नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने निम्नलिखित परियोजनाओं को मंज़ूरी दी हैः-
- जौनपुर-अकबरपुर (टांडा) के बीच रेल पटरियों के दोहरीकरण की परियोजना – उत्तर रेलवे
- न्यू मायानगरी-गुमानीहाट (51.65 किमी.) के बीच रेल पटरियों के दोहरीकरण की परियोजना – पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे
- उत्तर मध्य रेलवे में 10.978 किमी. लंबे इटावा फ्लाइओवर परियोजना।
मंज़ूर की गई परियोजनाओं की मुख्य विशेषताएः-
- जौनपुर-अकबरपुर (टांडा) के बीच रेल पटरियों के दोहरीकरण की परियोजना – उत्तर रेलवे
निर्णय | जौनपुर-अकबरपुर (टांडा) के बीच 77.25 किमी. लंबे खंड में रेल पटरियों के दोहरीकरण की परियोजना – उत्तर रेलवे | |
पृष्ठभूमि | जौनपुर-अकबरपुर खंड उत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल के अंतर्गत आता है। वर्तमान में जौनपुर-अकबरपुर रेलों का ठहराव 140 मिनट तक का है क्योंकि यहां 31 रेल एक ही पटरी पर दौड़ती हैं। मौजूदा क्षमता उपयोग 133 फीसदी है। इसके अलावा जनवरी 2019 तक राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम के शुरू होने के चलते प्रतिदिन 14 माल गाड़ियों के यहां गुजरने की उम्मीद है। इसलिए रेल पटरियों का दोहरीकरण आवश्यक हो गया है और इससे न केवल माल एवं यात्री रेलों के परिचालन को गति मिलेगी बल्कि इससे निकट भविष्य में बढ़ते हुए यातायात से निपटने के लिए अतिरिक्त क्षमता भी उपलब्ध होगी। | |
रणनीति और लक्ष्य | 1. अनुमानित लागत 676.36 करोड़ रुपये है। परियोजना की कार्य समाप्ति लागत 766.33 करोड़ रुपये हैं, जिसकी वित्तपूर्ति सकल बजट मदद से पूरी करने का प्रस्ताव है।
2. इस परियोजना के 2021-22 तक पूरा होने की उम्मीद है। |
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संलग्न व्यय | 676.36 करोड़ | |
राज्य/जिले शामिल | उत्तर प्रदेश में जौनपुर, अंबेडकर नगर |
- पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे में न्यू मायानगरी-गुमानीहाट (51.65 किमी.) के बीच रेल पटरियों के दोहरीकरण की परियोजना
निर्णय | पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे में न्यू मायानगरी-गुमानीहाट (51.65 किमी.) के बीच रेल पटरियों के दोहरीकरण की परियोजना को मंज़ूरी | |
पृष्ठभूमि | मंज़ूर की गई परियोजना मालदा-गुवाहाटी मुख्य रेल लाइन का हिस्सा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र को जोड़ने वाले रूट पर यह अकेला 51 किमी. का हिस्सा बाकी बचा है, जहां पटरियों का दोहरीकरण किया जाना है, और इस क्षेत्र के समग्र विकास और अन्य दोहरीकरण परियोजनाओं एवं इस खंड में पूर्ण हुए गेज परिवर्तन परियोजनाओं का लाभ उठाने के लिए यह आवश्यक हो गया था। रानीनगर जलपाईगुड़ी से समुकताला रोड के मध्य इस खंड का लाइन क्षमता उपयोग 145.70 फीसदी है। वर्तमान 22 रेलों की खंड क्षमता की तुलना में यहां से 38 रेल गुजर रही हैं। इसलिए इस क्षेत्र के समग्र विकास और यात्री तथा माल गाड़ियों के परिचालन में तेज़ी लाने के लिए इस रेलवे लाइन का दोहरीकरण बहुत आवश्यक हो गया है। | |
रणनीति और लक्ष्य | 1. अनुमानित लागत 602.27 करोड़ रुपये है। परियोजना की कार्य समाप्ति लागत 648.19 करोड़ रुपये हैं, जिसकी वित्तपूर्ति सकल बजट मदद से पूरी करने का प्रस्ताव है।
2. इस परियोजना के 2020-21 तक पूरा होने की उम्मीद है। |
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संलग्न व्यय | 602.27 करोड़ | |
राज्य/जिले शामिल | पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी और न्यू कूचबिहार |
उत्तर मध्य रेलवे में 10.978 किमी. लंबे इटावा फ्लाइओवर परियोजना।
निर्णय | उत्तर मध्य रेलवे में 10.978 किमी. लंबे इटावा फ्लाइओवर परियोजना की स्वीकृति | |
पृष्ठभूमि | इस फ्लाइओवर से व्यस्त दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर क्रासिंग करने में आसानी होगी और इसके साथ ही इससे यातायात सुगम होगा। ग्वालियर/आगरा से इटावा की ओर आने वाली रेलें इस फ्लाइओवर के ऊपर से आ-जा सकेंगी। ग्वालियर/आगरा से आने वाली और मैनपुरी की ओर जाने वाली गाड़ियां इस फ्लाइओवर से गुजरकर मैनपुरी की ओर जाएंगी। इटावा स्थित यह फ्लाइओवर यात्री रेलों की समयबद्धता सुधारने और हावड़ा-कानपुर-नई दिल्ली, इटावा-भिंड और आगरा तथा इटावा-मैनपुरी आदि रूटों के यातायात को सुगम बनाने में मदद करेगा। | |
रणनीति और लक्ष्य | 1. अनुमानित लागत 830.73 करोड़ रुपये है। परियोजना की कार्य समाप्ति लागत 897.47 करोड़ रुपये हैं, जिसकी वित्तपूर्ति सकल बजट मदद से पूरी करने का प्रस्ताव है।
2. इस परियोजना के 2020-21 तक पूरा होने की उम्मीद है। |
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संलग्न व्यय | 630.73 करोड़ | |
राज्य/जिले शामिल | इटावा, उत्तर प्रदेश |