देहरादून: प्रदेश के वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण एवं ठोस अपशिष्ट निवारण, श्रम, सेवायोजन, प्रशिक्षण, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत ने विधान सभा स्थित सभाकक्ष कक्ष में वन, राजस्व एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ लालढांग-चिल्लरखाल सड़क मार्ग के सम्बन्ध में बैठक की।
बैठक में वन, राजस्व, लोक निर्माण विभाग एवं शासन के अधिकारियों की उपस्थिति यह निश्चय किया गया कि लालढांग-चिल्लरखाल सड़क मार्ग के लिए पुनः प्राक्क्लन प्रस्तुत किया जाय। इस संशोधित प्राक्कलन में सड़क के डामरीकरण में आने वाली लागत को शामिल किया जाय। पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में इस क्षेत्र का वन, राजस्व, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया था। संयुक्त रिपोर्ट में यह पाया गया कि इस क्षेत्र में 70-80 के दशक में डामरीकृत सड़क थी।
इस सड़क निर्माण सम्बन्धी ऐतिहासिक निर्णय से कोटद्वार-हरिद्वार के मध्य दूरी कम होगी। प्रदेश के वाह्नों को उत्तर प्रदेश मार्ग से होकर नहीं गुजरना पडेगा। सडक मार्ग की दूरी कम होने से कोटद्वार क्षेत्र के औद्योगिक विकास में तेजी आयेगी। औद्योगिक कच्चा माल और तैयार माल लाने व ले जाने में सुविधा होगी और ढुलान लागत में कमी आयेगी।
बैठक में सचिव (प्रभारी) वन अरविन्द सिंह हयंाकी, अपर सचिव वित्त एम0एल0पन्त, प्रमुख वन संरक्षक राजेन्द्र महाजन, चीफ कन्जर्वेटर भुवनचन्द, कन्जर्वेटर (शिवालिक वृत्त) मीनाक्षी जोशी, संयुक्त सचिव लोनिवि एस0एस0 टोलिया, एसडीएम कोटद्वार राकेश तिवारी, ईई लो0नि0वि0 दुगड्डा निर्भय सिंह, इत्यादि मौजूद थे।