नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने जिबूती और इथियोपिया की अपनी चार दिवसीय यात्रा की समाप्ति से पहले आज इथियोपिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालय, अदीस अबाबा यूनिवर्सिटी में छात्र समुदाय को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग इथियोपिया के साथ भारत की वचनबद्धता का प्रमुख बिन्दु है। इथियोपिया ने जब अपने शिक्षा के क्षेत्र का विस्तार करने के प्रयास की शुरूआत की, प्रारम्भिक और सैकेंडरी स्कूल शिक्षा की पढ़ाई के लिए यहां भारतीय अध्यापकों को आमंत्रित किया गया। शुरूआत में जाने वाले अध्यापक देश के सूदूरवर्ती हिस्सों में पहुंचे और इन्होंने युवाओं को मूल्यों और आदर्शों की शिक्षा दी तथा अपना सम्पूर्ण जीवन अध्यापन कार्य में लगा दिया।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत के 2,000 प्राध्यापक इथियोपिया के विश्वविद्यालयों में अध्यापन और शैक्षणिक अनुसंधान में योगदान दे रहे हैं। इथियोपिया के विश्वविद्यालयों में भारतीय शिक्षकों की संख्या सबसे अधिक हैं और ये सबसे अधिक सम्मानित प्रवासी अध्यापक है। हमें गर्व है कि वे हमारे संबद्ध शैक्षणिक समुदायों के बीच सेतु का काम कर रहे हैं। इन अध्यापकों ने दोनों देशों के विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सम्पर्क और अनुसंधान सहयोग कायम किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हर वर्ष भारत अपने अफ्रीकी छात्रवृत्ति कार्यक्रम के अंतर्गत सैकड़ों इथोपियाई छात्रों का स्वागत करता है। ये छात्र पूरी छात्रवृत्ति पर आते है, ताकि अनुसंधान कर सकें अथवा उच्च डिग्री प्राप्त कर सके। दो उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग का ये एक जीता-जागता उदाहरण है। साथ ही पैन-अफ्रीकी ई-नेटवर्क परियोजना है, जो इथियोपिया और भारत सहित अफ्रीकी देशों के बीच शैक्षणिक और क्षमता निर्माण सहयोग में मील का पत्थर है। इसका गठन 2009 में अदीस अबाबा में किया गया था, यह अफ्रीका से भारत के 48 देशों को जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि जैसे इथियोपियाई संस्थानों में भारतीय अध्यापकों ने योगदान दिया है, इथियोपियाई छात्रों ने भारत के विश्वविद्यालयों में छात्रवृत्ति और सांस्कृतिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने का काम किया है। ये हमारे लिए खुशी का मुद्दा है कि भारतीय शैक्षणिक संस्थान के एक पूर्व छात्र को इथियोपिया में महत्वपूर्ण पद मिला है। उन्होंने कहा कि इस सूची में प्रथम महिला और कम से कम कैबिनेट के नौ मंत्री शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि इथियोपिया और भारत की जनसांख्यिकी संबंधी रूपरेखा के अनुसार दोनों देश युवा है। भारत की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है; और इथियोपिया की 64 प्रतिशत आबादी 25 वर्ष से कम है। हमारे सामने एक जैसी चुनौतियां है। हमें अपने युवाओं और छात्रों के बीच शिक्षा और कौशल को बढ़ावा देना होगा, ताकि हम 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था से मुकाबला कर सके। इन सबसे ऊपर एक आर्थिक मॉडल को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है, जो स्थानीय समुदायों से लेने की बजाय उन्हें योगदान दे सकें। इस मामले में इथियोपिया और यहां तक की सभी अफ्रीकी देश भारत को एक तत्पर और संवेदनशील सहयोगी पाएंगे।
राष्ट्रपति ने कल शाम इथियोपिया के प्रधानमंत्री हैलीमरियम देसालेगन के साथ विस्तृत बातचीत की। इसके बाद वे इथियोपिया के राष्ट्रपति डॉ. मुलातु तेशोमे द्वारा राष्ट्रपति महल में उनके सम्मान में दिये गये रात्रि भोज में शामिल हुए।