नयी दिल्ली: राष्ट्रीय संग्रहालय ने अपने सुरक्षित संग्रह से ‘लघु अस्थायी प्रदर्शनियों’ पर एक नई पहल की शुरूआत की। यह प्रदर्शनियां कई विषयों पर आधारित होंगी, ताकि यह हर पखवाड़े में नई कलाकृतियों के माध्यम से बड़ी संख्या में आने वाले आगंतुकों को लुभा सके। इस तरह के कार्यक्रमों से राष्ट्रीय संग्रहालय आगंतुकों का ध्यान आकर्षित करना चाहता है और अपने संरक्षित संग्रह में से पर्याप्त मात्रा में महत्वपूर्ण कलाकृतियों का अनुभव कराने की कोशिश कर रहा है।
‘भारत की पारंपरिक पगड़ी’ की पहली अस्थायी प्रदर्शनी का उदघाटन 24 जुलाई, 2017 को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की सचिव श्रीमती रश्मी वर्मा द्वारा किया गया था। इस प्रदर्शनी में छपाई वाली पगड़ी, कढ़ाई वाली डोपल्ली, मराठा शैली में तैयार टोपी और जरदारी टोपी को प्रदर्शित किया गया, जो विशेष अवसरों और उत्सवों के लिए डिजाइन किये गये थे।
श्रृंखला में दूसरी अस्थायी प्रदर्शनी का उदघाटन पर्यटन मंत्रालय की अपर सचिव श्रीमती सुजाता प्रसाद द्वारा 11 अगस्त, 2017 को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में किया गया। यह प्रदर्शनी आम जनता के लिए 27 अगस्त, 2017 तक खुली रहेगी।
राष्ट्रीय संग्रहालय के सुरक्षित संग्रह की अस्थायी प्रदर्शनियों में राष्ट्रीय संग्रहालय सुरक्षित संग्रह से विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को प्रदशित किया जाएगा। प्रदर्शनियों का कार्यक्रम इस प्रकार है :-
- ‘तक्षशिला से कुषाण की कलाकृतियां ‘ – अगस्त 2017
- मोहरों की प्रदर्शनी: एपिग्राफी से द्विभाषी और त्रिभाषी शिलालेखों के साथ चांदी, तांबे, पत्थर की मोहरें – सितंबर, 2017
- सजावटी शस्त्र और कवच – सितंबर, 2017
- मध्य एशिया से जूते और चप्पल – अक्टूबर, 2017
- बंगाल की लोक वस्तुएं: विशेष संदर्भ के साथ लकड़ी की गुड़िया और वस्तुएं – अक्टूबर 2017
- मनुष्य: निर्माता, शुरुआत में व्यक्ति द्वारा उपकरण बनाने का विकास। यह शुरुआती चरण में व्यक्ति और उनके उत्थान के विकास के विभिन्न काल के दौरान उपयोग किए जाने वाले उपकरणों से संबंधित – नवंबर, 2017
- पवित्र कुरान में सुलेखन – नवंबर, 2017
- पूर्व कोलंबियाई कला में पहुंचे हुए जहाज – दिसंबर, 2017