नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने 31 अक्टूवबर को सरदार बल्लभ भाई पटेल के 142 वां जन्मदिवस के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरूआत भारत सरकार द्वारा की गई थी और वर्ष 2014 को प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। श्री सिंह ने कहा कि कि इस आयोजन का उद्देश्य सरदार बल्लभ भाई पटेल को श्रृद्धांजलि अर्पित करना है। उन्होंने लगभग 550 आजाद रियासतों को भारत में मिलाकर अखंड भारत का सपना साकार किया था। इसलिए भारत के लौहपुरूष श्री सरदार बल्लकभ भाई पटेल के जन्म दिवस पर प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को एकता दिवस मनाया जाता है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल एक विश्व स्तर के नेता होने के साथ भारतीय राजनीतिक एकीकरण के जनक थे। उन्होंने भारत की छोटी-छोटी रियासतों को भारतीय संघ में शामिल करने का सपना देखा था। उनके सफल नेतृत्व और दृढ़ प्रयास से अनेक रियासतों को मिलाकर वृहद संघ बना और भारतीय संघ में शामिल हो गया। उनके प्रयासों के फलस्वरूप क्षेत्रवाद, राष्ट्र में परिवर्तित हो गया था। वे लोगों से कहते थे कि बड़ा सोचो और शक्तिशाली बनो। आज भारत के प्रत्येक भाग में एकता दिवस मनाया जा रहा है। यह आजादी के तत्काल बाद सरदार पटेल द्वारा एकीकरण के लिए किए गए प्रयासों का ही फल है कि आज भारत के प्रत्येक भाग में इसे जश्न के रूप में मनाया जा रहा है।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस से हमारे देश के लोगों को अपनी अंतर्निहित शक्ति को सुदृढ़ करने का अवसर प्राप्त होता है। इसके द्वारा हमारे देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के समक्ष मौजूद वास्तविक और संभाव्य खतरों का सामना करने की शक्ति प्राप्त होती है। इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस व्यापक पैमाने पर मनाया जा रहा है। इस अवसर पर भारत के इतिहास के महत्वपूर्ण मोड़ पर सरदार पटेल की भूमिका को उजागर करने के लिए राष्ट्रीय एकता को कायम रखने के लिए शपथ ली जाती है तथा जन सभाएं, अर्द्धसैनिक बलों का मार्च पास्ट, एकता के लिए दौड़, पोस्टर और क्विज प्रतियोगताएं करने के साथ-साथ प्रदर्शनियां भी लगाई जाती हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने भी कृषि भवन के लॉन में आयोजित समारोह में लोगों को राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा बनाए रखने की शपथ दिलाई।
वस्तुत: यह अवसर अत्यधिक शुभ और पवित्र है। चूंकि इस अवसर पर राष्ट्र भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अद्वितीय व्यक्तित्व के प्रति न केवल अपना आभार व्यक्त करता है अपितु भारत की नई पीढ़ी को उनके बारे में नवीनतम जानकारी भी उपलब्ध कराता है।
पिछले वर्ष 31 अक्टूबर, 2016 को एकता के लिए दौड़ के अवसर पर प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था ‘’आज हम तिरंगे को कश्मीर से कन्याकुमारी तक और हिमालय से सागर तक लहराता हुआ देख रहे हैं। हम राष्ट्रीय ध्वज को देश में चारों दिशाओं में लहराता हुआ देख रहे हैं। इस सब का श्रेय सरदार बल्लभ भाई पटेल को जाता है।‘’
इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि हम आज के दिन अपने आप को देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने तथा एक साथ मिलकर कार्य करने के लिए पुन: समर्पित हो जाएं ताकि हम अपने देश को और अधिक मजबूत और गतिशील बना सके।