लखनऊ: एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को लखनऊ में अवैध पक्षी व्यापार के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए इस व्यापार में लिप्त 07 तस्करों को गिरफ्तार कर विभिन्न प्रजातियों के 600 से अधिक पक्षी बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।
गिरफतार अभियुक्तों का विवरणः-
- राजपति बहेलिया पुत्र तुलसी राम निवासी 386/45अ, घंटावेग गढइया, दरगाह रोह, थाना सआदतगंज, लखनऊ।
- कैलाशपति बहेलिया पुत्र राजपति निवासी 386/45अ, घंटावेग गढइया, दरगाह रोह, थाना सआदतगंज, लखनऊ।
- श्यामधन बहेलिया पुत्र रामऔतार निवासी 391/45अ, घंटावेग गढइया, दरगाह रोह, थाना सआदतगंज, लखनऊ।
- कैलाश बहेलिया पुत्र बराती लाल निवासी घंटावेग गढइया, दरगाह रोह, थाना सआदतगंज, लखनऊ।
- राजेन्द्र बहेलिया पुत्र तुलसीराम निवासी 300/86, घंटावेग गढइया, दरगाह रोह, थाना सआदतगंज, लखनऊ।
- कल्लू कुरैशी पुत्र जैनुल आबदीन निवासी चिकमण्डी, थाना सआदतगंज, लखनऊ।
- मेराज अंसारी पुत्र कुर्बान निवासी इस्लामिया मदरसा के बगल,न्यू हैदरगंज, थाना ठाकुरगंज, लखनऊ।
फरार अभियुक्त:-
- राम कुमार बहेलिया पुत्र बराती लाल घंटावेग गढइया, सआदतगंज, लखनऊ।
- लाला पुत्र ईश्वर लाल निवासी घंटावेग गढइया, सआदतगंज, लखनऊ।
- राम औतार पुत्र तुलसी राम निवासी घंटावेग गढइया, सआदतगंज, लखनऊ।
बरामदगीकाविवरणःबरामदगीकाविवरणः
- तोता 108
- मुनिया 325
- तीतर 35
- बटेर 137
- गौरैया 04
- जंगलीकबूतर 65
- महोख 01
- जंगलीकौवा 01
- बगुला 01
- हारिल 15
- सलेहरी 02
- फाख्ता 01
- टुइयां 21
- बया 02
- रू0 1,62,170/-
- मोबाइल फोन 05 अदद
वन विभाग, उ0प्र0 ने पुलिस महानिरीक्षक, एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश से पुराना लखनऊ व चैक क्षेत्र में व्यापक स्तर पर अवैध पक्षियों की तस्करी के बाद बिक्री करने की सूचना पर कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया था, जिसके क्रम में श्री अभिषेक सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 द्वारा एस0टी0एफ0 द्वारा इस सूचना को विकसित करने हेतु अपर पुलिस अधीक्षक श्री अरविन्द चतुर्वेदी को निर्देशित किया गया था। डा0 चतुर्वेदी ने मुख्य वन संरक्षक, लखनऊ श्री प्रवीण राव से सम्पर्क कर उक्त सूचना के सम्बन्ध में पूर्व आपराधिक इतिहास सहित अन्य सूचनायें एकत्र कीं। प्रारम्भिक पड़ताल से ज्ञात हुआ कि विक्टोरिया स्ट्रीट, थाना चैक, लखनऊ पर अकबरी गेट के पास बहुत लम्बे समय से पक्षियों का व्यापार होता है। जमीनी सूचना विकसित करने पर ज्ञात हुआ कि ऐसे व्यापारी अप्रतिबन्धित चिड़ियों की आड़ में वन्य जीव अपराध अधिनियम-1972 के शिड्यूल 1 से 4 तक के पक्षियों का व्यापार कर रहे हैं। जिनमें मुख्य रूप से फिंचेज, सिनेबाज, मैना, उल्लू, हार्न बिल इत्यादि हैं। यह भी ज्ञात हुआ कि मांग के आधार पर ये व्यापारी माइग्रेटेड बर्ड् सभी उपलब्ध करा देते हैं।