लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में बीते 32 घंटे से राज्य कर्मचारी का दर्जा और मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर डटी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को हटाने के लिए मंगलवार दोपहर में पुलिस ने उन लाठियां बरसा दीं। उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। महिला पुलिस का यह रूप देख कर कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने मुकाबला करने की भी कोशिश की पर वे नाकाम रही। इस लाठीचार्ज में कुछ कार्यकर्त्रियां घायल भी हो गईं।
पुलिस ने उन्हें खदेड़ पर पार्क के एक कोने में समेट दिया। इससे पूरे इलाके में भगदड़ मच गई। पुलिस की लाठी से बचने के लिए लोग तितर-बितर हो गए। फिलहाल माहौल काफी तनावपूर्ण है। हालांकि इससे पहले उन्हें उनको मनाने की काफी कोशिश के बाद भी वे हजरतगंज से नहीं हटीं। उनकी वजह से आज भी सुबह से जाम बड़ी समस्या बना रहा। बीती देर रात प्रदेश अध्यक्ष गीतांजलि मौर्या सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किये जाने के बाद से आंदोलनकारी कार्यकर्त्रियां नारेबाजी करती रहीं।
आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन के बैनर तले सोमवार को शुरू हुआ उनका प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। सैकड़ों प्रदर्शनकारी अभी भी एकतरफ का मार्ग जाम किये हुए हैं। सोमवार को प्रदर्शन को थमता हुआ नहीं दिखाई देने पर बीती देर रात प्रशासन ने इनकी प्रदेश अध्यक्ष गीतांजलि मौर्य और अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। फिलहाल एक तरफ से रास्ता खाली कराकर आवागमन शुरू करा दिया गया। गिरफ्तार सभी आंगनबाड़ी नेताओं पर 106 और 116 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अपने नेताओं की गिरफ़्तारी और मांगों को न माने जाने से नाराज इन लोगों ने नारेबाजी कर विरोध दर्ज कराया। मुख्यत: ये लोग अपना मानदेय बढ़ाए जाने के लिए विगत 36 दिनों से प्रदेश भर में धरने पर बैठे हैं। इन लोगों का कहना है कि अब बग़ैर लिखित आदेश के कुछ भी नहीं मानेंगे।
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