नई दिल्ली: रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने ट्रेनों के संचालन में सुरक्षा उपायों की विस्तृत समीक्षा करने के लिए आज रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों और रेलवे बोर्ड सुरक्षा निदेशालय के सदस्यों के साथ विस्तार से बैठक की। बैठक में सुरक्षा के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी गई। बैठक में हाल ही में हुई अनेक ट्रेन दुर्घटनाओं के कारणों के बारे में बारीकी से विश्लेषण किया गया। बैठक में रेल मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इस मोर्चे पर किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
दुर्घटना के जिन दो कारणों की प्रमुख रूप से पहचान की गई वे हैं :
क. मानव रहित लेवल क्रॉसिंग
ख. पटरियों में खराबी के कारण ट्रेन का पटरी से उतरना
बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि ट्रेनों के पटरी से उतरने के कारणों की पहचान की जाए, जो ट्रेन दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण है। रेल मंत्री ने ट्रेनों के संचालन में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे बोर्ड को निम्नलिखित निर्देश दिए :-
- आज से एक वर्ष के भीतर समूचे भारतीय रेलवे नेटवर्क पर सभी मानव रहित लेवल क्रॉसिंग को तेजी से हटा दिया जाए।
- पटरियों को बदलने/उनके नवीनीकरण के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और जहां पर नई लाइनों का निर्माण होना है वह उन स्थानों पर किया जाए, जो दुर्घटना की दृष्टि से संवेदनशील हैं और जहां पटरियों को बदला जाना है।
- नई पटरियां खरीदने के कार्य में बड़े पैमाने पर तेजी लाई जाए, ताकि नई लाइनों के निर्माण का कार्य समय पर पूरा हो सके।
- परम्परागत आई सी एफ डिजाइन कोच का निर्माण रोक दिया जाए और केवल नये डिजाइन के एल एच बी कोच बनाए जाएं।
- इंजनों में कोहरा रोधक एल ई डी लाइटें लगाई जाएं, ताकि कोहरे के मौसम के दौरान ट्रेनों का संचालन सुरक्षित तरीके से हो सके।
रेल मंत्री ने रेलवे बोर्ड को निर्देश दिया कि वह नियमित आधार पर इस कार्य योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करे।