न्यूयार्क. लहसुन से प्राकृतिक रूप से प्राप्त यौगिकों को फ्लोरिन में मिला कर उसका इस्तेमाल ट्यूमर को बढ़ने और रक्त थक्कों का निर्माण रोकने के लिए एक शक्तिशाली दवा उपचार के तौर पर किया जा सकता है. यह बात एक अध्ययन में सामने आयी है. सदियों से लहसुन का इस्तेमाल एक प्राकृतिक दवा के तौर पर होता रहा है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि लहसुन में यौगिक एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक हैं और विभिन्न बीमारियों से लड़ने का काम करते हैं.
पत्रिका ‘मॉलिक्यूल्स’ में प्रकाशित एक अध्ययन में अमेरिका में अल्बानी स्थित विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने परिकल्पना की कि लहसुन से प्राकृतिक रूप से प्राप्त योगिकों में फ्लोरिन डालने से लाभकारी जैविक गतिविधि बढ़ेगी. फ्लोरिन आवर्त सारणी में सबसे प्रतिक्रयाशील तत्व है और इसका फार्मास्युटिकल उद्योग में व्यापक इस्तेमाल होता है.
वैज्ञानिकों ने अपनी परिकल्पना के परीक्षण के लिए लहसुन के कई यौगिकों का उन्नयन किया और हाइड्रोजन एटम को फ्लोरिन एटम से बदल दिया. पूरा होने पर उन्होंने फ्लोरिन परिष्कृत योगिकों और गैर परिष्कृत यौगिकों का इस्तेमाल एंटी..एंजियोजेनेसिस और एंटीथ्रोमबोटिक एजेंट की प्रभावशीलता की तुलना करने के लिए 10 दिन पुराने मुर्गी के भ्रूण का इस्तेमाल किया. परिणाम में यह बात सामने आयी कि परिष्कृत यौगिक जैविक गतिविधियों में बेहतर थे और इसका इस्तेमाल भविष्य में दवा इलाजों के विकास में करने पर विचार किया जाना चाहिए.
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