नई दिल्ली: केन्द्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेलवे के लिए डाटा विश्लेषण विषय पर गोल मेज़ सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री ए.के. मित्तल, रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य, उद्योग जगत के गणमान्य व्यक्ति एवं प्रतिनिधियों सहित रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार करने के लिए गोल मेज़ सम्मेलन की श्रंखला आयोजित की जा रही है। यह गोल मेज़ सम्मेलन भारतीय रेलवे के डाटा विश्लेषण विषय पर विचार करने के लिए आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे में वाणिज्यिक और परिचालन संबंधी अवसरों को पूरा करने के लिए डाटा निर्माण महत्वपूर्ण है। भारतीय रेलवे के कार्यक्रमों को बेहतर बनाने के लिए डाटा विश्लेषण का अध्ययन, विश्लेषण और उसकी निगरानी की जानी चाहिए। प्रौद्योगिकी लगातार विकसित हो रही है, ऐसे में डाटा विश्लेषण के मामले में हमें आगे बढ़ने की आवश्यकता है और यह समय की मांग भी है। भारतीय रेलवे भारत के विकास का इंजन होगा। डाटा विश्लेषण एक ऐसी प्रणाली विकसित करने में मदद कर सकता है, जो भारतीय रेलवे को व्यापक स्तर पर लाभान्वित कर सके। भारतीय रेलवे दुनियाभर में सबसे बड़ा डाटा सृजक है, इसे बड़े स्तर पर डाटा को संभालना होगा। डाटा विश्लेषण भविष्य में आगे बढ़ने और मार्ग प्रशस्त करने में मददगार है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे में गोपनीयता की रक्षा की जाएगी और एक सबसे बड़ा ईआरपी बनाया जाएगा।
पृष्ठभूमि
भारतीय रेलवे पिछले तीन दशकों से प्रौद्योगिकी का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल कर रहा है। परिणामस्वरूप, रेलवे की कार्यप्रणाली से जुड़े विभिन्न पक्षों में बड़ी मात्रा में रेलवे के पास डाटा उपलब्ध है। इसमें यात्री टिकटिंग, माल ढुलाई परिचालन, क्रू प्रबंधन, ट्रैक रख- रखाव, रॉलिंग स्टॉक रख-रखाव (लोकोमोटिव), रॉलिंग स्टॉक रख-रखाव (वैगन और कोच), व्यय लेखा आदि शामिल हैं।
प्रभावी रणनीतिक और कूटनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया में प्रबंधन की सहायता करने के क्रम में, भारतीय रेलवे ने विभिन्न सांख्यिकीय एवं सॉफ्टवेयर उपकरणों का उपयोग कर डाटा के विश्लेषण के लिए डाटा विश्लेषण करने का निर्णय लिया है। डेटा विश्लेषण सेवाओं की कीमत, विभिन्न मार्गों पर ट्रेन संचालन, सक्रिय सुरक्षा उपायों और आपदा प्रबंधन, विफलताओं से बचने के लिए परिसंपत्तियों के अनुमानित रखरखाव का निर्धारण करने में रेलवे की मदद कर सकता है।
पीआरएस के पास रेलों का डाटा, कमाई, गाड़ियों का उपयोग, श्रेणीवार इस्तेमाल, प्रतीक्षा सूची और यात्री की जानकारी आदि डाटा है, जोकि ई-टिकटिंग प्रणाली पर भी उपलब्ध है। यात्रियों को अभिनव उत्पाद उपलब्ध कराने में मदद करने के लिए इस विशाल डाटा का विश्लेषण किया जा सकता है, ताकि अधिभोग में सुधार हो, और यात्री शत प्रतिशत निर्धारित स्थान पा सकें।
माल परिचालन सूचना प्रणाली के पास विभिन्न मार्गों पर यातायात, परिवहन में लगने वाला समय, रेलवे के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान आदान-प्रदान किए जाने वाले उत्पाद, ग्राहक, यातायात की विभिन्न धाराओं में कीमत संवेदनशीलता आदि से संबंधित डाटा उपलब्ध है।
डाटा विश्लेषण मालभाड़ा रेलों की औसत गति एवं अन्य सुविधाओं को बेहतर करने में मदद कर सकता है। ट्रैक मैनेजमेंट प्रणाली के अंतर्गत, ट्रैकों की स्थिति, समय-समय पर किया जाने वाले ट्रैकों का रखरखाव, ट्रैकों का निरीक्षण, ट्रैक नवीनीकरण, ट्रैकों में टूट-फूट आदि का डाटा उपलब्ध है। डाटा विश्लेषण ख़तरनाक स्थानों और निवारक रख-रखाव की भविष्याणी करने में मदद कर सकता है।