नई दिल्लीः माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम.वैंकेया नायडू ने केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार की उपस्थित में 338 श्रमिकों को प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार से सम्मानित किया। उपराष्ट्रपति ने वर्ष 2011, 2012, 2013, 2014, 2015 और 2016 के लिए 194 प्रतिष्ठित पुरस्कार आज यहां एक समारोह में प्रदान किए गए। पुरस्कार विजेताओं में केंद्र और राज्य सरकारों के कम से कम 500 श्रमिकों वाले सार्वजनिक उपक्रम और निजि इकाइयों में काम करने वाले श्रमिक शामिल थे। ये पुरस्कार अपनी ड्यूटी के प्रति पूरी निष्ठा रखने वाले तथा उत्पादकता, सुरक्षा, गुणवत्ता, नवाचार क्षमता और संसाधनों के संरक्षण के प्रति उत्कृष्ट प्रदर्शन करने तथा प्रत्युन्मति और असाधारण साहस का परिचय देने वाले श्रमिकों को दिए गए। पुरस्कार उन श्रमिकों को भी दिए गए जिन्होंने अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए अपने जान को जोखिम में डाला या फिर अपने प्राणों की आहूति देकर सर्वोच्च बलिदान दिया।
उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि भारत भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के लिए उम्मीद की किरण है। यह परिदृश्य एक ओर जहां लुभावना है तो वहीं दूसरी ओर चुनौति भरा भी है, क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है। विजेताओं को सम्मानित करते हुए श्री नायडू ने कहा कि देश का लाखों श्रम बल अर्थव्यवस्था के पहिये को गतिशील बनाए रखने के लिए रात-दिन काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज का समारोह सही मायने में जीडीपी का उत्सव है। श्री नायडू ने कहा, ‘मेरे कहने का अर्थ यह है कि अपने काम के प्रति पूरी निष्ठा के साथ समर्पित लोगों में से विकास को गति देने की असली ताकत बने लोगों को ही सम्मानित किया गया है। ये दोनों उस सकल घरेलू उत्पाद के लिए बहुत महत्व वाले हैं, जो हमारी सबसे बड़ी चिन्ता रहती है।
केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सरकार श्रमिकों के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से की गयी पहल से देश की पचास फीसदी आबादी प्रत्यक्ष रूप से और करीब पूरी आबादी अप्रत्यक्ष रूप से लाभन्वित हुई है। उन्होंने मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए श्रम सुधारों का जिक्र करते हुए इस संदर्भ में सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा कवर दिए जाने के लिए कोड ऑन सोशल सिक्युरिटी का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की नितियां न्यूनतम शासन और अधिक प्रशासन के मूल सिद्धांत से निर्देशित हैं।
श्री गंगवार ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि आप लोगों ने न केवल अपना काम पूरी मेहनत से किया है, बल्कि अपने सहयोगियों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि देश का आर्थिक विकास आप लोगों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए कार्यों पर निर्भर है ये काम ही देश को मजबूत बनाते हैं और एक शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण करते हैं।
आज दिए गए श्रम पुरस्कारों में से 232 पुरस्कार सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले और 106 पुरस्कार निजी क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को दिए गए। इनमें से कुछ पुरस्कार श्रमिक समूहों ने संयुक्त रूप से प्राप्त किए। कुल 338 पुरस्कार विजेताओं में से 20 महिलाएं है। दो श्रमिकों को ये पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है।
इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार सचिव श्रीमती एम. सत्यवथी, अपर सचिव श्री हीरालाल समरिया और आर्थिक सलाहकार श्री देवेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।