देहरादून: ‘‘विश्वविद्यालयों में शिक्षा का वातावरण सृजन करने एवं गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए वर्तमान सरकार संकल्पबद्ध है।’’ यह बात उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने विधान सभा स्थित सभागार में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने अधिकारियों से शैक्षणिक कैलैण्डर बनाने तथा निर्धारित समय पर प्रवेश, चुनाव, परीक्षा परिणाम अनुपालन कराने के निर्देश दिये। उन्होंने विश्वविद्यालयों में तिरंगा लगाने तथा राष्ट्रीय गान अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिये। डाॅ0 धन सिंह रावत ने कहा कि स्वच्छता अभियान प्रधानमंत्री भारत सरकार श्री नरेन्द्र मोदी जी का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसको सघन एवं प्रभावी ढंग से चलाने के निर्देश दिये। डाॅ0 रावत ने निर्देश दिये कि हल्द्वानी तथा देहरादून में स्वच्छता अभियान का वृहद कार्यक्रम की तैयारी की जाये, जिसमें मा0 मुख्यमंत्री भी शामिल होंगेे। उन्होंने महाविद्यालयों द्वारा आयोजित स्वच्छता कार्यक्रम में एन0एस0एस0, एन0सी0सी0 तथा अध्यापकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रत्येक विकासखण्ड में एक-एक महाविद्यालय की आवश्यकता पर बल दिया तथा हाल ही में स्वीकृत 20 महाविद्यालयों का प्रस्ताव इस रणनीति के तहत तैयार करने के निर्देश दिये कि जिसके द्वारा लगभग समस्त विकासखण्डों को उच्च शिक्षा से आच्छादित किया जा सके। उन्होंने प्रदेश में अवस्थित सरकारी क्षेत्र के समस्त 100 महाविद्यालयों में शीघ्र भ्रमण करने की जानकारी दी तथा महाविद्यालयों में उपस्थिति की प्रक्रिया ठीक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों को नशामुक्त स्वच्छ एवं हरा-भरा बनाने के लिए वे छात्र संघों, अभिभावकों एवं स्थानीय जनता के साथ जनमत संग्रह करायेंगे तथा उन्होंने उच्च शिक्षा का बेहतर माहौल बनाने के लिए टोल फ्री नम्बर भी जारी करने के निर्देश दिये। उनका मानना था कि यदि शैक्षणिक माहौल का स्तर ऊंचा होगा तो देश का भविष्य(युवा) उज्ज्वल होगा। उन्होंने शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिए मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी को भी निर्देश दिये तथा नयी नियुक्ति पहाड़ों से शुरू करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मुंख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी से उन्होंने निवेदन किया है कि महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों से 200 मीटर की परिधि में मदिरा, गुटका, पान तम्बाकू की दुकानें न हो, इसके लिए उन्होंने कैबनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र में महाविद्यालय स्थापना हेतु अनुशासन के दृष्टिगत महाविद्यालयों में भी ड्रेस कोड लागू कराने पर चर्चा की। महाविद्यालय हेतु भूमि के मानक को शिथिल करने के लिए एन0ए0ए0सी0(नैक) से छूट दिलाने के लिए केन्द्रीय स्तर पर प्रभावी पैरवी का आश्वासन दिया तथा उच्च शिक्षा के लिए केन्द्र से प्रभावी पैरवी के लिए एक सीनियर स्तर के अधिकारी को नामित करने के निर्देश दिये। उन्होंने गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा एवं शोध हेतु, शिक्षण संस्थाओं के लिए केन्द्रीय उपक्रमों से भी विनियोग का आश्वासन दिया यथा ओ0एन0जी0सी0 आदि। उन्होंने दबाव में पूर्व में अनावश्यक शुरू किये गये महाविद्यालयों का रिव्यू करने के निर्देश दिये तथा कम छात्रसंख्या वाले महाविद्यालयों के कारणों पर जानकारी प्राप्त की। उच्च शिक्षा निदेशक बी0सी0मल्कानी ने मंत्री जी को अवगत कराया कि प्रदेश में 5 राजकीय विश्वविद्यालय और 12 निजी विश्वविद्यालय है और 2 निजी विश्वविद्यालय गतिमान हैं। उन्होंने बताया कि कुल 100 सरकारी क्षेत्र में संचालित महाविद्यालयों में 24 महाविद्यालय तराई/मैदान क्षेत्र में हैं, इनमें से गढवाल व कुमायूं के मैदानों में 12-12 महाविद्यालय है।
बैठक में, संयुक्त सचिव लक्ष्मण सिंह, उपनिदेशक पी0के0पाठक, सहायक निदेशक डाॅ0 अनुराग अग्रवाल, डाॅ0 सतपाल सिंह सहानी सहित उच्च शिक्षा के अधिकारी मौजूद थे।