देहरादून: दुर्घटना के कारणों का विश्लेषण करें। उसके अनुसार दुर्घटना के कारक को दूर करें। लक्ष्य बनाकर (टारगेटेड एप्रोज) स्थान विशेष की जरूरत के मुताबिक कार्य करें। वर्ष 2020 तक दुर्घटनाओं का प्रतिशत कम करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्रवाई के साथ-साथ काउंसिलिंग करना भी जरूरी है। राजस्व, पुलिस, परिवहन, लोनिवि विभागों के अधिकारी दुर्घटना स्थल का संयुक्त रूप से निरीक्षण करें। पता लगायें कि किस वजह से दुर्घटना हुई। मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह सचिवालय में राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान सभी जनपदों से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे थे।
बैठक मे बताया गया कि पिछली बैठक में मुख्य सचिव द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में कई जिलों में दुर्घटनाओं का प्रतिशत घटा है। खासतौर से चमोली और रूद्रप्रयाग जनपद में सड़क दुर्घटना कम करने के लिए अच्छा कार्य किया गया। इसके अलावा हरिद्वार, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी और टिहरी जनपद में भी सड़क दुर्घटनाओं का प्रतिशत घटा है। मुख्य सचिव ने पौड़ी, चम्पावत और देहरादून जनपद को हिदायत दी कि एक महीने के अंदर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायें। विशेष रूप से जिलाधिकारी देहरादून को ताकीद किया कि जहां ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही हैं, उन स्थानों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सड़क के किनारे खुले में शराब पीने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाही करने के लिए कहा। इसके लिए सघन अभियान चलाया जाय। उन्होने सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से रेड लाइट जम्पिंग, ओवर स्पीडिंग, ओवर लोडिंग, मोबाइल पर गाड़ी चलाते समय बात करना, नशे की हालत में वाहन चलाने वालों के विरूद्ध कार्यवाई करने के निर्देश दिए।
बैठक में डीजीपी श्री अनिल रतूड़ी, एडीजी (कानून व्यवस्था) श्री अशोक कुमार, सचिव परिवहन श्री डी. सैंथिल पांडियन, निदेशक यातायात श्री केवल खुराना, अपर आयुक्त परिवहन सुनीता सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।