियों को छोड़ेंगे नहीं, निर्दोष को छेड़ेंगे नहीं’ के सिद्धान्त पर कार्य कर रही है। वर्तमान राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही स्पष्ट कर दिया था कि अपराधियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की रियायत कतई प्रदान नहीं की जाएगी, चाहे अपराधी कितना भी बड़ा क्यों न हो।
जिला पंचायत अध्यक्ष औरैया तथा डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर के ब्लाॅक प्रमुख के मामले में प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सभी जानते हैं कि राज्य सरकार ने पुलिस एवं प्रशासनिक तंत्र को बगैर किसी भेदभाव व पूर्वाग्रह के मेरिट के आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षामित्रों के मामले में जो भी कार्रवाई हुई है, वह मा0 सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुपालन में हुई है। राज्य सरकार शिक्षामित्रों के साथ पूरी सहानुभूति रखती है और इनकी समस्याओं के समाधान के लिए सर्वमान्य रास्ता निकालने के लिए भी काम कर रही है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों की कठिनाइयों को दृष्टिगत रखते हुए कई कदम उठाने का काम किया है, जिससे शिक्षामित्रों को लाभ पहुंचाया जा सके।
इसी कड़ी में 01 अगस्त, 2017 से प्रत्यावर्तित करते हुए, उन्हें 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने एवं शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने का मौका प्रदान करने का निर्णय लिया गया, जिसके क्रम में उन्हें टी0ई0टी0 परीक्षा में 2.5 अंक प्रतिवर्ष के हिसाब से अधिकतम 25 भारांक देने का निर्णय भी लिया गया। राज्य सरकार को विश्वास है कि इन निर्णयों के फलस्वरूप भविष्य में शिक्षामित्रों को समायोजित होने का अवसर मिल सकेगा। राज्य सरकार शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान व उनके हितों के संरक्षण के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में निरन्तर कार्य कर रही है। इसके दृष्टिगत पहली कैबिनेट बैठक में प्रदेश के लघु एवं सीमान्त किसानों को राहत पहुंचाने के लिए उनके 01 लाख रुपए तक के फसली ऋण को माफ करने का काम किया गया। जिसके फलस्वरूप राज्य सरकार पर 36 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय भार आया। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से करीब 86 लाख किसानों के फसली ऋण मोचित किए गए। इसी प्रकार सरकार द्वारा अब तक 80 प्रतिशत वादों को या तो पूरा कर दिया गया अथवा इन्हें पूरा करने के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है।
राज्य सरकार प्रदेश के विकास को प्रभावित किए बिना चैकीदार, रसोइयों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित सभी कार्मिकों के हित में निर्णय लेने के लिए वचनबद्ध है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सहायिका के मानदेय एवं सेवा शर्तों में सुधार के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है, जिसकी रिपोर्ट शासन को शीघ्र प्रेषित कर दी जाएगी। शासन द्वारा कार्यकत्रियों को मानदेय देने के लिए 389 करोड़ रुपए तथा अतिरिक्त मानदेय के रूप में 123.02 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक विभिन्न भर्तियों का मामला है तो इस सम्बन्ध में वर्तमान राज्य सरकार ने भेदभावपूर्ण एवं भ्रष्टाचारी नीतियों को तिलांजलि देते हुए भर्तियों में ईमानदारी और पारदर्शिता को कायम रखने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में की गई भर्ती के कई मामलों में मा0 न्यायालयों द्वारा या तो स्थगन आदेश दिए गए या उन्हें अवैध घोषित कर दिया गया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग जैसी विश्वसनीय संस्था की प्रतिष्ठा भी तत्कालीन सरकार के समय में प्रभावित हुई, जिसके फलस्वरूप वर्तमान सरकार को सी0बी0आई0 जांच की संस्तुति करनी पड़ी। यह सरकार राजकीय सेवाओं में भर्ती की पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार रहित प्रक्रिया अपनाने के लिए लगातार निर्णय ले रही है, जिसके क्रम में पुलिस कार्मिकों एवं अध्यापकों की भर्ती के लिए नियमों में संशोधन करने के साथ-साथ अन्य विभागों के लिए भी जनहितकारी दृष्टिकोण के साथ कार्रवाई की जा रही है।
प्रदेश में बाढ़ की स्थिति के विषय में प्रवक्ता ने कहा कि बहराइच, श्रावस्ती, गोण्डा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर आदि बाढ़ प्रभावित जनपदों में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विगत 15 वर्षों से जिन लोगों के पास सरकार चलाने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए। उन्होंने कहा कि जिन बंधों पर अरबों रुपए खर्च कर दिए गए, वे मामूली बाढ़ में क्यों और कैसे बह गए, यह सोचने की बात है। बाढ़ जैसी इस दैवीय आपदा से निपटने के लिए वर्तमान राज्य सरकार प्रभावी एवं ठोस कार्रवाई कर रही है।
यद्यपि इस वर्ष नेपाल द्वारा विगत 20 वर्षों की तुलना में नदियों में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ की स्थिति गम्भीर हुई है। लेकिन प्रभावित जनता को राहत एवं बचाव के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वयं बाढ़ प्रभावित जनपदों का सघन दौरा कर जनता से सीधे फीडबैक प्राप्त कर राहत एवं बचाव कार्य का जायजा ले रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अनेक बाढ़ग्रस्त इलाकों में नाव से पहुंचकर बचाव व राहत कार्यों को मौके पर परखा है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित कर रही है। प्रदेश के 25 बाढ़ग्रस्त जनपदों में बाढ़ चैकियां स्थापित की गई हैं और बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों की भी स्थापना की गई है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। खोज और बचाव कार्यों के लिए इन जनपदों में बड़ी संख्या में नावों और स्टीमरों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा एन0डी0आर0एफ0, पी0ए0सी0 फ्लड बटालियन की भी मदद ली जा रही है। इसके अलावा, आवश्यकता पड़ने पर सेना/वायु सेना की भी मदद ली जा रही है। साथ ही, मेडिकल टीमों का गठन कर संक्रामक रोगों की रोकथाम की जा रही है। लोगों के लिए खाने की व्यवस्था के दृष्टिगत इन प्रभावित जनपदों में लंगरों की व्यवस्था की गई है, ताकि भोजन की कमी न हो।