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राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन को सम्बोधित करते हुएः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन को सम्बोधित करते हुएः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पंचायतें देश के विकास की नींव और विकास प्रक्रिया की आधारभूत इकाई हैं। देश के विकास के लिए आवश्यक है कि पंचायतों का समग्र विकास हो। पंचायत प्रतिनिधि अपनी भूमिका को पूरी जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ निभाएंगे तो देश बुलन्दियों पर पहुंचेगा। देश की प्रगति के लिए उत्तर प्रदेश का तेजी से आगे बढ़ना जरूरी है। यह तभी होगा जब प्रदेश की 59 हजार पंचायतों का तीव्र विकास हो। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की चुनौती को पंचायतों के विकास और सहयोग से पूरा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री आज यहां राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर डाॅ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में आयोजित पंचायती राज सम्मेलन का उद्घाटन करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना स्मार्ट सिटी के साथ गांव भी स्मार्ट बनें को साकार करने के लिए गांव-पंचायतों को विकास की धुरी बनाना होगा, इससे ही अन्त्योदय होगा अर्थात विकास का लाभ अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा केन्द्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास आदि मंत्रालयों का उदाहरण सामने रखते हुए काम करने पर पंचायतों में विकास की गति अवश्य ही बढ़ेगी।

श्री योगी ने कहा कि स्वच्छता को स्वाभाविक प्रवृत्ति बनाने की आवश्यकता है। ग्राम पंचायतें स्वच्छता की धुरी भी बन सकती हैं। प्रधानमंत्री के कथन कि वर्ष 2019 मंे गांधी जी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर सभी गांवों और शहरों को खुल में शौच से मुक्त करना बापू को अप्रतिम श्रद्धांजलि होगी, को राज्य सरकार ने अपना मंत्र बना लिया है। प्रदेश सरकार का संकल्प है कि 31 दिसम्बर, 2017 तक प्रदेश के 30 जिलों को खुले में शौच से मुक्त बनाएंगे। साथ ही, अपने संसाधनों, केन्द्र की सहायता और अन्य संस्थाओं की मदद से अक्टूबर, 2018 तक पूरे प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त किया जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि इस संकल्प को पूरा करने में प्रदेश की सभी 59 हजार पंचायतें अपना पूरा सहयोग करेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के प्रति ध्यान न देना स्वयं के साथ ही नहीं समाज के प्रति भी अपराध है। केन्द्र सरकार ग्राम पंचायतों को बड़े पैमाने पर धनराशि उपलब्ध करा रही है। पंचायतों को स्वच्छता को शामिल करते हुए विकास की योजनाएं बनानी चाहिए। स्वच्छता को अपनाकर विषाणु जनित बीमारियों से निजात पायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वच्छता के साथ विकास और लोक-कल्याणकारी कार्यांे जैसे गरीबों को राशन वितरण, विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करना आदि को सम्पादित करने वाली पंचायतों का विकास खण्ड स्तर पर चयन करके सम्मानित करेगी।

श्री योगी ने कहा कि ग्राम पंचायतों को भी कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री ग्राम पंचायतों को आधुनिक संसाधनों से युक्त करना चाहते हैं। ग्रामों पंचायतों के सामने आधुनिकता से जुड़ने का यह स्वर्णिम अवसर है। कैशलेस ट्रांजेक्शन्स अपनाकर पंचायतें प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार और कालेधन के विरूद्ध अभियान में सहयोग कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वी0आई0पी0 संस्कृति लोकतंत्र का उपहास है। लोकतंत्र में वास्तव में अन्तिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति ही वी0आई0पी0 होता है। लाल-नीली बत्ती हटाकर वी0आई0पी0 संस्कृति को समाप्त करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों और अधिकारियों ने लाल-नीली बत्तियों को स्वयं ही हटा दिया है।

श्री योगी ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अलावा कानपुर, मिर्जापुर आदि मण्डलों में पेयजल की व्यवस्था को ठीक किया जा रहा है। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों को 24 घण्टे, बुन्देलखण्ड एवं तहसील मुख्यालयों में 20 घण्टे तथा ग्रामीण इलाकों में 18 घण्टे बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। ग्रामीण इलाकों में 48 घण्टे तथा शहरी इलाकों में 24 घण्टे में ट्रांसफाॅर्मर बदलने की व्यवस्था की गई है, जल्द ही इसके लिए हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी। शहरी और ग्रामीण इलाकों में सभी गरीबों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। बेहतर सुविधा के लिए लोगों का सहयोग भी जरूरी है। ग्रामीण स्तर पर लाइन लाॅस कम होने तथा लोगों द्वारा नियमानुसार बिजली का उपयोग करने पर 24 घण्टे बिजली उपलब्ध करायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़कें बड़ी समस्या थीं राज्य सरकार ने तय किया है कि 15 जून, 2017 तक सभी सड़कों को चाहे वह किसी विभाग या स्थानीय निकाय की हो, गड्ढा मुक्त किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्राम पंचायत कार्यालयों को स्मार्ट बनाने के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश में किसी भी पंचायत प्रतिनिधि का कोई उत्पीड़न नहीं होगा। पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए प्रत्येक न्याय पंचायत में दो चन्द्रशेखर आजाद ग्रामीण विकास सचिवालयों की स्थापना करेगी। श्री योगी ने पं0 दीन दयाल उपाध्याय तथा नानाजी देशमुख के नाम पर पुरस्कार शुरू करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय को धन्यवाद देते हुए इन पुरस्कारों से सम्मानित पंचायतों, पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई दी तथा प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करने का आह्वान किया।

