देहरादून: रेशम निदेशालय उत्तराखण्ड के प्रेमनगर परिसर में केन्द्रीय रेशम बोर्ड (भारत सरकार) के सहयोग से निर्मित ‘‘रेशम बीजागार भवन’’ का मा0 कृषि मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुबोध उनियाल द्वारा शिलान्यास किया गया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि ‘‘रेशम बीजागार’’ बनने से स्थानीय स्तर पर रेशम कीट के अण्डो को उत्पादन किया जा सकेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर उत्पादित बीज के कारण अच्छा उत्पादन किया जा सकेगा। उन्होने कहा कि अभी तक रेशम कीट के अण्डे बैंगलोर से खरीदे जा रहे थे, जो स्थानीय परिस्थिति में ठीक से नही ढल पाते थे। उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने रेशम के राॅ मटेरियल की बिक्री में 37 प्रतिशत् न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाने का निर्णय लिया है तथा हर किसान का बीमा करने के लिए विभाग को निर्देश दिये। उन्होने विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक वर्ष लक्ष्य निर्धारित कर उसे हर हाल में हासिल करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि हमने इस वर्ष 10 हजार मिट्रिक टन का लक्ष्य रखा है।
इस अवसर पर सचिव उद्यान डी सेंथिल पाण्डियन ने कहा कि रेशम बीजागार बनने से रेशम उत्पादन को बढावा मिलेगा, पलायन रोकने में भी कारगर होगा तथा प्रधानमंत्री भारत के 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य की भी प्राप्ति होगी। उन्होने कहा कि रेशम उत्पाद में लगे लोगों की मूलभूत समस्याओं को समझते हुए उसका निराकरण कर रहे हैं तथा मार्केटिंग की उचित व्यवस्था के साथ-2 कृषि बागवानी प्रोजैक्ट में रेशम को भी शामिल करते हुए कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक हरबंश कपूर, केन्दीय रेशम बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ सिद्दिकी, उद्यान विभाग के निदेशक डाॅ बी.एस नेगी, रेशम विभाग के निर्देशक एस.के यादव, संयुक्त सचिव उद्यान रमेश कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।