नई दिल्लीः कौशल भारत पहल में बड़ा योगदान करते हुए रेल मंत्रालय फिटर, टर्नर, मशीन वेल्डर, पेंटर, बढ़ई, इलेक्ट्रिशियन, रेफ्रिजरेटर और एसी मकैनिक और मोटर वाहन मकेनिक के तौर पर अप्रेंटिसों को विभिन्न कार्यों में प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। मंत्रालय ने अपनी 16 जोनल इकाइयों और सात उत्पादन इकाइयों में 30 हजार अप्रेन्टिसों को प्रशिक्षण करने का लक्ष्य रखा है।
वर्ष 2017-18 की अवधि में 26,000 अप्रेन्टिसों को प्रशिक्षण देने की तैयारी है। यह उन 4000 अप्रेन्टिसों के अतिरिक्त है जो रेलवे की विभिन्न इकाइयों में पहले से ही प्रशिक्षण ले रहे हैं। 62,907 कर्मियों को लेवल वन वेतनमान पर भर्ती करने के लिए इस सप्ताह के शुरू में रोजगार अधिसूचना जारी की गई थी। इनमें से रेलवे प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षित अप्रेन्टिसों को 12 हजार रिक्त पदों पर नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी। यह व्यवस्था अप्रेन्टिस अधिनियम 1961 में हाल में किए गए संशोधनों के तहत की गई है। रेलवे अपने मानव संसाधन विकास में श्रम बल के कौशल विकास को महत्वपूर्ण मानता है। उसका मानना है कि श्रम बल को आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित करने के लिए उनका बाहर से प्रशिक्षण लेना काफी नहीं है, बल्कि उन्हें उस स्थान पर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, जहां पर वह काम कर रहे हैं। अप्रेन्टिस प्रशिक्षण में प्राथमिक प्रशिक्षण और नौकरी में रहते हुए प्रशिक्षण तथा व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है। प्राथमिक प्रशिक्षण के तहत ऐसे अप्रन्टिसों को प्रशिक्षित किया जाता है, जिन्होंने कभी किसी संस्था से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है। ऐसा प्रशिक्षण कुल प्रशिक्षण अवधि का 20 से 30 प्रतिशत होता है। नौकरी में रहते हुए दिया जाने वाला प्रशिक्षण उस प्रतिष्ठान में दिया जाता है, जहां अप्रेन्टिस कार्यरत होता है।