लखनऊ: प्रदेश के गन्ना एवं चीनी उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा के निर्देश के क्रम में गन्ना एवं चीनी आयुक्त श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना उषा एवं उपोषण कटिबंधीय क्षेत्र में उगाई जाने वाली एक व्यवसायिक फसल है, जो भारत के अतिरिक्त अन्य कई देशों में भी उगाई जाती है। इस फसल में कई प्रकार के रोग-कीट का आक्रमण भी होता है, जो अलग-अलग भूभाग या भिन्न देश में अलग हो सकते है। जब कोई रोग से प्रभावित गन्ना प्रजाति का बीज अपने देश में ले आता है और उसकी बुवाई करता है तो संबन्धित रोग इस देश में भी फैलने की संभावना रहती है, जिससे गन्ने की फसल प्रभावित होती है और ऐसे रोग का विस्तार उन क्षेत्रों ने भी होता है, जहां पर यह पहले नही रहती है ।
गन्ना आयुक्त श्री भूसरेड्डी ने की चीनी मिलों, उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद को निर्देश जारी करके यह कहा गया है कि कोई भी चीनी मिल/संस्था अथवा व्यक्ति बिना जानकारी भविष्य में किसी दूसरे देश की गन्ना प्रजाति आयातित कर न उगाये और यदि कोई चीनी मिलध्संस्था किसी विशेष प्रजाति को आयातित करना चाहती है तो भारत सरकार द्वारा निर्गत फनंतंदजपदम च्तवजवबवस के मानकों का पालन करते हुए ही गन्ना प्रजातियों का आयात करें। यदि कोई भविष्य में बिना फनंतंदजपदम च्तवजवबवस का पालन किये किसी गन्ता प्रजाति को आयात करता है और उसके कारण प्रदेश के किसी भाग में अन्य कोई बीमारी फैलती है तो संबंन्धित के विरूद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही के संबंध में विचार किया जायेगा ।