नई दिल्लीः वर्ष 2017 के दौरान कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की प्रमुख गतिविधियां इस प्रकार हैं –
प्रधानमंत्री ने लोक सेवा दिवस के अवसर पर प्रशासनिक अधिकारियों को पुरस्कार प्रदान किए ; ‘प्रधानमंत्री लोक प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार 2017’ के लिए रिकॉर्ड 2345 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21 अप्रैल, 2017 को 11वें लोक सेवा दिवस के अवसर पर प्राथमिकता कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन संबंधी पुरस्कार प्रदान किए और प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कुल 12 पुरस्कार प्रदान किए, जिनमें से 10 पुरस्कार पांच प्राथमिकता कार्यक्रमों के अधीन थे। इन 10 पुरस्कारों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नैम), दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया सहित दो योजनाएं लोक शासन वर्ग की थीं।
‘प्रधानमंत्री लोक प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार 2017’ के लिए रिकॉर्ड 2345 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं। इन प्रविष्टियों में से 1515 प्रविष्टियां 599 जिलों से प्राप्त हुई थीं, जो प्राथमिकता कार्यक्रम वर्ग की थीं। इसी तरह 830 प्रविष्टियां नवाचार वर्ग के अंतर्गत विभिन्न संगठनों और सरकारी एजेंसियों से प्राप्त हुई थीं।
प्रधानमंत्री ने 2015 बैच के आईएएस अधिकारियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 03 जुलाई, 2017 को सहायक सचिवों के उद्घाटन सत्र में 2015 के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने युवा आईएएस अधिकारियों को सलाह दी कि वे ऐसी मानसिकता से बचें, जो बदलाव लाने में बाधक हो, और उन सबको भारत की प्रशासनिक प्रणाली में ‘नव भारत’ की भावना को प्रोत्साहित करना चाहिए। सहायक सचिवों के समापन सत्र के अंग के रूप में 2015 बैच के आईएएस अधिकारियों ने 26 सितंबर, 2017 को प्रधानमंत्री के समक्ष प्रेजेंटेशने दिया।
पेंशन एवं पेंशनधारक कल्याण विभाग द्वारा पहली ‘पेंशन अदालत’ 20 सितम्बर, 2017 को आयोजित की गई। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पेंशन एवं पेंशनधारक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित पूर्व-सेवानिवृत्ति काउंसलिंग कार्यशाला के अवसर पर 20 सितम्बर, 2017 को पहली पेंशन अदालत का उद्घाटन किया। पेंशन अदालत के दौरान चुने हुए 29 मामलों में से 19 मामलों को अदालत ने निपटा दिया। निपटाए गए 19 मामलों में से 18 मामलों को पेंशनधारियों द्वारा अपने दावे स्वीकार करने के आधार पर ही निपटा दिया गया। 30 नवम्बर, 2017 तक अदालत में पेश की जाने वाली 29 शिकायतों में से 26 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया।
विभागों के लिए संस्थागत स्मारक बनाने के संबंध में जिन 16 पेंशनधारियों ने योगदान किया था, उन्हें ‘अनुभव’ पुरस्कार 2017 प्रदान किए गए।
लोक शिकायतों और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित मुद्दों के हल के लिए डीएआरपीजी ने ‘डीएआरपीजीसेवा’ की शुरूआत की। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने 01 फरवरी, 2017 को ट्वीटर सेवा शुरू की थी। ट्वीटर का हैंडल ‘डीएआरपीजीसेवा’ है। ट्वीटर सेवा के तहत डीएआरपीजी से संबंधित लोक शिकायत तथा प्रशासनिक सुधार जैसे मुद्दों को हल किया जाता है।
सरकार द्वारा शिकायतों का त्वरित निपटारा; डीएआरपीजी ने राज्य सरकरों को लिखा कि वे अपने शिकायत प्रकोष्ठों को सरकार की सीपीग्राम्स से जोड़ें। वर्ष 2017 के समय से लोगों द्वारा दायर की जाने वाली शिकायतें सात गुना बढ़ी हैं। इस तरह शिकायतों की संख्या लगभग दो लाख से बढ़कर इस साल लगभग 14 लाख हो गई हैं। इसका कारण विभाग द्वारा शिकायतों पर तुरंत संज्ञान लेना है। अब डीएआरपीजी द्वारा 99 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा किया जा रहा है। शिकायतों पर संज्ञान लेने के औसत समय में भी कमी आई है। इस संबंध में उल्लेखनीय है कि राजस्व विभाग शिकायतों का संज्ञान लेने में 2014 में जहां 108 दिन लगते थे, अब इस वर्ष केवल 25 दिन लगे हैं। इसी तरह दूरसंचार विभाग में भी वर्ष 2014 में शिकायतों पर संज्ञान लेने में 19 दिन लगते थे, वो अब घटकर 12 दिन हो गए हैं। डीएआरपीजी मुख्य सचिवों को भी पत्र लिख रहा है कि वे अपने राज्यों के शिकायत प्रकोष्ठों को केंद्र सरकार के सीपीग्राम्स पोर्टल से जोड़ लें।