वन विभाग, उ0प्र0 ने पुलिस महानिरीक्षक, एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश से पुराना लखनऊ व चैक क्षेत्र में व्यापक स्तर पर अवैध पक्षियों की तस्करी के बाद बिक्री करने की सूचना पर कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया था, जिसके क्रम में श्री अभिषेक सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 द्वारा एस0टी0एफ0 द्वारा इस सूचना को विकसित करने हेतु अपर पुलिस अधीक्षक श्री अरविन्द चतुर्वेदी को निर्देशित किया गया था। डा0 चतुर्वेदी ने मुख्य वन संरक्षक, लखनऊ श्री प्रवीण राव से सम्पर्क कर उक्त सूचना के सम्बन्ध में पूर्व आपराधिक इतिहास सहित अन्य सूचनायें एकत्र कीं। प्रारम्भिक पड़ताल से ज्ञात हुआ कि विक्टोरिया स्ट्रीट, थाना चैक, लखनऊ पर अकबरी गेट के पास बहुत लम्बे समय से पक्षियों का व्यापार होता है। जमीनी सूचना विकसित करने पर ज्ञात हुआ कि ऐसे व्यापारी अप्रतिबन्धित चिड़ियों की आड़ में वन्य जीव अपराध अधिनियम-1972 के शिड्यूल 1 से 4 तक के पक्षियों का व्यापार कर रहे हैं। जिनमें मुख्य रूप से फिंचेज, सिनेबाज, मैना, उल्लू, हार्न बिल इत्यादि हैं। यह भी ज्ञात हुआ कि मांग के आधार पर ये व्यापारी माइग्रेटेड बर्ड् सभी उपलब्ध करा देते हैं।
निरीक्षक श्री राजेश चंद्र त्रिपाठी व हेमन्त भूषण के नेतृत्व में गठित टीम ने ऐसे व्यापारियों के व्यापार स्थान के साथ-साथ उनके घर और उनको पक्षियों की आपूर्ति करने वाले की गहन निगरानी आरम्भ कर दी। ज्ञात हुआ कि तोतों की कई प्रजातियां जनपद खीरी, सीतापुर व शाहजहांपुर आदि स्थानों से बहेलियो इनके पास लाकर बेचते हैं। इसी प्रकार तीतर व बटेर भी स्थानीय बहेलियों द्वारा आपूर्ति किये जाते हैं। जानकारी प्राप्त हुयी कि सर्वाधिक मांग का पक्षी सिने बाज है, जिसकी आपूर्ति प्रायं बांदा, चित्रकूट के जंगलों से होती है। यह भी बात प्रकाश में आयी कि इन व्यापारियों के सम्बन्ध पटना व कोलकाता के व्यापारियांे से भी हैं, जहां ऊंचे दामों पर इन पक्षियों की सप्लाई की जाती है। यह आपूर्ति ट्रेनों के माध्यम से किये जाने की जानकारी प्राप्त हुयी, जिसे और अधिक विकसित किया गया। दिनांक 06-01-2018 को एक निश्चित सूचना के आधार पर जनपदीय पुलिस को साथ लेकर एसटीएफ व वन विभाग की संयुक्त टीम ने थाना चैक क्षे़त्रांतर्गत नक्खास में पक्षी बिक्री के स्थानों पर अचानक छापेमारी की जहां पर उक्त अभियुक्तों के पास से पक्षी बरामद हुये। डीएफओ, लखनऊ श्री मनोज कुमार सोनकर के नेतृत्व में वन विभाग लखनऊ की टीम ने बरामद पक्षियों की पहचान की। पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी, लखनऊ श्री विकास चंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में प्रभारी निरीक्षक चैक श्री उमेश चंद्र श्रीवास्तव ने समुचित पुलिस बल के साथ टीम को स्थानीय सहयोग प्रदान किया।पूछताछ पर कैलाशपति बहेलिया ने बताया कि वह अपने पिता राजपति के साथ पिछले कई वर्षों से पक्षियों का कारोबार करता है। उसके बंधे हुये बहेलिया आपूर्ति कर्ता हैं, जो मांग के अनुसार चिड़ियों का शिकार कर उपलब्ध कराते हैं, जिन्हें ऊंचे दामों पर बेच कर अवैध मुनाफा कमाता है। कैलाशपति ने बताया कि इस बाजार के सबसे पुराने व्यापारी रामऔतार व लाला हैं जो आज छापा पड़ते समय अपनी-अपनी दुकानों से भाग गये हैं। रामऔतार का लड़का श्यामधन बहेलिया आज हम लोगों के साथ पकड़ा गया है।वनविभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार रामऔतार पर पूर्व में अवैध पक्षी व्यापार के सम्बन्ध में 07 मुकदमे पंजीकृत हैं। इसी प्रकार लाला व राजकुमार पर भी कई मुकदमे पंजीकृत होने की जानकारी प्राप्त हुयी है।
गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध अवध वनप्रभाग, लखनऊ के सिटी रेंज, कुकरैल में केस संख्याः 38/2017-18 अन्तर्गत धारा 2/9/39,49,50 व 51 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 पंजीकृत कर कार्यवाही की जा रही है।