नई दिल्ली: रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के नासिक के पास लासलगांव में 30 जुलाई 2017 को शीत भंडारण की आधारशिला रखी। भारतीय रेलवे का सार्वजनिक उपक्रम कॉनकोर (कन्टेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) नासिक के पास लासलगांव में एक शीत भंडारण (कोल्ड स्टोरेज) का निर्माण करा रहा है ताकि प्याज और जल्द खराब होने वाली अन्य उपजों का भंडारण किया जा सके। इस शीत भंडारण की कुल क्षमता 2500 एमटी होगी जिसमें से 1500 एमटी का उपयोग विशेषकर प्याज के भंडारण के लिए और बाकी भंडारण क्षमता का इस्तेमाल शीघ्र खराब होने वाली अन्य उपज जैसे फल और सब्जी यथा प्याज, अनार, अंगूर, केला, टमाटर के लिए किया जायेगा। भारतीय रेलवे अब किसानों को भंडारण की सुविधा देगी और लासलगांव के शीत भंडारण का लाभ न सिर्फ नासिक तथा लासलगांव के किसान, बल्कि इसके आसपास के जलगांव, मनमड़, धुले आदि क्षेत्रों के किसान भी उठा सकेंगे।
यह शीत भंडारण कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) मॉडल के तहत 5 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जा रहा। इस शीत भंडारण की देख-रेख मेसर्स लासलगांव विभाग सहकारी खरीद बिक्री संघ लिमिटेड करेगा। भारतीय रेलवे प्याज का मुख्य परिवाहक है और उत्पादक राज्यों से विभिन्न उपभोक्ता बाजार तक प्याज पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय रेलवे प्याज रखने के लिए रेक/माल-डिब्बा प्राथमिकता के आधार पर आवंटित करेगी ताकि प्याज किसानों के नुकसान को कम किया जा सके।
जलवायु परिवर्तन प्याज वाले क्षेत्रों को काफी प्रभावित करता है जिससे कृषि उत्पाद में उतार-चढ़ाव हो सकता है। भरपूर उत्पादन का भंडारण करने की जरूरत है जिससे कमी के दौरान पूर्ति की जा सके। पारम्परिक तरीकों से मौसम के बदलने से 35 फीसदी तक हानि हो सकती है। इस हानि से लागत राशि बढ़ सकती है जो कि राष्ट्रीय हानि हो सकती है। यह कोल्ड स्टोरेज प्याज को खराब होने से बचायेगा और दूरवर्ती स्थानों पर भेजा जा सकेगा। श्रम लागत काफी कम हो सकती है और प्याज को पारंपरिक भंडारण में रखने की भी जरूरत नहीं होगी। सामग्री लागत और कृषि लागत में बचत की जा सकती है और उत्पाद को खराब होने से भी बचाया जा सकता है। महाराष्ट्र, राष्ट्रीय प्याज उत्पादन के भंडारण में 33 प्रतिशत तक का योगदान दे सकता है।
पृष्ठभूमि
पीसीसी स्थापित किए गए/ कॉनकोर द्वारा स्थापित किया जा रहा है
- शीघ्र विनाशशील कार्गो केन्द्र (पीसीसी), गाजीपुर, उत्तर प्रदेश
कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कॉनकोर के तहत उत्तरप्रदेश में गाजीपुर के गाजीपुर घाट रेलवे स्टेशन पर शीघ्र विनाशशील कार्गो केन्द्र (पीसीसी) को स्थापित किया जिसमें फल और सब्जियों का भंडारण किया जाता है। कॉनकोर को किराये पर दी गई रेलवे भूमि पर 2500 वर्गमीटर क्षेत्र पर फल और सब्जियों को पकाने और उनका भंडारण करने की सुविधा के लिए निर्माण किया गया है। यह सुविधा आस-पास के क्षेत्रों के किसानों की जरूरतों को पूरा कर रही है और जिससे सब्जियों तथा कृषि उत्पादों को खराब होने से बचाया जा रहा है। इस सुविधा का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री ने 14 नवम्बर 2016 को यूपी के गाजीपुर में किया।
- शीघ्र विनाशशील कार्गो केन्द्र (पीसीसी), राजातालाब, वाराणसी, उत्तरप्रदेश
इसी तरह की सुविधा का उत्तरप्रदेश के वाराणसी में राजातालाब में निर्माण किया जा रहा है जिससे आस-पास के किसान फल और सब्जियों का भंडारण कर सकेंगे। इसकी नींव माननीय प्रधानमंत्री द्वारा रखी गयी। इसके नवंबर के अंत शुरू होने की संभावना है।
- शीघ्र विनाशशील कार्गो केन्द्र, आजादपुर, दिल्ली
कॉनकोर ने दिल्ली के आजादपुर में शीघ्र विनाशशील कार्गो केन्द्र स्थापित किया। यह सुविधा केले को पकाने के साथ आर्द्रता के तापमान और एथीलीन संकेन्द्रण को स्वतः नियंत्रित करती है। केले को पकाने से पहले की प्रक्रिया और अन्य फलों को जैसे धोना, छंटाई, निर्धारण और पैकिंग आदि की सुविधा भी है। यह शीत भंडारण फलों और सब्जियों के भंडारण की सुविधा भी देता है।
- शीघ्र विनाशशील कार्गो केन्द्र (पीसीसी), सिंगूर, जिला हुगली
पश्चिम बंगाल के जिले हुगली के सिंगूर में कॉनकोर ने शीघ्र विनाशशील कार्गो केन्द्र (पीसीसी) स्थापित किया है। शीघ्र विनाशशील कार्गो केन्द्र, सिंगूर में ‘अत्याधुनिक’ सीआईपीसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है ताकि आलू के उत्पादकों के लिए ज्यादा मूल्य वर्द्धन संभव हो सके। यह आलू को सर्वोत्तम तापमान देने और उसके मूल्य वृद्धि को बढ़ने में मदद करता है।
- सिंधुदुर्ग में मैंगो पैक हाउस का उन्नयन
कॉनकोर ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग की तहसील देवगड़ में मैंगो पैक हाउस के उन्नयन का काम किया ताकि आम को पैदा करने वाले किसानों को आम निर्यात करने की बेहतर सुविधाएं मिल सके।