नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में आयोजित 8वें सार्वजनिक क्षेत्र दिवस समारोह के दौरान लोक उद्यम स्थायी सम्मेलन (स्कोप) पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि इस दिन को जश्न के रूप में मनाना हमारे केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) द्वारा किए गए अमूल्य योगदान की स्वीकृति है क्योंकि स्वतंत्रता के बाद से पीएसई को हमारे देश में औद्योगिकीकरण के वाहन के रूप में चुना गया था। उन्होंने कहा कि वह इस बात में दृढ़ विश्वास रखते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र की प्रासंगिकता का काफी महत्व है। उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि सीपीएसई भविष्य में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखेंगे और नई चुनौतियों का सामना करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमने अपने देश में 2 करोड़ रुपये के निवेश के साथ केवल पांच सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसई) की शुरुआत की थी। हालांकि, इन वर्षों के दौरान उनमें शानदार वृद्धि दर्ज की गयी। वर्ष 2015-16 के दौरान उनके समग्र शुद्ध लाभ में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह सराहनीय प्रदर्शन है क्योंकि वैश्विक वित्तीय और आर्थिक परिदृश्य तथा औद्योगिक जलवायु अनुकूल नहीं होने के बावजूद भी वे अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और भविष्य में भी पीएसई की मदद से कई और शानदार अध्याय इसमें जोड़े जाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह कई अवसरों पर स्कोप प्रणाली से जुड़े थे। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और भविष्य में उनके सफलता की कामना की।
इस अवसर पर भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री श्री अनंत जी गीते, भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो; सार्वजनिक उद्यम विभाग की सचिव श्रीमती सीमा बहुगुणा और स्कोप के अध्यक्ष श्री वेद प्रकाश भी मौजूद थे।