लखनऊ: ग्रीष्मकाल में उपभोक्ताओं को निर्वाध व बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो, पीक आवर में विद्युत की मांग व आपूर्ति में क्राइसिस न हो तथा अधिकारियों की ढिलाई व लापरवाही से बाहर से बिजली न खरीदना पड़े। इसके लिए ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा जी ने आज शक्ति भवन में उ0प्र0 राज्य विद्युत उत्पादन निगम, एनटीपीसी व बीएचईएल के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रगति कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने चालू उत्पादन इकाइयों के लम्बित कार्यों, बन्द इकाइयों के मरम्मत कार्यों और नयी विद्युत परियोजनाओं के निर्माण कार्य के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुये कहा कि विद्युत आपूर्ति में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर ऊपर से नीचे तक के कार्मिकों की जिम्मेवारी तय होगी। अब दोषारोपण किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कागजों पर प्रदेश नहीं चलेगा, बल्कि योजनाओ को जमीनी हकीकत से रूबरू कराना होगा।
ऊर्जा मंत्री ने ओबरा व अनपरा डी की बन्द पड़ी कुल 900 मेगावाट की तापीय विद्युत गृहों की तीनों इकाईयों को गर्मी से पहले पूरी क्षमता के साथ चालू करने व इनकी खामियों को दूर करने के लिए उच्चाधिकारियों को नियमित माॅनीटरिंग करने तथा प्लांट हेड स्तर की व बी.एच.ई.एल. के अधिकारियों के साथ 15 दिनों में समीक्षा करने के निर्देश चेयरमैन को दिये। उन्होंने कहा कि संबंधित प्लांट हेड पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करें, 5 महीने बाद भी इन बन्द पड़ी इकाईयों की हालत सुधरी नहीं, यह कार्यशैली ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कि जर्जर विद्युत व्यवस्था को सुधारना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में है। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उत्पादन निगम की सभी चालू इकाईयां पूरी क्षमता व गुणवत्ता के साथ कार्य करें और बन्द पड़ी इकाईयों में विद्युत उत्पादन शीघ्र शुरू हो, इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य करें।
श्रीकान्त जी ने उत्पादन निगम की हरदुआगंज, पनकी, ओबरा, मेजा, घाटमपुर व जवाहरपुर की नवनिर्मित तापीय परियोजनाओं को पूर्ण गुणवत्ता के साथ समयबद्ध रूप से चालू करने के लिए इनकी नियमित माॅनीटरिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को चालू करने में देरी पर कार्यदायी संस्थाओं व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।
प्रमुख सचिव ऊर्जा व उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने बताया कि आगामी गर्मी के महीनों में विद्युत की मांग बढ़ेगी, जो कि लगभग 100 मिलियन यूनिट से ज्यादा हो सकती है और पीक आवर में यह मांग 400 मिलियन यूनिट तक भी जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की तापीय परियोजनाओं से इस समय 80 मिलियन यूनिट उत्पादन हो रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस वर्ष 30 लाख से ज्यादा नये उपभोक्ता जुडे़ हैं, इसलिए विद्युत मांग में जबरदश्त बढ़ोत्तरी की संभावना है। अतः प्रदेश की उत्पादन इकाइयां ज्यादा से ज्यादा विद्युत उत्पादन सुनिश्चित करें और जो भी मेन्टीनेन्स कार्य करना हो वह अप्रैल से पहले पूरा कर लें, जिससे बाद में शटडाउन की समस्या न आये।
बैठक में प्रबन्ध निदेशक उत्पादन निगम श्री अमित कुमार, राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अधिकारियों के साथ बीएचईएल व एनटीपीसी के अधिकारी उपस्थित थे।