देहरादून: राजपुर रोड स्थित एक स्थानीय होटल में राज्य परियोजना प्रबन्धन गु्रप (एस.पी.एम.जी ) राज्य गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के तत्वाधान में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत नमामि गंगे पर केन्द्रित कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में नमामि गंगे मिशन के तहत राज्य के सात जनपदों के प्राधिकारी, कार्यदायी संस्थाओं, स्थानीय निकायों, जल संस्थान, पेयजल निगम, सिंचाई विभाग, वन विभाग, एफ.आर.आई, स्वजल, वैबकास लि0, अश्वत इन्फ्राटैक लि0 आदि सम्बन्धित विभागों/ऐजेंसियों के साथ-2 मिशन से जुड़ी देश-विदेश की विभिन्न ऐजेंसियों के विशेषज्ञों/प्रतिनिधियों ने अपनी-2 भूमिका का प्रजेंटेशन दिया।
कार्यशाला के शुभारम्भ में राज्य परियोजना प्रबन्धन गु्रप के कार्यक्रम निदेशक डाॅ राघव लांगर (आई.ए.एस) ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा मार्ग के सात राज्यों के 15 कस्बों में स्वीकृत हो चुके तथा निर्माणाधीन प्रोजैक्टों को उचित समन्वय तथा जन जागरूकता से गति प्रदान करना एवं इससे जुड़े विभिन्न विभागों/कार्यदायी संस्थाओं को स्थानीय स्तर पर अपेक्षित सहयोग हेतु तैयार करना है।
कार्यशाला में जिलाधिकारी देहरादून रविनाथ रमन ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारा देश एक धार्मिक एवं संस्कृति संरक्षण प्रदान देश है तथा जो धार्मिक परम्परायें प्राचीन काल से चली आ रही है वह वर्तमान समय में भी यथावत् है, जबकि वर्तमान में जनसंख्या पूर्व के मुकाबले बहुत अधिक बढ चुकी है। इस कारण हमारी पारम्परिक धार्मिक प्रवृत्ति जैसे, गंगा में शवदाह, मूर्ति, पूजा सामग्री विसर्जन तथा गंगा में अन्य धार्मिक शुद्धिकरण जिससे बढी हुई जनसंख्या के कारण उस स्तर तक गंगा तथा अन्य प्राकृतिक संसाधन सहन करने में सक्षम नही है, जिससे हमारी नदियां अत्यधिक प्रदूषित हो रही हैं। उन्होने कहा कि ‘‘यदि समय रहते हमने इसका समुचित समाधान नही किया तो न तो हमारी गंगा बचेगी और न ही गंगा पर निर्भर पारिस्थितिकी’’। उन्होने कहा कि आज जरूरत है कि नमामि गंगे में लगे सभी विभाग, कार्यदायी संस्थाएं तथा सहायक ऐजेंसियां गंगा के पुनरूद्धार हेतु बनाये गये माॅडल को उचित तरीके व आपसी समन्वय से लागू करें तथा प्रत्येक ऐजेंसी/विभाग अपने कार्यों को ठीक से समझें साथ ही धरातल पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों/समुदाय का अपेक्षित सहयोग प्राप्त करते हुए कार्य करें, जिससे लोगो में कार्य के प्रति विश्वास भी बढेगा तथा कार्य में उनका अपेक्षित सहयोग भी मिलेगा।
इस अवसर पर कार्यशाला में जिलाधिकारी उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, चमोली, रूद्रप्रयाग के मुख्य विकास अधिकारी तथा प्रभागीय वनाधिकारियों सहित मिशन से जुड़े विभिन्न विभागों/ ऐजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।