नई दिल्ली: रेलवे के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज़्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इस वर्ष अपनी शाही रेल महाराजा एक्सप्रेस के दो नए सर्किट शुरू करने का निर्णय लिया है। इन दो सर्किटों को सदर्न सोजर्न और सदर्न जेवेल्स नाम दिया गया है। ये दोनों रूट पश्चिमी और दक्षिणी भारत के सभी प्रमुख गंतव्यों से होकर गुजरेंगे। सदर्न सोजर्न गोआ, हम्पी, मैसूर, एर्णाकुलम, कुमारकोम और त्रिवेंद्रम जैसे अहम गंतव्यों से होकर गुजरेगा, जबकि सदर्न जेवेल्स चेट्टिनाड, महाबलिपुरम, मैसूर, हम्पी और गोआ आदि अहम गंतव्यों से गुजरेगा।
महाराजा एक्सप्रेस को पुराने ज़माने की शाही यात्रा को पुनः सजीव बनाने के तौर पर जाना जाता है। यद्यपि इन दोनों ही रूटों पर नियमित रूप से यात्रा का लुत्फ इस वर्ष सितंबर 2017 से उठाया जा सकेगा, मगर घरेलू यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मानसून के मद्देनज़र जून/जुलाई 2017 से दो नई यात्राओं को इन रूटों पर शुरू करने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं।
मानसून विशेष यात्राओं के लिए भारतीय रुपये के अनुसार किराया जारी किया जा चुका है। घरेलू यात्रियों को आकर्षित करने के लिए कई आकर्षक योजनाएं भी बनाई गई हैं। दो लोगों के द्वारा साझा की जाने वाली सीटों की बुकिंग के दौरान निर्धारित पूर्ण दर पर बुकिंग कराने पर दूसरे वयस्क की टिकट बुकिंग आकर्षक दर पर की जाएगी। इसके अलावा, यदि कोई डीलक्स बुकिंग करता है, और उसे जूनियर स्यूट में अपग्रेड करने का मौका मिलता है तो वह दोनों श्रेणियों के बीच के कुल अंतर का 50 फीसदी पैसा देकर अपनी टिकट को जूनियर स्यूट में बदलवा सकता है।
महाराजा एक्सप्रेस की मानसून स्पेशल रेल में पहली बार आंशिंक यात्रा की सुविधा शुरू की गई है। यात्रियों को निर्धारित 500 डॉलर अर्थात् 33250 रुपये प्रतिदिन, प्रतियात्री के हिसाब से दो यात्रियों के साझा करने वाली बुकिंग के लिए आंशिक यात्रा की अनुमति होगी। वहीं दूसरे ओर दो यात्रियों की क्षमता वाली साझा सीट को अकेले बुक कराने वाले यात्री 800 डॉलर अर्थात 53200 रुपये प्रतिदिन प्रतियात्री के हिसाब से आंशिक यात्रा की अनुमति होगी। किराए की इन दरों में टैक्स शामिल नहीं है।
मानसून स्पेशल सदर्न सोजर्न 24 जून 2017 को मुंबई से अपनी यात्रा शुरू करेगी और गोआ, हम्पी, मैसूर, कोचिन, एलिप्पे से होते हुए त्रिवेन्द्रम में पहुंचकर अपनी यात्रा समाप्त करेगी। वहीं दूसरी ओर मानसून स्पेशल सदर्न जेवेल्स 01 जुलाई 2017 को त्रिवेन्द्रम से प्रस्थान करेगी और चेट्टिनाड, महाबलिपुरम, मैसूर, हम्पी और गोआ से होते हुए मुंबई में अपनी यात्रा का समापन करेगी। प्रत्येक यात्रा 08 दिन एवं 07 रातों की होगी।
सदर्न सोजर्न की नियमित यात्रा 09 सितंबर 2017 को मुंबई से शुरू होगी और सदर्न जेवेल्स 16 सितंबर 2017 को त्रिवेन्द्रम से नियमित यात्रा शुरू करेगी।
कलकलइस यात्रा के दौरान प्रत्येक गंतव्य के अंतर्गत आने वाले स्मारकों और खूबसूरत जगहों के अतिरिक्त, अतिथियों को कोचिन में पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, कोयर फैक्टरी का दौरा और एलेप्पी में पारंपरिक चेटिनाड भोजन के अलावा क्रूज़ में घूमने का मौका मिलेगा।
बुकिंग और इस रेल के बारे में अन्य अहम जानकारियां महाराजा एक्सप्रेस की आधिकारिक वेबसाइट http:/www.the-maharajas.com से प्राप्त की जा सकती हैं अथवा आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट http:/www.irctc.co.in और http:/www.irctctourism.com के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां सभी कार्यदिवसों पर 9717635915, 9717640678 एवं 9717639033 से भी प्राप्त की जा सकती है और इस संबंध में किसी भी तरह की पूछताछ maharaja@irctc.com पर ईमेल के जरिए की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, इस रेल के लिए बुकिंग अधिकृत एजेंटों के माध्यम से भी की जा सकती है। अधिकृत एजेंटों की सूची निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करके प्राप्त की जा सकती है –
http://www.the-maharajas.com/maharajas/maharajas-express-agents.html
ऑनलाइन अथवा फोन के माध्यम से अतिथि बुकिंग के लिए, एक विशेष सुविधा निशुल्क मुहैया कराई जा रही है। इसके अंतर्गत प्रत्येक अतिथि को 250 डॉलर के प्रतिदेय वाउचर के रूप में इस सुविधा की पेशकश की जा रही है। चूंकि इन वाउचरों को नकदी के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, ऐसे में इन वाउचरों को शराब के बिल, यात्रा के दौरान की जाने वाली छोटी-मोटी खरीदारी और कपड़ा धुलाई आदि के बिल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
महाराजा एक्सप्रेस का संचालन सबसे पहले वर्ष 2010 में किया गया था, तब से ही यह दुनियाभर की शाही रेलों के मामले में अग्रणी बन गई है। वर्ष 2012 के बाद यह रेल पिछले पांच वर्षों से लगातार प्रतिष्ठित अग्रणी लक्जरी ट्रेन ऑफ द वर्ल्ड अवॉर्ड को प्राप्त कर रही है। 23 डिब्बों वाली इस रेल में 88 अतिथियों की क्षमता है। यह रेल सभी पहलुओं से शाही है।