रुसी टेनिस स्टार मारिया शारापोवा 18 महीने के प्रतिबंध के बाद पहली बार किसी ग्रैंडस्लैम में खेलती नज़र आएंगी। शारापोवा को साल के आखिरी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट यूएस ओपन में वाइल्ड कार्ड के ज़रिए खेलने की इजाजत मिल गई है। अमेरिका टेनिस संघ (यूएसटीए) ने इसकी जानकारी देते हुए पुष्टी की है। पूर्व नंबर एक खिलाड़ी शारापोवा (30) ने प्रतिबंध से वापसी के बाद अप्रैल 2017 में खेलना शुरू किया था लेकिन उन्हें फ्रेंच ओपन में कई खिलाड़ियों के एतराज़ के बाद वाइल्ड कार्ड एंट्री देने से मना कर दिया गया था।
यूएसटीए ने अपने बयान में कहा, शारापोवा ने इससे पहले 10 बार यूएस ओपन के मुख्य ड्रॉ में शामिल होते हुए टूर्नामेंट खेला है। पिछले साल वह अंतिम-16 में कैरोलिना वोजनियाकी से हार गईं थीं।
यूएस एसोशिएशन को नहीं थी कोई परेशानी
विश्व रैंकिंग के चलते शारापोवा को विंबल्डन में खेलना तय था लेकिन चोटिल होने के कारण वह इस ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकी थीं।
यूएस ओपन 28 अगस्त से 10 सितंबर के बीच न्यूयॉर्क में खेला जाएगा।
वाइल्ड कार्ड एंट्री देने पर यूनाइटेड स्टेटस टेनिस एसोसिएशन ने बीबीसी को जानकारी देते हुए कहा है कि ‘शारापोवा का निलंबन एंटी-डोपिंग प्रोग्राम के तहत था और वह उसे पूरा कर चुकी हैं जिसके कारण अब वह उनके वाइल्ड कार्ड सिलेक्शन की प्रक्रिया का हिस्सा हो सकती थीं’।
पहले भी कई खिलाड़ियों की वाइल्ड कार्ड से हो चुकी है एंट्री
दरअसल यूएस एसोशिएशन का कहना है कि पूर्व विजेताओं को लकी ड्रॉ के जरिए पहली भी खेलने का मौका दिया गया है। मार्टिना हिंगिस, किम क्लिस्टर्स जैसी खिलाड़ियों को पहले भी मेन ड्रॉ में वाइल्ड कार्ड एंट्री दी जा चुकी है। प्रतिबंध के बाद टेनिस में शारापोवा ने जब अप्रैल में वापसी की थी, तब उनकी कोई रैंकिंग नहीं थी. स्टटगार्ट, मैड्रिड और रोम चैंपियनशिप में वाइल्ड कार्ड एंट्री पाने के बाद उनकी रैंकिंग 211 तक पहुंच गई थी।
बैन ड्रग्स लेने के कारण लगा था प्रतिबंध
गौरतलब है कि साल 2016 में मारिया शारापोवा पर प्रतिबंधित दवाएं लेने का आरोप साबित हुआ था। इसके बाद उनपर 15 महीने का प्रतिबंध लगा था। दरअसल मारिया शारापोवा ने खुद ही खुलासा किया था कि वह मेलडोनियम नामक पदार्थ का सेवन का कर रही थी। शारापोवा ने इसके लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए बताया था कि वह 2006 से इस पदार्थ का सेवन कर रही हैं। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ ने उन पर 2 साल का प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में शारापोवा और खेल पंचाट ने दोबारा अपील की। जिसके बाद उनपर लगे बैन को 15 महीने कर दिया गया था।