नई दिल्ली: रेल यात्रा को और आरामदेह और उल्लेखनीय बनाने के लिए भारतीय रेल विभिन्न सेवाओं और परियोजनाओं की शुरूआत कर रहा है। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने आज रेल भवन में आयोजित कार्यक्रम में वीडियों कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कर्नाटक से संबंधित निम्नलिखित विभिन्न कार्यों का उद्घाटन कियाः-
- हॉटगी-कुड़गी-गड़ग रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य की शुरुआत।
- गड़ग-वाड़ी नई रेल लाइन के कार्य की शुरुआत।
- होसपेट-तिनाई घाट-वास्को खण्ड में –तिनाई घाट-लोन्दा-शिवथान सेक्शन की रेल लाइन का दोहरीकरण राष्ट्र को समर्पित।
- होसपेट-तिनाई घाट-वास्को रेल लाइन दोहरीकरण में बानापुर-कोप्पल खण्ड के दोहरीकरण का कार्य राष्ट्र को समर्पित
- चिक्कौड़ी रोड़ स्टेशन पर नए स्टेशन भवन का निर्माण और प्लेटफॉर्म शेल्टर का विस्तार।
- रायाबाग स्टेशन पर प्लेटफॉर्म शेल्टर का विस्तार।
- गड़ग स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नम्बर-2 में प्लेटफॉर्म शेल्टर का प्रावधान।
- कोप्पल स्टेशन पर नए प्लेटफॉर्म दो और तीन का निर्माण।
- शिवमोगा टॉउन स्टेशन पर वीआईपी लॉन्ज।
- मैसूर वर्कशॉप में 500 केडब्ल्यूपी सोलर रूफ टॉफ सिस्टम।
- मैसूर स्टेशन पर जल संग्रह और रिसाइकिलिंग प्लान्ट का प्रावधान।
- होलेनर्सिपुरा स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज का समर्पण।
- बैयाप्पनहल्ली-व्हाइट फील्ड-बैयाप्पनहल्ली के मध्य नई डेमू सेवा।
- रयाबाग में एलसी 48 पर आरओबी कार्य की शुरूआत।
- वाडी में बाईपास लाइन के लिए आधारशिला रखना।
- यादगिर (आरवीएनएल) के रेल बोगी कारखाने में कार्य की शुरूआत)
- मेथरावती और मंगलौर सेंट्रल स्टेशनों के मध्य (मंगलौर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर) रेल लाइन दोहरीकरण के कार्य की आधारशिला।
- मंगलौर सेंट्रल स्टेशन पर (मंगलौर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर) नए एफओबी की आधारशिला रखना।
रेलवे राज्य मंत्री श्री राजेन गोहैन इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थे। रेलवे बोर्ड, के सदस्य इंजीनियरिंग श्री आदित्य कुमार मित्तल, रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि “कर्नाटक’’ भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है, हमने हमेशा कर्नाटक में रेल के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट में बहुत अधिक धनराशि आवंटित की है। भारतीय रेलवे ने कर्नाटक राज्य सरकार के साथ संयुक्त उद्यम का गठन किया है। भारतीय रेलवे परिवर्तन पद्धति में है और वह रेल बुनियादी ढांचे और यात्री सुविधाओं को सुधारने के लिए ध्यान केंद्रित कर रही है। ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ है। स्वच्छता और मेक इन इंडिया कार्यक्रम सफलतापूर्वक लागू हो रहे हैं। भारतीय रेलवे पर उच्च गति रेलवे नेटवर्क पर काम किया जा रहा है जल्द ही भारतीय रेलवे दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता जैसे ट्रंक मार्गों पर 200 किलोमीटर प्रति किमी की गति से रेल चलाने की परियोजना पर काम करेगी।
आज शुरू की गई परियोजनाओं की मुख्य विशेषताएं-
- हॉटगी-कुड़गी-गड़ग रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य की शुरुआत।
- गुंतकल-पुणे-मुंबई, होस्पेट-हुबली-गोवा रेल मार्ग के मध्य हॉटगी-कुडगी-गडग मार्ग एकल लाइन रेल लिंक है।