20 मंत्रालयों का डीएआरपीजी शिकायत अध्ययन विश्लेषण जारी। 20 मंत्रालयों का डीएआरपीजी शिकायत अध्ययन विश्लेषण को 25 अगस्त, 2017 को जारी किया गया। वर्ष 2015 में 20 मंत्रालयों के लिए ‘शिकायत विश्लेषण एवं प्रणाली सुधार’ अध्ययन किया गया था। परिणामस्वरूप 65 सुधारों की शुरूआत की गई, जिसका प्रशासन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। 2017 में अतिरिक्त 20 मंत्रालयों का अध्ययन किया गया और 180 सुधारों का सुझाव दिया गया। संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ परामर्श के जरिए इन सुधारों की निगरानी करने के लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई का गठन किया गया।
केन्द्रीय पेंशन शिकायत पंजीरकण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीईएनग्राम्स)। पुरानी लंबित शिकायतों को कम करने तथा बेहतर कार्रवाई के लिए गहन प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ नियमित रूप से समीक्षा बैठकें की गईं। इसके नतीजे में 01 अप्रैल, 2017 से 24 नवम्बर, 2017 की अवधि के दौरान 22,027 शिकायतों का निपटारा किया गया। शिकायतें दूर करने की समय सीमा 60 दिन है। इसी अवधि के दौरान 60 दिन के भीतर 84.2 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा किया गया।
राज्य सरकार अधिकारियों के लिए नये प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘कमिट’ की शुरूआत। प्रधानमंत्री कार्यालय में राजय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने राज्य सरकार अधिकारियों के लिए 29 जून, 2017 को ‘कॉम्प्रिहेंसिव ऑनलाइन मॉडिफाइड मॉडयूल्स ऑन इंडेक्शन ट्रेनिंग’ (सीओएमएमआईटी) की शुरूआत की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य लोक सेवा प्रणाली में सुधार लाना और अधिकारियों की क्षमता बढ़ाना है, ताकि वे दैनिक आधार पर नागरिकों के साथ संपर्क कर सकें और उन्हें बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें।
सतर्कता मैनुअल का सातवां संस्करण जारी; पहली बार ऑनलाइन संस्करण भी जारी किया गया। केंद्रीय सतर्कता आयोग के सतर्कता मैनुअल का सातवां संस्करण 07 सितम्बर, 2017 को जारी किया गया। सतर्कता मैनुअल का मौजूदा संस्करण एक जन दस्तावेज है, जो केंद्रीय सतर्कता आयोग की वेबसाइट www.cvc.nic.in पर उपलबध है। मुद्रित संस्करण के साथ पहली बार ऑनलाइन संस्करण भी जारी किया गया।
केंद्रीय सतर्कता आयोग 25 संगठनों का समेकित सूचकांक विकसित करेगा। विस्तृत रणनीति और निरोधी सतर्कता के मद्देनजर केंद्रीय सतर्कता आयोग ने अक्टूबर में यह घोषणा की थी कि उसका विश्वास है कि प्रणाली आधारित बदलाव का अगला स्तर समेकित सूचकांक के जरिए होगा। इसके बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग ने समेकित सूचकांक के विकास का निर्णय किया।
विभागीय कार्यवाही के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर जारी। विभागीय कार्यवाहियों के लिए 22 जून, 2017 को ऑनलाइन सॉफ्टवेयर जारी किया गया। इस प्रणाली के तहत विभागीय मामलों की निगरानी कारगार तरीके से की जा सकेगी और तय समय सीमा के अंदर कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी। इसके संबंध में ऑनलाइन पोर्टल को शुरूआत में केंद्र सरकार में तैनात आईएएस अधिकारियों से जोड़ा जाएगा। उसके बाद इस प्रणाली को केंद्र सरकार के अन्य एआईएस अधिकारियों तथा केंद्रीय समूह ‘ए’ कर्मियों को प्रदान किया जाएगा। सरकार ने अधिकारियों और अखिल भारतीय सेवा (एआईएस) के सदस्यों के खिलाफ जांच पूरी करने की निश्चित ‘समय सीमा’ तय की। एआईएस (डीएंडए) रूल्स, 1969 में संशोधन करके जांच संबंधी विभिन्न चरणों के लिए निश्चित समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। इसका उद्देश्य तय समय के भीतर एआईएस के सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरी करना है।
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी और नामीबिया इंस्टियूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रिेशन एंड मैनेजमेंट (एनआईपीएएम) के बीच सहमति-ज्ञापन। मार्च, 2017 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एलबीएसएनएए और एनआईपीएएम के बीच एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने की मंजूरी दी। समझौते का उद्देश्य नामीबिया के प्रशासनिक अधिकारियों की क्षमता निर्माण करना और दोनों संस्थानों के परस्पर लाभ को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण गतिविधियां चलाना है।
एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ़ इंडिया, हैदराबाद और जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच सहमति-ज्ञापन। सहमति-ज्ञापन पर नई दिल्ली में 10 फरवरी, 2017 को हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य क्षमता निर्माण, मूल्यांकन अध्ययन, प्रशासनिक शिक्षा और संबंधित विषयों पर संयुक्त गतिविधियां चलाना है। समझौते में शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रम, इत्यादि भी शामिल हैं। दोनों संस्थान एक-दूसरे के द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्रियों, डिप्लोमा, प्रमाण-पत्र इत्यादि को भी मान्यता देंगे।
आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल के साथ 2149 सार्वजनिक प्राधिकरणों का तालमेल। 2149 सार्वजनिक प्राधिकरणों ने आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल के साथ तालमेल कर लिया है। इस पोर्टल को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप बनाया गया है। सरकार ने हमेशा पारदर्शिता और सु-शासन पर जोर दिया है। सरकार राज्यों को प्रेरित कर रही है कि वे आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल को लागू करें। इस पोर्टल से सूचना के अधिकार के तहत की जाने वाली कार्रवाई में होने वाले विलंब को रोका जा सकेगा।
पेंशनधारकों के लि मोबाइल एप। ई-शासन से एम-शासन की दिशा में अग्रसर होते हुए पेंशनधारकों को विभिन्न सुविधाएं देने के लिए मोबाइल एप लाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 20 सितंबर, 2107 को मोबाइल एप जारी किया। मोबाइल के तहत केन्द्र सरकार के अधिकारियों को अपनी सेवानिवृत्ति के संबंध में सारी जानकारियां मिल जाएंगी। सेवानिवृत्त अधिकारियों को पेंशन कैल्क्युलेटर के जरिए अपनी पेंशन का हिसाब-किताब करने में सुविधा होगी। इसके जरिए शिकायतों का भी पंजीकरण किया जा सकेगा।
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने साक्षात्कार के प्रावधान को हटाया। निचले वर्ग के पदों की बहाली के संबंध में 18 राज्यों और 7 केन्द्र शासित प्रदेशों ने साक्षात्कार की प्रथा समाप्त कर दी है। यह कदम भ्रष्टाचार को रोकने, चयन में पारदर्शिता लाने और अभावग्रस्त उम्मीदवारों की समस्याओं को दूर करने के लिए उठाया गया है।
केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के बोर्ड स्तरीय और गैर-बोर्ड स्तरीय कार्यकारी अधिकारियों तथा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ई-सर्विस बुक के लिए ऑनलाइन सतर्कता प्रणाली। केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के बोर्ड स्तरीय और बोर्ड के नीचे के स्तर वाले कार्यकारी अधिकारियों तथा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ई-सर्विस बुक के लिए ऑनलाइन सतर्कता प्रणाली 30 मार्च, 2017 को शुरू की गई। इस अवसर पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के कर्मचारियों के लिए भी ई-सर्विस बुक जारी की गई। ऑनलाइन सतर्कता प्रणाली एक ऐसी प्रौद्योगिकी है, जिसके जरिए 120-130 बोर्ड स्तरीय कार्यकारी अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में सतर्कता स्थिति का जायजा लिया जा सकता है। इसके जरिए नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाई जा सकती है। प्रणाली के तहत रियल-टाइम आधार पर उन अधिकारियों का सतर्कता क्लियरेंस प्राप्त होगा, जिन्होंने वरिष्ठ स्तर के पदों के लिए आवेदन किया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने अपने 661 कर्मचारियों के लिए ई-सर्विस बुक लागू कर दी है। समय आधारित तरीके के तहत सभी केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए भी ई-सर्विस बुक लागू कर दी जाएगी।
सामान्य भविष्य निधि नियमों को उदार और सरल बनाना। सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत पहुंचाते हुए पेंशन एवं पेंशनधारक कल्याण विभाग ने मार्च, 2017 में सामान्य भविष्य निधि नियमों में ढील दिए जाने की घोषणा की। अग्रिम और निकासी के संबंध में नियमों को उदार और सरल बनाया गया है। उदार नियमों के तहत निकासी सीमा को बढ़ाया गया है तथा गृह निर्माण और बच्चों की शिक्षा जैसी गतिविधियों के संबंध में प्रक्रियाओं को सरल किया गया है। सरकार ने स्व-प्रमाणन के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है और अंशदाता एक साधारण घोषणा के तहत धनराशि निकाल सकता है। इसके लिए किसी दस्तावेजी प्रमाण की जरूरत नहीं होगी।
