नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त, रक्षा और कॉरपोरेट मामले मंत्री श्री अरूण जेटली ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर माल और सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से माल तैयार करने में इस्तेमाल किए जाने वाले पेट्रोलियम उत्पादों पर मूल्यवर्धित कर (वैट) का बोझ कम करने का आग्रह किया है।
वित्त मंत्री द्वारा लिखे गए पत्र में माल और सेवा कर व्यवस्था को देखते हुए देश के विनिर्माण क्षेत्र की पेट्रोलियम उत्पादों की निवेश लागत बढ़ने संबंधी चिंता के बारे में बताया गया है। जीएसटी व्यवस्था से पहले पेट्रोलियम उत्पादों और अंत में उत्पादित माल दोनों पर वैट लगता था तथा विर्निर्माताओं द्वारा प्रयुक्त पेट्रोलियम उत्पादों का इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुमति विभिन्न राज्यों द्वारा अलग-अलग रूप में दी गई। हालांकि जीएसटी लागू होने के बाद उत्पादित माल पर जीएसटी लगता है जबकि विनिर्माण में प्रयुक्त पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट लगने से कर बढ़ जाता है। इसे देखते हुए कुछ राज्यों ने जीएसटी व्यवस्था के पहले माल में प्रयुक्त होने वाली कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस पर वैट की दर 5 प्रतिशत कम थी। कुछ राज्य में विनिर्माण क्षेत्र में प्रयुक्त डीजल पर भी वैट की दर कम थी।
इसलिए श्री अरूण जेटली ने अन्य राज्यों से भी विनिर्माण में प्रयुक्त उन पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट की दर कम करने की संभावनाओं को तलाशने का अनुरोध किया है जिन मदों पर जीएसटी लागू है, ताकि माल लागत पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।