लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं नेता सदन योगी आदित्यनाथ जी ने गत दिवस विधान सभा में पाये गए पी0ई0टी0एन0 विस्फोटक के सम्बन्ध में आज सदन में वक्तव्य देते हुए कहा कि यह घटना विधान सभा की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने जैसा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की विधान सभा को देश की सबसे बड़ी विधान सभा बताते हुए कहा कि पूरा देश यहां की कार्यप्रणाली पर निगाह रखता है। जनता को यहां की विधान सभा से कुछ नया देखने एवं सुनने की अपेक्षा रहती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान विधान सभा में विभिन्न विषयों पर अच्छी चर्चाओं को आगे बढ़ाते हुए कई फैसले लिए गए हैं। लेकिन जहां विधान सभा रचनात्मक कार्य करने का प्रयास कर रही है, वहीं इस विधान सभा व विधान भवन की सुरक्षा व्यवस्था की भी चिंता करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने स्वयं कई बार विधान भवन की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया है। कई मामलों में सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ कदम भी उठाए हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि विधान सभा की कार्रवाई के दौरान विधान सभा कर्मियों एवं मार्शल को छोड़कर और किसी को अंदर आने की अनुमति नहीं होती है। इसके बावजूद 12 जुलाई, 2017 को यहां उच्च क्षमता का खतरनाक विस्फोटक पाया जाना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को दिए गए विशेषाधिकार के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था में इस प्रकार की चूक की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि किसी एक षड्यंत्रकारी को लगभग 500 से अधिक जनप्रतिनिधियों एवं अन्य कार्मिकों की सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ करने की इजाजत कतई नहीं दी जा सकती।
योगी जी ने इसे गम्भीर घटना बताते हुए विधान सभा अध्यक्ष से पूरे परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़ा कदम उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि विधान सभा में पाया जाने वाला विस्फोटक इसलिए और भी अधिक खतरनाक हो जाता है, क्योंकि इसे डाॅग स्क्वाॅयड द्वारा भी पहचाना नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि विधान भवन की सुरक्षा को लेकर पहले ही गम्भीर प्रयास किए जाने चाहिए थे। अभी तक आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए कोई क्विक रिस्पाॅन्स टीम की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के त्रिस्तरीय प्रबन्ध के बावजूद सुरक्षाकर्मियों में समन्वय का अभाव है।
मुख्यमंत्री जी ने विस्फोटक सामग्री को विधान सभा तक पहुंचाए जाने की घटना को प्रदेश के खिलाफ षड्यंत्र बताते हुए कहा कि यह प्रकरण प्रदेश की 22 करोड़ जनता की भावना से जुड़ा है। इसकी जांच एन0आई0ए0 द्वारा करायी जानी चाहिए, जिससे षड्यंत्र का पर्दाफाश हो सके। उन्होंने विधान भवन परिसर में बिना पास के वाहनों का प्रवेश रोकने पर बल देते हुए कहा कि किसी की तुष्टि के लिए पूरे विधान भवन की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने विधान भवन परिसर में अनावश्यक लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने एवं विधान भवन कर्मियों तथा सदन की सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मियों के वेरिफिकेशन को भी आवश्यक बताया है। उन्होंने पूरे सदन की सहमति लेकर विधान भवन की व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की रणनीति तैयार करने का सुझाव दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि सामूहिक है। इसलिए सभी को सतर्क रहना होगा। सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सभी को सहयोग प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एअरपोर्ट पर स्थापित सुरक्षा व्यवस्था में बिना किसी भेदभाव के सभी सहयोग प्रदान करते हैं। फिर विधान सभा की सुरक्षा व्यवस्था में उसी प्रकार सहयोग प्रदान क्यों नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस विधान सभा में जनता से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की जानी चाहिए, आज उसी विधान सभा में सदन को अपनी ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विचार-विमर्श करना पड़ रहा है।