मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार इस वर्ष गन्ना विभाग द्वारा किसानों की आमदनी दोगुना करने के दृष्टिगत चीनी मिलों का समय से संचालन कराने के निर्देश दिये गये थे, जिससे गन्ना किसान अपने गन्ने की समय से आपूर्ति चीनी मिलों को सुनिश्चित कर रबी फसलों विशेषकर गेहूँ की बुवाई हेतु अपना खेत खाली कर सकें और समय से गेहूँ तथा अन्य जरूरत की रबी फसलों की बुवाई कर अधिकतम उत्पादन प्राप्त कर सकें।
गन्ना एवं चीनी आयुक्त, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना मंत्री के मार्गदर्शन में चीनी मिलों का शीघ्र संचालन कराने हेतु एक ठोस कार्य योजना बनायी गयी, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में पेराई सत्र 2017-18 में संचालन हेतु प्रस्तावित कुल 119 चीनी मिलों में से अब तक 75 चीनी मिलों का पेराई सत्र प्रारम्भ करा दिया गया है, जबकि गत पेराई सत्र 2016-17 में अब तक प्रदेश की मात्र 37 चीनी मिलें ही संचालित हो पायी थी।
प्रदेश में अब तक चीनी मिलों द्वारा 54.98 लाख टन गन्ने की पेराई करते हुए 5.22 लाख टन चीनी का उत्पादन भी किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त संचालित चीनी मिलों में गत वर्ष के औसत चीनी परता 8.53 के सापेक्ष वर्तमान सत्र में आ रहे चीनी परता 9.50 के फलस्वरूप प्रदेश में अधिक चीनी उत्पादन होने की पूर्ण सम्भावना है।
चीनी मिलों के समय से संचालन के कारण गन्ना किसानों को उन्हें औने-पौने दामों पर कोल्हू क्रेशरों पर अपना गन्ना नहीं डालना पड़ेगा और चीनी मिलों को आपूर्ति किये गये गन्ने का सरकार द्वारा निर्धारित वाजिब गन्ना मूल्य प्राप्त हो सकेगा, जो गन्ना किसानों की आमदनी दोगुना करने में सहायक सिद्ध होगी।
इसके अतिरिक्त इस वर्ष चीनी मिलों ने 14 दिनों के अन्दर गन्ना मूल्य भुगतान भी प्रारम्भ कर दिया है तथा अब तक रू.547.84 करोड़ गन्ना मूल्य का भुगतान भी किसानों को किया जा चुका है, जबकि गत पेराई सत्र में इस अवधि तक गन्ना किसानों को कोई भी भुगतान नहीं किया गया था।
गन्ना किसानों की गन्ना उपज चीनी मिलों को सुचारू रूप से आपूर्ति कराने के दृष्टिगत किसानों को पक्का कलेण्डर वितरित किये जाने, सभी आवंटित क्रय केन्द्रों की स्थापना सुनिश्चित कर नियमित संचालन कराने, किसानों को उनके सट्टे के अनुसार निर्धारित पर्चियाँ समय से उपलब्ध कराने तथा घटतौली इत्यादि अनियमितताओं के प्रभावी रोकथाम हेतु परिक्षेत्रीय एवं जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। इस क्रम में मुख्यालय के 12 वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली व लखनऊ परिक्षेत्र के 23 जनपदों में गन्ना क्रय केन्द्र/मिल गेट का भी औचक निरीक्षण किया गया है।