गोंडा: जीएसटी पर मोदी सरकार लाख अपनी पीठ थपथपाए लेकिन धरातल पर इसकी मार से छोटे कारोबारी कराह रहे हैं। अब तो जीएसटी का असर रेलवे प्रंबंधन पर भी पडऩे लगा है। ताजा मामला गोंडा रेलवे स्टेशन का है। यहां जीएसटी के लोचे से परेशान वाहन पार्किंग ठेकेदार अपना ठेका ही छोडक़र भाग गए हैं। हद तो यह हो गई है कि रेलवे प्रबंधन को मजबूरी में अब टीसी (टिकट कलेक्टर) को वाहनों की पार्किंग को देखने की जिम्मेदारी दी गई है। टीसी अपना काम छोडक़र 8 – 8 घंटे की शिफ्ट में गोण्डा जक्शन के सामने बने वाहन पार्किंग क्षेत्र में खड़े वाहनों का टोकन काट रहे हैं।
आनन फानन में हुई व्यवस्था
टिकट कलेक्टर सुनील पासवान ने बताया कि अपने अधिकारियों के आदेश पर रेलवे पार्किंग क्षेत्र में खड़े वाहनों की देखरेख व सुरक्षा करनी पड़ रही है। इनका सपना था कि पढ़ लिखकर ये रेलवे को अपनी सेवाएं दे, इन्होंने अपना सपना पूरा भी किया, लेकिन शायद इनको ये पता नही था कि इन्हें अपना असली काम छोडक़र पार्किंग में खड़े वाहनों के लिए टोकन काटना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि ठेकेदार व पार्किंग कर्मचारियों के नहीं होने से रेलवे प्रशासन ने परेशान होकर आनन-फानन में पार्किंग में वाहनों के टोकन के लेनदेन के लिए स्टेशनों पर तैनात टीसी को नियुक्त कर दिया।
6 टिकट कलेक्टर कर रहे रखवाली
गोण्डा, मनकापुर, जरवल रोड और बहराइच रेलवे स्टेशन पर तैनात 6 टीसी को वहां से हटाकर वाहन पार्किंग की देख रेख में लगाया गया है। इस पूरे मामले पर स्टेशन अधीक्षक एएन मिश्रा का कहना है साइकिल व मोटर साइकिल स्टैंड पर पार्किंग की समस्या थी, बिना पूर्व सूचना के स्टैंड के ठेकेदार व स्टैंड कर्मचारी चले गए थे। जिसकी वैकल्पिक तौर पर समस्या दूर करने के लिए स्टैंड पर 6 टीटी को तैनात किया गया है। ठेकेदारों की व्यवस्था होते इन्हें हटा लिया जाएगा।
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