नई दिल्ली: सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) पर खरीदारों एवं विक्रेताओं के लिए आयोजित दो
दिवसीय राष्ट्रीय सलाहकार कार्यशाला का आज शुभारंभ हुआ। इसका आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग के सहयोग से सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) के एसपीवी और वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ डीजीएसएंडडी द्वारा किया जा रहा है।
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘यह सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता हासिल करने की दिशा में एक महान दिन है। आज हमने छह सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। मैं संबंधित राज्यों के प्रतिनिधियों के आगे आने और अपने-अपने राज्यों में सरकारी खरीद के लिए प्लेटफॉर्म के रूप में जेम को अपनाने के लिए उनका धन्यवाद करती हूं। मैं इस बात का अवश्य ही उल्लेख करना चाहूंगी कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निरंतर एवं पूर्ण उत्साहवर्धक मार्गदर्शन तथा समर्थन और सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता लाने संबंधी उनकी प्रतिबद्धता से यह संभव हुआ है।’
श्रीमती सीतारमण ने कहा, ‘मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि जेम को राष्ट्रीय ई-खरीद पोर्टल के रूप में मान्यता दी जा रही है। जेम प्लेटफॉर्म से जुड़ी प्रक्रियाओं को अपनाने से कीमतों में लगभग 20-30 प्रतिशत की कमी जेम पूर्व मूल्यों की तुलना में आई है। अत: इससे यह बात स्पष्ट रूप से साबित होती है कि पोर्टल में अपनाई जा रही प्रक्रियाओं से कीमतें वास्तव में घट रही हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विक्रेताओं को अपना भुगतान प्राप्त करने के लिए चारों ओर भागने की जरूरत नहीं पड़ती है क्योंकि उत्पादों और सेवाओं की डिलीवरी के 10 दिन के भीतर भुगतान कर दिया जाता है।’
आंध्र प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए आंध्र प्रदेश सरकार के सामाजिक कल्याण मंत्री श्री नक्का आनंद बाबू ने कहा, ‘सरकारी ई-मार्केटप्लेस सरकारी खरीद में और ज्यादा पारदर्शिता लाने की दिशा में भारत सरकार की एक महान पहल है। मुझे आंध्र प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए खुशी हो रही है क्योंकि हमारी सरकार प्रशासन में पारदर्शिता एवं दक्षता में विश्वास करती है। इस एमओयू पर हस्ताक्षर करके हमने सार्वजनिक खरीद के एक नए एवं पारदर्शी युग का शुभारंभ किया है।’
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