देहरादून: प्रदेश के संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबकारी, पेयजल एवं स्वच्छता, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री प्रकाश पन्त ने विधान सभा के कार्यालय में अधिकारियों के साथ पेयजल विभाग की समीक्षा की।
उन्होंने बन्द एवं आंशिक बन्द पेयजल योजनाओं को शीघ्र ठीक करने के निर्देश दिये ताकि आने वाले ग्रीष्मकाल में लोगों को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुलभ हो सके। उन्होंने जल निगम एवं जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन पेयजल योजनाओं के श्रोत सूख गये हैं, उन बस्तियों मंे टैंकरों के माध्यम से नियमित पेयजल आपूर्ति करें। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों पर समस्त स्टैंड पोस्ट ठीक करने के निर्देश दिये। चारधाम यात्रा मार्ग में पेयजल व्यवस्था की चर्चा के दौरान उन्हें अवगत कराया गया कि यात्रा मार्ग में 189 पेयजल योजनाऐं संचातिल हैं जिनमें से 30 सीजनल हैं तथा इन योजनाओं 249 टी0टी0एस0पी0, 456 पी0टी0एस0पी0 एवं 39 चरही अच्छादित हैं तथा 854 हैण्डपम्प अवस्थित हैं। उन्होंने प्रदेश में संचालित पेयजल योजनाओं को मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम में विकसित करने के निर्देश दिये तथा जिससे लोगों को आॅनलाइन जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने पेयजल की शिकायतों को दूर करने के लिए टोल फ्री नम्बर को और अधिक सक्रिय करने के निर्देश दिये। उन्होंने नमामि गंगे में प्राप्त स्वीकृत धन को समयबद्धता एवं गुणवत्ता से पूर्ण करने हेतु लगातार अनुश्रवण करने को कहा। परियोजना निदेशक राघव लंगर ने बताया कि प्रदेश में 662 करोड़ रूपये लागत की 13 परियोजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी हंै, जिसमें हरिद्वार का 82 एमएलडी क्षमता का प्रोजैक्ट, तथा हरिद्वार का 42 एमएलडी क्षमता के प्रोजैक्ट का अपग्रेडेशन, तपोवन 3.5 एमएलडी क्षमता का प्रोजैक्ट शामिल हैं, तथा 215 करोड़ की लागत के सात नये प्रस्ताव भी स्वीकृत हुए हैं। ये प्रस्ताव बद्रीनाथ, गोपेश्वर, नन्दप्रयाग, श्रीनगर, मुनिकीरेती, स्वर्गाआश्रम तथा श्रीनगर अपग्रेडेशन के हैं। पेयजल मंत्री ने नमामि गंगे प्रोजैक्ट के अन्तर्गत संचालित योजनाओं इडस्ट्रियल वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट, साॅलिडवेस्ट मैनेजमेन्ट पर भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इन योजनाओं के अन्तर्गत बनने वाले स्नान घाटों के रख-रखाव, इलेक्ट्रिक शवदाह के रख-रखाव के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
बैठक में सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकी, प्रबन्ध निदेशक जल निगम भजन सिंह, मुख्य महाप्रबन्धक एस0के0गुप्ता मौजूद थे।