- हॉटगी-कुडगी-गडग मार्ग के साथ अनेक एकीकृत स्टील प्लांट/विद्युत प्लांट/सीमेंट प्लांट लग रहे हैं। रेलवे लाइन के इस दोहरीकरण से अतिरिक्त रेलगाड़ियों की शुरूआत करने और उद्योगों तथा विद्युत संयंत्रों से रैकों की सहज आवाजाही के लिए आवश्यक लाइन क्षमता प्राप्त होगी।
- इस दोहरीकरण परियोजना के कुछ हिस्से अर्था हॉटगी-कुडगी (134 किमी) को “नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड” (एनटीपीसी) के साथ “ग्राहक वित्तपोषण मॉडल” के तहत लिया गया है। एनटीपीसी कुडगी स्टेशन पर 4000 मेगावाट क्षमता का थर्मल प्लांट स्थापित कर रहा है।
- गड़ग-वाड़ी नई रेल लाइन के कार्य की शुरुआत।
- नई रेल लाइन कर्नाटक के गड़ग, कोप्पल, रायचूर और गुलबर्गा इलाकों के लोगों के लिए एक सीधा छोटा मार्ग उपलब्ध करायेगी।
- इस प्रस्तावित मार्ग से गड़ग और सिकंदराबाद के बीच की दूरी 150 किमी तक कम हो जाएगी।
- यह परियोजना कर्नाटक सरकार के साथ 50:50 प्रतिशत की साझा लागत आधार पर होगी और राज्य सरकार मुफ्त में भूमि उपलब्ध करायेगी।
- होसपेट-तिनाई घाट-वास्को खण्ड में –तिनाई घाट-लोन्दा-शिवथान सेक्शन की रेल लाइन का दोहरीकरण राष्ट्र को समर्पित।
- यह रेल लाइन कर्नाटक राज्य के बेल्लारी, कोप्पल, गड़ग, धारवाड़, बेलगाम और उत्तर कन्नड़ जिलों से गुजरती है। कर्नाटक में बेल्लारी-होस्पेट क्षेत्र देश में लौह अयस्क उद्योग का प्रमुख केंद्र है। इस क्षेत्र से लौह अयस्क निर्यात के लिए चेन्नई और गोवा पोर्ट तक पहुंचाया जाता है।
- इस रेलवे लाइन का दोहरीकरण मार्मगाओ बंदरगाह से आयातित कोयले को इस्पात उद्योगों और गुलबर्गा जिले में जेवारगी में लगने वाले थर्मल पावर प्लांटों और उत्तर कर्नाटक के बेल्लारी जिले में थर्मल विस्तार फेस-2 के लिए भेजने के लिए आवश्यक है।
- इस परियोजना में 28.75 किमी के रेलवे लाइन का दोहरीकरण हो चुका है और इसे राष्ट्र को समर्पित किया जा रहा है।
- चिक्कौड़ी रोड़ स्टेशन पर नए स्टेशन भवन का निर्माण और प्लेटफॉर्म शेल्टर का विस्तार।
- चिक्कोड़ी रोड स्टेशन पर 275 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र के एक नये स्टेशन भवन का निर्माण किया गया है। इस स्टेशन का सौंदर्यकरण करने के लिए 500 वर्ग मीटर क्षेत्र में पक्का फर्श बनाकर संचारी क्षेत्र में सुधार किया गया है।
- चिकोडी रोड रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेटफार्म को 320 मीटर आगे बढ़ाया गया है। बैठने की व्यवस्था के साथ 64 मीटर लंबा नया प्लेटफार्म सेल्टर उपलब्ध कराया गया है। चिक्कोडी रोड स्टेशन पर उपरोक्त सुविधाओं पर 15 लाख रुपये की लागत आई है।
- रायाबाग स्टेशन पर प्लेटफॉर्म शेल्टर का विस्तार।
- 6. गड़ग स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नम्बर-2 में प्लेटफॉर्म शेल्टर का प्रावधान।
- कोप्पल स्टेशन पर नए प्लेटफॉर्म दो और तीन का निर्माण।
- होस्पेट-तीनईघाट रेलवे लाइन के दोहरीकरण के साथ कोप्पल रेलवे स्टेशन को अतिरिक्त प्लेटफार्म नंबर 2/3 उपलब्ध कराया गया था।
- यह 540 मीटर लंबा वाला एक उच्च द्वीपीय प्लेटफार्म है, जिसका 60 लाख रुपये की लागत से 2 महीने के अन्दर ही निर्माण किया गया है।
- शिवमोगा टाउन स्टेशन पर वीआईपी लाउंज।
