लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि रामलीला, जनमानस की श्रीराम में सनातन आस्था का प्रतीक है। श्रीराम के प्रति लोगों की आस्था रामलीला को सतत जीवन्तता प्रदान कर रही है। रामलीला महर्षि वाल्मीकि एवं गोस्वामी तुलसीदास जी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर भी है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां रामलीला मैदान, ऐशबाग में आयोजित रामोत्सव-2017 के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां आयोजित होने वाली रामलीला प्रदेश की प्राचीनतम रामलीलाओं में से एक है। इसको बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। प्रदेश का संस्कृति विभाग इसके विकास के लिए पूरा सहयोग करेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने भगवान राम, सीता और लक्ष्मण जी की आरती की। रामलीला समिति की ओर से मुख्यमंत्री जी को अंगवस्त्र, रामचरितमानस की प्रति, गदा, धनुष तथा प्रतीक चिन्ह् भेंट किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने शर-संधान किया तथा रामलीला का आनन्द भी लिया।
योगी जी ने कहा कि देश में रामलीलाओं के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना का संचार हुआ। इसका पूरा श्रेय रामचरितमानस की रचना करने वाले गोस्वामी तुलसीदास जी को है। आज उत्तर भारत के गांव-गांव में शारदीय नवरात्रि से दीपावली तक रामलीला का आयोजन किया जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरा देश रामकथा से अच्छी तरह परिचित है। इसके बावजूद रामलीला का मंचन सभी में ऊर्जा और उत्साह का संचार करता है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि वे देशवासियों को आतंकवाद, भ्रष्टाचार, नक्सलवाद जैसे राक्षसों से मुकाबला करने की शक्ति प्रदान करें।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, रामलीला समिति के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनसमुदाय उपस्थित था।