जनवरी 9-10, 2017 को विशाखापत्तनम में ई-शासन पर 20वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन। इस सम्मेलन का आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग ने किया था। सम्मेलन को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नारा चन्द्र बाबू नायडू ने संबोधित किया था। इस अवसर पर ई-शासन 2017 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किए गए थे।
सुशासन और श्रेष्ठ व्यवहारों को अपनाने के बारे में क्षेत्रीय सम्मेलन। सुशासन और श्रेष्ठ व्यवहारों को अपनाने के बारे में 7-8 जुलाई, 2017 को नैनीताल में दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें 12 राज्यों और उत्तरी, पश्चिमी तथा मध्य क्षेत्र के चार केन्द्र शासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया। इसी विषय पर एक अन्य क्षेत्रीय सम्मेलन गोवा में 14-15 सितंबर, 2017 को आयोजित हुआ। गोवा सम्मेलन में 25 राज्यों और दक्षिणी, मध्य, पूर्वी, पूर्वोत्तर क्षेत्रों के केन्द्र शासित प्रदेशों सहित पांच अन्य राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया। 22-23 दिसंबर, 2017 को गुवाहाटी में सुशासन पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें 36 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया।
डीएआरपीजी ने अब तक इस तरह के 27 क्षेत्रीय सम्मेलन किये हैं, ताकि सुशासन के व्यवहारों को कारगर तरीके से अपनाया और लागू किया जा सके और सार्वजनिक सेवाओं को तुरंत प्रदान किया जा सके।
उपराष्ट्रपति ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2017 का उद्घाटन किया। उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने 30 अक्टूबर, 2017 को सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2017 का उद्घाटन किया। इसका आयोजन केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने किया था। इस वर्ष उक्त सप्ताह की विषयवस्तु ‘मेरा दृष्टिकोण-भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ थी।
06 दिसंबर, 2017 को केन्द्रीय सूचना आयोग का 12वां वार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ। 06 दिसंबर, 2017 को केन्द्रीय सूचना आयोग का 12वां वार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसका उद्घाटन उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने किया था। श्री एम. वेंकैया नायडू ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि सूचना उस भाषा में दी जानी चाहिए, जिसे सब समझ सकें, खासतौर से आवेदक को समझ आने वाली भाषा में। आयोग के पास 31 मार्च, 2017 तक 2600 मामले लंबित थे, जबकि 01 अप्रैल, 2016 को 3500 लंबित मामलों की संख्या थी। केन्द्रीय सूचना आयोग ने स्वागत डेस्क के जरिए 3500 से अधिक प्रश्नों के जवाब दे दिए थे। वर्ष 2016-17 में आयोग ने लगभग 15000 वीडियो कांफ्रेंस की थीं। वार्षिक सम्मेलन के पूर्व आयोग ने इस वर्ष मई और जुलाई में दो संगोष्ठियों का आयोजन किया था, जिनमें क्रमश: ‘सूचना के अधिकार का क्रियान्वयन अधिनियम, 2005’ और ‘’भूमि रिकॉर्ड एवं सूचना का अधिकार अधिनियम’ पर चर्चा की गई।
12 जनवरी, 2017 को नई दिल्ली में स्वयंसेवी एजेंसी स्थायी समिति (एससीओवीए) की 29वीं बैठक आयोजित।बैठक का आयोजन पेंशन एवं पेंशनधारक कल्याण विभाग ने किया था। एससीओवीए बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने की। इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर प्रति व्यक्ति 9000 रुपये कर दी गई है। इसी तरह अनुकंपा राशि को 10-15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25-35 लाख रुपये कर दिया गया है।
जीवन प्रमाण। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नवम्बर, 2014 में ‘जीवन प्रमाण’ की शुरूआत की। इस ‘आधार’-आधारित योजना का लाभ 11 लाख से अधिक पेंशनधारकों ने उठाया है। इसके तहत नवम्बर, 2017 के दौरान बैंकों के जरिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन जमा किया गया। इस योजना से उन पेंशनधारियों को सहायता होगी, जो वृद्ध और शारीरिक रूप से कमजोर हैं। ऐसे पेंशनधारी देश या विदेश से कहीं भी अपने घर पर बैठकर जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। अद्यतन केंद्र सरकार के बैंकों के जरिए पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशनधारकों के लगभग 93 प्रतिशत पेंशन बैंक खातों को आधार नंबर के साथ लिंक कर लिया गया है।
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