नई दिल्लीः महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कल
(28 अप्रैल, 2017) राष्ट्रपति भवन में साइप्रस गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति श्री निकोस अनसतासियादेस की अगवानी की। उन्होंने साइप्रस के राष्ट्रपति के सम्मान में भोज भी दिया।
भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर आए साइप्रस के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए श्री मुखर्जी ने कहा कि उनसे पहले साइप्रस के लगभग सभी राष्ट्रपति भारत यात्रा पर आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए उन्हें इस परंपरा का निर्वहन करते देखकर हम बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, साइप्रस के साथ अपने दीर्घकालिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों को महत्व देता है। उन्होंने कहा कि भारत और साइप्रस के रिश्ते हमारे संस्थापकों- महात्मा गांधी और आर्कबिशप माकारियोस के बीच वैचारिक समानताओं की बुनियाद पर आधारित हैं।
श्री मुखर्जी ने कहा कि भारत और साइप्रस दोनों ही आतंकवाद का दंश झेल रहे हैं। इस वैश्विक बुराई का मुकाबला अकेले नहीं, बल्कि सभी सभ्य समाजों और देशों को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर करना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के अभिशाप से निपटने के लिए वैश्विक आतंकवाद विरोधी कानूनी ढांचे को सशक्त बनाए जाने की तत्काल आवश्यकता है।
इसके बाद, भोज के दौरान अपने भाषण में राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि भारत, श्री निकोस अनसतासियादेस के नेतृत्व में साइप्रस की आर्थिक स्थिति में सुधार, विशेषकर यूरोपीय संघ में सबसे तेज सकारात्मक वृद्धि दर वाले देशों में साइप्रस की वापसी की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद हाल के वर्षों में भारत में भी तेजी से आर्थिक प्रगति हुई है और भारत ने लगभग 7 प्रतिशत वृद्धि दर प्राप्त की है। हम साइप्रस को हमारे प्रमुख कार्यक्रमों जैसे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों का लाभ उठाने तथा भारत की प्रगति की गाथा से जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र, साथ ही हमारे नवीकरणीय ऊर्जा, प्राकृतिक गैस और हाइड्रोकार्बन, टिकाऊ पर्यटन, बुनियादी ढांचा और स्वास्थ्य तथा कल्याण के क्षेत्र भी साझेदारी और विदेशी निवेश के लिए खुले हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में संशोधित दोहरा कराधान निवारण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो इस दिशा में एक अच्छा कदम है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि इस राजकीय यात्रा की बदौलत अपार संभावनाआं वाले इन सभी क्षेत्रों में नई पहल की जाएगी।