नई दिल्ली: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को उत्तराखंड में वनाग्नि पर अपने पहले मॉक अभ्यास का आयोजन करेगा ताकि वनों में आग लगने के दौरान पहले से तैयारी और प्रतिक्रिया तंत्र में सुधार किया जा सके।
मॉक अभ्यास को इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) के सिद्धांत के तहत आयोजित किया जाएगा, जो हितधारकों की पहचान करता है और उनमें से प्रत्येक को स्पष्ट रूप से भूमिकाएं और जिम्मेदारियां निर्धारित करता है। यह तैयारियों को मजबूत करेगा और भ्रम और गड़बड़ी में सुधार के लिए तेजी से प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा।
यह अंतराल को कम करने, बेहतर संचार सुनिश्चित करने तथा विभिन्न हितधारक एजेंसियों के बीच समन्वय में सुधार करने में सहायता करेगा। यह वन में आग लगने के दौरान स्थानीय लोगों के बीच क्या करना चाहिए और क्या नहीं के उपायों के बारे में जानाकारी देगा।
मॉक अभ्यास तीन दिवसीय आयोजन का हिस्सा होगा, जिसकी शुरूआत मंगलवार को एक समन्वयन सम्मेलन के साथ होगी और इसके बाद बुधवार को टेबल टॉप अभ्यास किया जाएगा। राज्य की राजधानी देहरादून में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के अधिकारी भी इन तैयारी बैठकों में हिस्सा लेंगे।
अभ्यास की सुगमता सुनिश्चित करने से पहले संबंधित अधिकारियों के साथ एक ओरिएंटेशन क्रांफ्रेस आयोजित की गई।
सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), वन, स्वास्थ्य, पुलिस, अग्निशामक, नागरिक सुरक्षा, परिवहन, बिजली, जनसंपर्क आदि जैसे सभी महत्वपूर्ण विभागों के वरिष्ठ अधिकारी इस अभ्यास में भाग लेंगे।