नई दिल्लीः राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में दार्शनिक- राजनीतिज्ञ दीनदयाल उपाध्याय पर समर्पित ‘थिंक इंडिया’ पत्रिका का विशेष संस्करण प्राप्त किया। विशेष संस्करण के संपादक व संसद सदस्य श्री डी.पी. त्रिपाठी की उपस्थिति में संसद सदस्य श्री मुरली मनोहर जोशी ने राष्ट्रपति को विशेष संस्करण की प्रति भेंट की। इस अवसर पर संसद सदस्य श्री शशि थरूर, पूर्व संसद सदस्य श्री पवन वर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय एक प्रमुख राष्ट्रीय व्यक्तित्व थे, जिन्होंने भारतीय राजनीति और समाज को अपनी लेखन और विचारों से समृद्ध किया। उनके व्यक्तित्व तथा कार्यों के मूल्यांकन के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि पत्रिका का विशेष संस्करण इस दिशा में किया गया एक प्रयास है। विभिन्न पीढ़ियों के तथा विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से संबंध रखने वाले लोगों की रचनाओं का संकलन प्रशंसनीय है। राष्ट्रपति ने इस विशेष अंक के संपादन के लिए डॉ. डी.पी. त्रिपाठी की सराहना की।
राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने राष्ट्रहित में परस्पर सहयोग का समर्थन किया तथा उन्होंने देश के विकास को संकीर्ण दलगत राजनीति से अधिक महत्वपूर्ण स्थान दिया। महात्मा गांधी, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, डॉ. राम मनोहर लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय विचारों को आगे बढ़ाया तथा इन्हें जमीनी स्तर पर विकास के लिए प्रासांगिक बनाए रखा। ये महान व्यक्ति जमीनी स्तर पर कार्य करते थे और इन्होंने व्यावहारिक उपलब्धियां हासिल की। इसी तरह जवाहर लाल नेहरू की ‘भारत- एक खोज’ भी भारतीय दर्शन व सांस्कृतिक परम्पराओं को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण पुस्तक है।
राष्ट्रपति ने कहा कि संकल्पना के स्तर पर विभेदों के बावजूद, एकता व सम्मानजनक व्यवहार भारत की विशेषता रही है। इस पुस्तक में दीनदयाल उपाध्याय के योगदान को इसी दृष्टिकोण के अंतर्गत समझने का प्रयास किया गया है।