देहरादून: प्रदेश के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य की अध्यक्षता में विधान सभा सभाकक्ष में मा0 उच्चतम न्यायालय की समीति द्वारा सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में दिये गये निर्देशों के अनुपालन हेतु राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित की गइ।
परिवहन मंत्री ने परिवहन विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग, लीड एजेंसी स्थानीय निकाय, आबकारी, शिक्षा और पुलिस प्रशासन इत्यादि सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में सड़क दुर्घनाओं मंे कमी लाने के लिए आपसी समन्वय से कार्य करें और जिस विभाग के अन्तर्गत सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित जो कार्य किये जाने हैं उन्हें शीघ्रता से पुरा करें। उन्होंने राज्य में चयनीत किये गये ब्लैक स्पाॅट को तात्कालिक और दीर्घकालिक तरीके से ठीक करने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करते हुए निश्चित समय सीमा के भीतर अनिवार्य रूप से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार जनपदों में जहाँ सड़क दुर्घटनाओं के अधिकतर मामले सामने आये हैं, इन जनपदों को प्राथमिकता में लेते हुए यहाँ सड़क हादसों को 50 प्रतिशत तक हर हाल में कम करना सुनिश्चित करें। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ अन्य सभी सड़कों पर जितना अपेक्षित सुधार होना चाहिए था, उतना नहीं हो पाया जिसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव वाली अनुश्रवण समिति और जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक लगातार आयोजित करते रहने और उसमें सड़क सुरक्षा से सम्बन्धि कार्यों की लगातार माॅनिटरिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने परिवहन सचिव को निर्देश दिये कि राज्य में ई-परिहवन बस सेवा शुरू करने के लिए सम्बन्धित कम्पनियों/ एजेंसियों से वार्ता की कार्य योजना तैयार करें साथ ही जरूरत के अनुसार वोल्बो बसों का संचालन भी बढाया जाये। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के बिना हेल्मेट, मोबाईल पर बात करना, तेज ड्राईविंग, शराब पीकर वाहन चलाना, ओवर लोडिंग इत्यादि को रोकने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश दिये। श्री आर्य ने परिवहन आयुक्त कुमाऊ मण्डल को आटोमेटिड ड्राईविंग टेस्ट ट्रैक के लिए काशीपुर और अल्मोड़ा में सम्बन्धित जिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए जमीन उपलब्ध करवाने के और सीनेमा घरों प्रत्येक शो पहले सड़क सुरक्षा जागरूकता सम्बन्धित लघु फिल्म बनाने और उसे प्रदर्शित करने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग को देने के निर्देश दिये।
सचिव परिवहन डी सेंथिल पांडियन ने कहा कि जनपद स्तर पर सड़क सुरक्षा के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक माह जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होती रहे, विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे सुधारात्मक कार्यों की लगातार निगरानी सुनिश्चित हो तथा दुर्घटना की स्थिति में सम्बन्धित अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय हो। उन्होंने कहा कि सड़क पर डंेजर जोन, रम्बल स्ट्रीप, ब्रेकर इत्यादि का निर्माण/चिन्हीकरण सड़क सुरक्षा समिति की निगरानी में हो, साथ ही सड़कों पर किसी भी दशा में निर्माण कार्य के दौरान निर्माण सामग्री बिखरी न हो और सम्बन्धित विभागों को कार्य करने के लिए अगर किसी भी तरह की वित्तीय संसाधनों की कमी होती है तो उसका तुरन्त प्रस्ताव प्रेषित किया जाये।
बैठक में समिति द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह समिति में आगे से बीआरओ को भी सम्मिलित करने, नाॅन लेटसेबल सड़क सुरक्षा कोष की राशि बढाये जाने, रोड सेफ्टी आडिट का अनुपालन करने, थर्ड पार्टी बीमा बढाये जाने हेतु अभियान चलाने, सभी वाहनों पर स्पीड गवर्नर लगाने, सभी परिवहन कार्यालयों में बैण्डबिड़र्थ बढ़ाने, गुड स्र्मारिटन सम्बन्धित नियमों के प्रचार-प्रसार पर बल देने, परिवहन विभाग द्वारा वाहन चालकों द्वारा किये गये उल्लंघन पर किये गये चालन और अन्य कार्रवाईयों का ब्यौरा यातायात पुलिस से साझा करने, ट्रफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के चालन की राशि बढाये जाने, राष्ट्रीय राजमार्गों पर हाईवे पुलिसिंग हेतु पुलिस स्टेशन स्थापित करने के लिए नेशनल हाईवे के अधिकारियों को जमीन उपलब्ध करवाये जाने और 108/एम्बुलेंस जैसे वाहनों पर कैमरे लगाने पर सहमति बनी जिससे से एम्बुलेंस को रास्ता न देने वाले वाहन को सड़क सुरक्षा अधिनियम के तहत दण्डित किया जा सके इत्यादि पर सहमति व्यक्त की गई।
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार, आयुक्त गढ़वाल दिलीप जावलकर, अपर सचिव परिवहन हरिश सेमवाल, यातायात निदेशक पुलिस केवल खुराना, अपर आयुक्त परिवहन सुनीता सिंह, अपर आयुक्त नगर निगम देहरादून नीरज जोशी सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।