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वायरल बीमारियों की बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए होम्योपैथी में नई दवाएं और प्रौद्योगिकी विकसित की जाएगी: श्री श्रीपद नाइक

वायरल बीमारियों की बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए होम्योपैथी में नई दवाएं और प्रौद्योगिकी विकसित की जाएगी: श्री श्रीपद नाइक
देश-विदेशसेहत

नई दिल्ली: केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाइक ने आज कोलकाता में डॉ. अंजली चटर्जी क्षेत्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान में भारत की पहली वायरोलॉजी प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। श्रीपद येसो नाइक ने उद्घाटन संबोधन में पश्चिम बंगाल में होम्योपैथी की लोकप्रियता की सराहना की। श्री नाईक ने कहा कि वायरल बीमारियों की उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए होम्योपैथी में नई दवाओं और तकनीकों को विकसित करने के लिए इस प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। आयुष मंत्री ने कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा होम्योपैथी में पीएचडी छात्रों के शोध कार्य करने के लिए इस प्रयोगशाला को मान्यता देने पर संतोष व्यक्त किया।

       8 करोड़ की लागत से इस प्रयोगशाला की स्थापना की गई है,  यह भारत की इकलौती प्रयोगशाला है जहां पर होम्योपैथी के जरिये वायरल बीमारियों, इन्फ्लूएंजा, जापानी इंसेफ़ेलाइटिस, डेंगू, चिकंगुनिया और स्वाइन फ्लू जैसे रोगों के उपचार हेतु अनुसंधान होगा। वायरल रोगों की उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए यहां नई दवाओं और प्रौद्योगिकी का भी विकास किया जाएगा।

आयुष मंत्री ने आयुष मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच) कोलकाता की उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के प्रयासों की सराहना की।

       इस अवसर पर सीसीआरएच, नई दिल्ली की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष डा वी.के. गुप्ता,  आईआईईएसईटी शिबपुर के निदेशक प्रोफेसर अजय कुमार रॉय,  सीसीआरएच, नई दिल्ली वैज्ञानिक सलाहकार समिति सदस्य डॉ. रथिन चक्रवर्ती,  सीसीआरएच नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. राज के मनचंदा, और प्रख्यात वैज्ञानिक इस कार्यक्रम में  मौजूद रहे।

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