सम्मेलन में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में केन्द्रीय पंचायती राज तथा पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में प्राचीन काल से ही पंचायती राज व्यवस्था मान्य रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मानना है कि स्मार्ट गांव से नया भारत बनेगा, इसके लिए पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करना होगा। पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। पंचायतों को आधुनिक तकनीकी से जोड़ना इनमें से प्रमुख है।

सभी पंचायत प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की शुभकामनाएं देते हुए केन्द्रीय पंचायती राज राज्यमंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला ने कहा कि केन्द्र सरकार पंचायतों को 02 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि दे रही है। पंचायतों को इस धनराशि का समुचित उपयोग करके ‘सबका साथ-सबका विकास’ की परिकल्पना को सच करने में अपना योगदान करना चाहिए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा पंचायती राज मंत्रालय की त्रैमासिक पत्रिका ‘ग्रामोदय संकल्प’ का विमोचन किया गया। साथ ही, पत्रिका के मोबाइल ऐप ‘ग्रामोदय संकल्प’ का शुभारम्भ भी किया। पत्रिका और ऐप अभी हिन्दी एवं अंग्रेजी मंे उपलब्ध हैं, आगे चलकर यह 14 भाषाओं में उपलब्ध होंगे। मोबाइल ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें पंचायती राज, ग्रामीण विकास और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय से सम्बन्धित सामग्री उपलब्ध होगी।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने पंचायती राज मंत्रालय के यू ट्यूब चैनल का शुभारम्भ भी किया। साथ ही, पंचायती राज मंत्रालय के द्वारा इंस्टेन्ट मेसैजिंग ऐप के माध्यम से आॅडियो विजुअल सामग्री को पंचायत स्तर और सोशल मीडिया में प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता कार्यक्रम का शुभारम्भ भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। इसके अन्तर्गत वाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से पंचायती राज मंत्रालय की प्रेरक लघु फिल्मों एवं कहानियों को पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों तक पहुंचाया जाएगा।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पंचायती राज मंत्रालय यूएनडीपी-भारत के सहयोग से ‘सक्रिय पंचायत’ श्रृंखला के तहत दो नई पुस्तकों ‘ग्राम पंचायत में जल संसाधन’ और ‘ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य विकास’ का विमोचन किया। साथ ही, पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, कर्मियों और पीईएस प्रबन्धन में रूचि लेने वाले अन्य इच्छुक लोगों के लिए पंचायती राज मंत्रालय के आॅनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स का शुभारम्भ भी किया। यह कोर्स राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान हैदराबाद के सहयोग से संचालित किया जाएगा।

केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग के पोर्टल ‘पंचायत मित्र’ का शुभारम्भ किया। इस पोर्टल पर जिला पंचायत के समस्त कार्य-कलाप के सम्बन्ध में सूचनाएं प्राप्त की जा सकंेगी। कार्यक्रम के दौरान गांव को खुले में शौच से मुक्त (ओ0डी0एफ0) बनाने में पंचायतों की भूमिका तथा आधार कार्ड के माध्यम से डिजिटल पेमेण्ट के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण भी दिए।

कार्यक्रम को केन्द्रीय पंचायती राज सचिव श्री जे0एस0 माथुर ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। लखनऊ पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने अतिथियों के स्वागत में गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अन्त में ई-पंचायत पुरस्कार के अन्तर्गत कैटेगरी ‘ए’ में कर्नाटक राज्य को प्रथम पुरस्कार, केरल को द्वितीय पुरस्कार तथा पश्चिम बंगाल को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। कैटेगरी ‘बी’ में सिक्किम को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा, देश की 189 जिला, विकासखण्ड तथा ग्राम पंचायतों को दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार तथा 20 पंचायतों को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा, पंचायती राज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह सहित अन्य मंत्रिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

ज्ञातव्य है कि प्रत्येक वर्ष दिनांक 24 अप्रैल को पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिन वर्ष 1993 में 73वां संविधान संशोधन प्रभाव में आया था, जिसके माध्यम से पंचायती राज व्यवस्था में त्रि-स्तरीय पंचायतों-ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत का संस्थागत ढांचा स्थापित हुआ था। इस वर्ष पंचायतीराज मंत्रालय ने यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से लखनऊ में आयोजित किया। पंचायतों को सशक्तिकरण हेतु इस वर्ष की विषयवस्तु ‘स्मार्ट गांव से बनेगा नया भारत’ रखी गई है।

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