- शिवमोगा टाउन मैसूर डिवीजन का एक श्रेणी का महत्वपूर्ण स्टेशन है, जो कर्नाटक के मलनाड क्षेत्र में बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस स्टेशन को एक शानदार वीआईपी लाउंज उपलब्ध कराके इसका उन्नयन किया गया है। इस लाउंज में ग्रेनाइट के फर्श, वातानुकूलित बैठने की सीटों की व्यवस्था, सोफा सैट, सामान की रैक और गर्म तथा ठंडे पानी की सुविधा के साथ स्नानघर, शौचालय सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन सुविधाओं से शिवमोगा स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को बेहतर प्रतीक्षा अनुभव की सुविधा उपलब्ध होगी।
- मैसूर वर्कशॉप में 500 केडब्ल्यूपी सोलर रूफ टॉफ सिस्टम।
- मैसूर स्टेशन पर जल संग्रह और रिसाइकिलिंग प्लान्ट का प्रावधान।
- मैसूर जंक्शन में पानी की बहुत अधिक खपत है। पानी की व्यवस्था नगर निगम के जरिये की जाती है, जिसके लिए 18 लाख रुपये प्रतिमाह यानि 2.16 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की भारी राशि का भुगतान करना पड़ता है।
- रिसाइकल पानी का उपयोग करने के लिए 4.00 लाख लीटर क्षमता का एक पानी रिकसाइकलिंग संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिससे पानी के बिल में कटौती होगी और पर्यावरणीय लाभ के साथ-साथ पानी का बिल भी कम हो जायेगा।
- होलेनर्सिपुरा स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज का समर्पण।
- होलीनराशीपुरा मैसूर प्रभाग का डी श्रेणी का एक महत्वपूर्ण स्टेशन है जो कि भगवान नरसिंह को समर्पित प्राचीन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है और यहां कावेरी नदी की एक सहायक नदी हेमावती बहती है।
- मुख्य पर्यटन स्थल होने के कारण इस स्टेशन की 2015-16 वर्ष के दौरान एक आदर्श स्टेशन के रूप में उन्नयन के लिए पहचान की गई थी। आदर्श स्टेशन के मानदंडों के अनुसार इस स्टेशन को उन्नयन करने के लिए 2.85 करोड़ रुपए की लागत से महत्वपर्ण यात्री सुविधाओं के कार्य किए गए हैं।
- कार्य चरणों में पूरा हो गया है और फुटओवर ब्रिज जुलाई-17 में पूरा हो चुका है। हॉलनसारिपुरा में फुट ओवर ब्रिज पर आने-जाने का काम शुरू होने से आदर्श स्टेशन मानदंडों के अनुसार सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
- बैयाप्पनहल्ली-व्हाइट फील्ड-बैयाप्पनहल्ली के मध्य नई डेमू सेवा।
- रायाबाग में एलसी 48 पर आरओबी कार्य की शुरूआत।
- वाडी में बाईपास लाइन के लिए आधारशिला रखना।
- वाडी स्टेशन रणनीतिक रूप से 3 डिवीजनों-सोलापुर, गुंतकल और एससी डिवीजन के जंक्शन पर स्थित है। यद्यपि गुंतकल से सिकंदराबाद की और बाईपास मौजूद हैं, फिर भी इंटरलॉकिंग व्यवस्था और बड़ी संख्या में क्रॉस आवाजाही के कारण मार्ग अवरूद्ध रहता है।
- वाडी और नलवार के बीच प्रस्तावित बाईपास से इन जगहों के बीच की दूरी लगभग 12 किलोमीटर कम हो जाएगी और वाडी यार्ड में भीड़ कम करने का यह सबसे प्रभावी विकल्प रहेगा।
- यादगिर (आरवीएनएल) के रेल बोगी कारखाने में कार्य की शुरूआत)
- 16. मेथरावती और मंगलौर सेंट्रल स्टेशनों के मध्य (मंगलौर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर) रेल लाइन दोहरीकरण के कार्य की आधारशिला।
- इस खंड के दोहरीकरण से एमएक्यू से अतिरिक्त मेल/एक्सप्रेस रेलगाडि़यों को चलाने में मदद मिलेगी क्योंकि एमएक्यू, कोंकण रेलवे, मैसूर/बंगलौर की तरफ पूरे केरल और तमिलनाडु राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण फीडर कोचिंग टर्मिनल है।
- मंगलौर सेंट्रल स्टेशन पर (मंगलौर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर) नए एफओबी की आधारशिला रखना।