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राष्ट्रीय सांस्कृतिक दृश्‍य-श्रव्‍य अभिलेखागार (एनसीएए) विश्व का पहला विश्‍वसनीय डिजिटल भंडार बना

देश-विदेश

नई दिल्लीः संस्‍कृति मंत्रालय की राष्ट्रीय सांस्कृतिक दृश्‍य-श्रव्‍य अभिलेखागार (एनसीएएपरियोजना को विश्‍व का पहला विश्‍वसनीय डिजिटल भंडार का प्रमाण-पत्र प्राप्‍त हुआ है। इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय कला केन्‍द्र (आईजीएनसीए) द्वारा कार्यान्वित इस परियोजना को ब्रिटेन की संस्‍था, प्राइमरी ट्रस्‍टवर्दी डिजिटल रिपॉजिटरी ऑथराइजेशन बॉडी लिमिटेड (पीटीएबी) ने आईएसओ 16363 : 2012 का प्रमाण-पत्र दिया है। (http://www.iso16363.org/iso-certification/certified-clients/indira-gandhi-national-centre-for-the-arts) देश भर के 25 शहरों में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर अगले पांच वर्षों में इस भंडार में 3 लाख घंटों की ऑडियोविजुअल सामग्री को एकीकृत किया जाएगा।

केन्‍द्रीय संस्‍कृति राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) तथा पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्‍य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा, ‘मैं इस महत्‍वपूर्ण उपलब्धि के लिए आईजीएनसीए को बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2015 को शुभारंभ किए गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्‍य ग्रामीण क्षेत्रों में तेज गति की इंटरनेट सेवा उपलब्‍ध कराना तथा लोगों को डिजिटल रूप में शिक्षित करना है। इससे एनसीएए को ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच बनाने में और भारत के समृद्ध विरासत को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।

’एनसीएए का मूल उद्देश्‍य ऑडियोविजुअल सामग्री के रूप में विद्यमान भारत की सांस्‍कृतिक विरासत की पहचान करना और इसे डिजिटल माध्‍यम से संरक्षित करना है। मार्च 2018 तक 30,000 घंटों की अप्रकाशित तथा गैर व्‍यवसायीकृत ऑडियोविजुअल सामग्री को ऑनलाइन http://ncaa.gov.in/repository  उपलब्‍ध कराया जाएगा। इनमें से 15,000 घंटो की ऑडियोविजुअल सामग्री को ऑनलाइन उपलब्‍ध करा दिया गया है। 23,000 घंटों से अधिक की अप्रकाशित ऑडियोविजुअल रिकॉडिंग का डिजिटल संस्‍करण तैयार कर लिया गया है। एनसीएए का पायलट डिजिटल भंडार, पुणे की संस्‍था सी-डेक की सहयोगी सेंटर ऑफ एक्‍सि‍लेंस फॉर डिजिटल प्रि‍जर्ववेशन के सहयोग से तैयार किया गया है। एनसीएए डिजिटल भंडार की स्‍थापना डिजिटालय के सहयोग से की गई है जिसे सी-डेक, पुणे ने विकसित किया है। इसका कार्यान्‍वयन ओपन आर्किवल इन्‍फोरमेशन सिस्‍टम (ओएआईएस) संदर्भ मॉडल आईएसओ 14721 : 2012 के निर्देशों के तहत किया गया है।

वर्तमान में पूरे देश में एनसीएए की 21 सहयोगी संस्‍थाएं हैं। इनमें 11 सरकारी और 10 गैर-सरकारी सांस्‍कृतिक संगठन हैं। परियोजना में अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों यथा ओएआईएस मॉडल तथा इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ साउंड एंड ऑडियोविजुअल आर्काइव (आईएएसए) का अनुपालन किया गया है।

इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय कला केन्‍द्र की स्‍थापना भारत सरकार द्वारा की गई है। भारतीय कलाओं के सभी आयामों पर शोध करने की यह अग्रणी संस्‍था है। इस केन्‍द्र का एक प्रमुख उद्देश्‍य राष्‍ट्रीय संसाधन के रूप में अपने को विकसित करना है। भारत सरकार द्वारा गठित आईजीएनसीए कला, मानविकी तथा सांस्‍कृतिक विरासत के क्षेत्र में डेटा बैंक बनाने के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है। इस केन्‍द्र को यूनेस्‍को द्वारा मान्‍यता दी गई है ताकि यह दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में कला, सांस्‍कृतिक विरासत और जीवन पद्धति के संदर्भ में क्षेत्रीय डेटा बैंक विकसित कर सके। इन कार्यों के लिए केन्‍द्र आधुनिकतम तकनीक का उपयोग करता है।

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